चुनावी रामलीला- बिहार में भी 'श्रीराम' को नहीं भूल पाए योगी

चुनावी रामलीला- बिहार में भी श्रीराम को नहीं भूल पाए योगी

लखनऊ। विजय दशमी से पहले रामलीलाओं की परम्परा रही है। यह परम्परा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से जुड़ी है। महाअभिमानी राक्षस राज रावण ने सीता जी का हरण किया। श्रीराम ने वनवासियों की मदद से रावण और उसकी विशाल सेना को पराजित किया। विजय दशमी के दिन ही श्रीराम ने रावण का वध किया था। रामजन्म से रावण वध तक की लीला का मंचन देश ही नहीं इंडोनेशिया जैसे सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश में भी होता है। कोरोना महामारी के कारण इस साल रामलीलाओं का मंचन वर्चुअल हो रहा है। कुछ प्रसिद्ध स्थानों पर रामलीला हो रही है। उत्तर प्रदेश में रामलीला का इसबार ज्यादा महत्व है क्योंकि अयोध्या में मंदिर-मस्जिद का विवाद हल हो गया। राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वर्ष 5 अगस्त को भूमि पूजन भी किया है। इसीलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब चुनाव प्रचार के लिए 20 अक्टूबर को बिहार पहुंचे तो वहाँ भी वे श्रीराम को नहीं भूल पाए।

योगी आदित्यनाथ ने बिहार चुनाव सभा में अयोध्या में किये गये संकल्प को याद किया। योगी ने कहा, हम कहते थे राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे।अब तो मंदिर का निर्माण शुरू भी हो गया। कांग्रेस, आरजेडी व वाम दल राम मंदिर के निर्माण में बाधक थे, लेकिन हमने जो कहा था, उसके अनुसार पीएम मोदी ने पांच अगस्त को अयोध्या में आकर भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। हमने देश के लिए वादा किया था कि कश्मीर के पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों को पाकिस्तान में घुस कर मारेंगे। ऐसा भी कर दिखाया। लोग कहते थे कि धारा 370 को हटाने से खून की नदियां बह जाएंगी। हमने इस भेदभावकारी प्रावधान को हटाकर कश्मीर को देश के अन्य राज्यों के साथ समरस कर दिया है। उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं तथा बताया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की तरह ही बिहार में मुख्घ्यमंत्री नीतीश कुमार विकास कर रहे हैं। योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बेहतर काम कर रही है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) व कांग्रेस की पूर्ववर्ती शासन पर जमकर कटाक्ष किए। कहा कि बिहार की वर्तमान समस्याओं के लिए आरजेडी व कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारें ही जिम्मेदार रहीं हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस, आरजेडी व वाम दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। इनकी निष्ठा न देश के प्रति है, न गरीबो के प्रति। इनकी निष्ठा स्वयं के प्रति है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों को जब भी सता मिली है, इन लोगों ने सत्ता का दुरुपयोग कर परिवारवाद, आतंकवाद और नक्सलवाद को बढावा दिया है। दूसरी ओर हमने विकास किया, देश का सम्मान भी किया और कोरोना की बीमारी से देश की 135 करोड़ जनता को बचाने का कार्य भी किया।

बिहार में स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 20 अक्टूबर को कैमूर, अरवल तथा रोहतास के विक्रमगंज में तीन रैलियां कीं। इन रैलियों में उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं तथा बताया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की तरह ही बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास कर रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्घ्टार प्रचारक हैं। बिहार में उनके चाहने वालों की बड़ी संख्या को देखते हुए उन्हें चुनाव प्रचार में उतारा गया है। वे बिहार चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारकों में शामिल पार्टी के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया से लेकर कुशीनगर तक सीमा पार बिहार के सिवान, छपरा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण जैसे जिले गोरखपुर से कई मामलों में जुड़े हुए हैं। सीमावर्ती बिहार के छात्र गोरखपुर में पढ़ाई करते हैं तो वहां के लोगों के लिए इलाज और कारोबार का भी बड़ा केंद्र गोरखपुर ही है।

इसके साथ ही गोरक्षपीठ से भी बिहार के लोगों का आध्यात्मिक जुड़ाव रहा है। इन कारणों से योगी आदित्यनाथ का बिहार के खास इलाकों में बड़ा प्रभाव है। अपनी प्रखर हिंदुत्ववादी छवि की वजह से तो उन्हें अन्य जिलों में भी पसंद किया जाता है। योगी आदित्यनाथ के प्रभाव को बीजेपी वोटों में तब्दील कराना चाहती है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने राम का काज किया है। साथ ही जनता से किये वादे भी पूरे किये। अब बिहार में एनडीए की सरकार बनाएंगे तो भगवान राम के दर्शन भी करवाएंगे। योगी आदित्यनाथ का अपनी बात कहने का अलग तरीका है। कैमूर की जनसभा में उन्होंने कहा कि जब बिहार के अंदर आरजेडी की सरकार थी और कांग्रेस समर्थन कर रही थी, उस समय गरीबों को राशन तो नहीं ही मिलता था, पशुओं का चारा भी गायब हो जाता था। यह लालू प्रसाद यादव का नाम लिये बिना उन पर तंज था। योगी ने पाकिस्तान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कश्मीर से आतंकवाद खत्म करके रहेंगे और पाक में पनाह पाने वाले आतंकियों को वहां घुसकर मारेंगे। इस प्रकार बिहार की जनता जो सुनना चाहती थी, योगी ने वही बातें प्रमुखता से उठाईं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार में पहले चरण के चुनाव के लिए छह दिन में 18 रैलियां करेंगे। उन्होंने 20 अक्टूबर को बिहार के कैमूर से चुनाव प्रचार की शुरुआत की। मुख्यमंत्री की पहली जनसभा कैमूर के रामगढ़ विधानसभा में हुई। वहां से वे अरवल के लिए रवाना हुए, अरवल विधानसभा में जनसभा कर रोहतास के काराकाट में सीएम योगी ने तीसरी जनसभा की। इसके बाद पटना एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए रवाना हो गये लेकिन बिहार की जनता के बीच एक राजनीतिक बहस तो छोड ही गये हैं। आदित्यनाथ ने कहा कि एनडीए की सरकार ने सुविधाएं देने में कोई भेदभाव नहीं किया। न क्षेत्र का भेद न जाति का, सबका साथ सबका विकास के भाव के साथ प्रत्येक व्यक्ति को शासन की सुविधा से जोड़ने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। नीतीश कुमार ने भी यही काम बिहार के लिए किया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदी ने गरीबों का खाता खुलवाया। हर घर में शौचालय उपलब्ध कराया। गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया। हर गरीब के घर में रसोई गैस सिलेंडर दिया। हर गरीब को विद्युत का निशुल्क कनेक्शन उपलब्ध कराया। हर गरीब को एक राशन कार्ड से देश भर में राशन की सुविधा दिया। हर गरीब को सालाना पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया। साथ ही हर किसान को छह हजार रुपये सालाना पीएम सम्मान निधि के तहत दिलाए।

सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में अभी जनसभाएं करेंगे। पहली बड़ी जनसभा जमुई में होगी । जमुई सीट से इंटरनेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है। वह बिहार के दिग्गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद पुतुल सिंह की बेटी हैं। जमुई के बाद मुख्यमंत्री भोजपुर के तरारी में जनसभा करेंगे। तीसरी जनसभा राजधानी पटना के पालीगंज विधानसभा में होगी। इस प्रकार कई जनसभाएं करेंगे। (अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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