आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं बिजली अफसर-लिया सामूहिक अवकाश

आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं बिजली अफसर-लिया सामूहिक अवकाश

लखनऊ। ऊर्जा निगमों के भीतर शीर्षस्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं शीर्ष प्रबंधन के तानाशाही पूर्ण रवैये के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन से बिजली अभियंता एवं जूनियर इंजीनियरों पीछे हटने को नजर नहीं आ रहे हैं। असहयोग आंदोलन के अंर्तगत अब 6000 से अधिक बिजली अभियंताओं एवं जूनियर इंजीनियरोें की ओर से सामूहिक अवकाश पर जाने के आवेदन प्रबंधन को सौपे गए हैं।

शुक्रवार को ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के तानाशाहीपूर्ण दमनात्नक रवैये तथा शीर्ष स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता व अवर अभियन्ता द्वारा जारी सविनय अवज्ञा एवं असहयोग आन्दोलन के 13वें दिन आज 6000 से अधिक बिजली अभियन्ताओं व जूनियर इंजीनियरों ने 4, 5 व 6 अप्रैल को सामूहिक अवकाश पर जाने के आवेदन प्रबन्धन को सौंप दिये। सामूहिक अवकाश पर जाने वाले अभियन्ताओं में मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता सम्मिलित हैं। सामूहिक अवकाश के शेष 4000 आवेदन पत्र कल 02 अप्रैल को प्रबंधन को सौंप दिये जायेंगे।


विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने आज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा से प्रभावी हस्तक्षेप की अपील करते हुए निवेदन किया है कि वे अभियन्ता संघ और जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता कर उन्हें न्याय दिलाने की कृपा करें, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में व्याप्त औद्योगिक अशान्ति का वातावरण समाप्त हो सके।

संगठनद्वय के पदाधिकारियों वी0पी0 सिंह, प्रभात सिंह, जी0बी0 पटेल, जय प्रकाश ने आज जारी बयान में बताया कि प्रबन्धन के साथ सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं पूर्ण असहयोग के क्रम में 6000 से अधिक बिजली अभियन्ताओं एवं जूनियर इन्जीनियरों ने ऊर्जा निगम प्रबन्धन को सामूहिक अवकाश के आवेदन पत्र सौंप दिये हैं और सामूहिक अवकाश के शेष 4000 आवेदन पत्र कल 02 अप्रैल को प्रबंधन को सौंप दिये जायेंगे।

समस्याओं के निस्तारण हेतु सार्थक कार्यवाही न हुई तो सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं प्रबन्धन के साथ पूर्ण असहयोग के क्रम में आगामी 04, 05 एवं 06 अप्रैल 2022 को सामूहिक अवकाश हेतु बाध्य होना पड़ेगा। ऊर्जा निगमों में ईआरपी प्रणाली खरीद एवं बिजली क्रय करने में उच्च स्तर पर बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार तथा औद्योगिक अशांति के लिये प्रबन्धन पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। इससे जहां प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप सबको बिजली हरदम बिजली के लक्ष्य को पूर्ण कर पाने में बिजली कर्मियों को काफी दिक्कतें आ रही हैं वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगमों में भययुक्त वातावरण एवं नकारात्मक कार्य प्रणाली स्थापित हो रही है। यह न तो प्रदेश हित में है और न ही ऊर्जा निगमों के हित में है।

पदाधिकारियों ने आगे बताया कि ऊर्जा निगमों में आवश्यक न्यूनतम मैन, मनी, मैटीरियल उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने में भी ऊर्जा निगम प्रबन्धन पूर्ण रूप से विफल रहा है एवं अपनी विफलता छुपाने के लिए व संसाधनों की मांग करने वालों व विरोध करने वालों पर दमनात्मक कार्यवाही की जा रही है।

पदाधिकारियों ने बताया कि ऊर्जा निगमों के विभिन्न सेवा संगठनों के संयुक्त संगठन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आंदोलन को सक्रिय समर्थन देते हुए ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक अशांति के समाधान हेतु मा0 ऊर्जा मंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप की अपील की है जिस हेतु दोनों संगठनों ने धन्यवाद ज्ञापित किया है तथा सभी संगठनों से इस संघर्ष में शामिल होने की अपील की है।

उप्र के बिजली अभियन्ताओं एवं जूनियर इंजीनियरों ने प्रदेश में ऊर्जा मंत्री मा. ए के शर्मा जी से प्रदेश की जनता को बेहतर उपभोक्ता सेवा एवं सुचारू विद्युत आपूर्ति प्रदान करने हेतु ऊर्जा निगमों में व्याप्त नकारात्मक, दण्डात्मक, उत्पीड़नात्मक कार्य प्रणाली को समाप्त कर मनोबल बढ़ाने वाली प्रोत्साहनात्मक व स्वस्थ कार्य प्रणाली प्रदान करने हेतु सार्थक हस्तक्षेप किये जाने की अपील की है।

मुजफ्फरनगर जिले में आज 132केवी भोपा रोड बिजलीघर पर हुई विरोध सभा में ई० डी सी शर्मा, ई० राकेश कुमार, ई० ए के वर्मा, ई० सोनम सिंह, ई० यतेंद्र गर्ग, ई० शेखर चंद, ई० पीयूष, ई० नितिन कुमार, ई० देवेंद्र कुमार, ई० सलिल कुमार, ई० प्रियांशु त्यागी, ई० नितिन अरोड़ा, ई० विकास मिश्रा, ई० आजाद धीरेंद्र, ई० राजनरायण यादव, ई० अतुल यादव, ई० गुलशन कुमार, ई० प्रणव चौधरी, ई० मोहित कौशल, ई० आदित्य प्रकाश मिश्रा, ई० प्रवेश पटेल, ई० राजकुमार, ई० शुभम पांडे, ई० सौरभ अग्रवाल, ई० बी बी गुप्ता, ई० यू सी वर्मा, ई० ए के भारती, ई० विकास उपाध्याय समेत सैकड़ों की संख्या में अभियन्ता, जूनियर इंजीनियर उपस्थित रहे।

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