इलेक्शन ने सड़कों से बसें कर दी है गायब- 2 दिन से भटक रहे यात्री

इलेक्शन ने सड़कों से बसें कर दी है गायब- 2 दिन से भटक रहे यात्री

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव के अंर्तगत 10 फरवरी को प्रथम चरण में होने वाले मतदान में वोट डालने के लिए आ रहे लोगों को बसों की कमी का टोटा झेलते हुए इधर से उधर भटकना पड़ रहा है। लगातार दो दिन से यात्री अपना कीमती समय बर्बाद करते हुए बस अड्डों पर अपने गंतव्य को जाने के लिए बस ढूंढते हुए फिर रहे हैं।

दरअसल उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव के अंतर्गत प्रथम चरण की सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होना है। मतदान कार्मिकों एवं पुलिस फोर्स को संबंधित पोलिंग बूथों पर भेजने के लिए प्रशासन की ओर से प्राइवेट बसों व छोटे वाहनों के अलावा रोडवेज की बसों को भी अधिग्रहित कर लिया गया है। निगम की बसों के प्रशासन द्वारा अधिग्रहित कर लेने के बाद विभिन्न मार्गों पर अब बसों का टोटा खड़ा हो गया है। जिस राजमार्ग पर दिन भर में सैकड़ों बसें इधर से उधर यात्रियों को ले जाने वाले जाने का काम करती थी, अब वहां केवल 10-15 गाड़ियां ही रह गई है। उधर 10 फरवरी को होने वाले मतदान में अपना वोट डालने के लिए अन्य प्रदेशों में गए लोग अपने मताधिकार को वापस लौट रहे हैं। लेकिन बस अड्डे पर बसों की कमी होने की वजह से उन्हें अपने घर तक पहुंचने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अधिकांश लोगों ने मतदान के लिए अपने घर जाने की इच्छा से अवकाश लिया था। लेकिन बस नहीं मिलने से परेशानी बढ़ गई है। बस न मिलने से लोग ट्रेन से सफर कर लेते थे। लेकिन इस समय ट्रेनें भी बहुत कम चल रही हैं। मुरादाबाद से लौट रहे सुशील ने बताया कि 40 साल मेरठ में नौकरी की, मूल रूप से मुरादाबाद का रहने वाला हूं। प्रवेश विहार में अपना मकान है वोट भी वहीं है। खेती बाड़ी देखने मुरादाबाद गया था मतदान के लिए आया हूं। मुजफ्फरनगर बस अड्डे पर मेरठ और सहारनपुर के अलावा शामली, बिजनौर,गाजियाबाद और आनंदविहार के लिए बसों की जबरदस्त मारामारी पिछले दो दिन से है। शाम होने के बाद अनुबंधित बसों को चुनाव ड्यूटी में भेजने का फरमान आ गया। जिससे गाजियाबाद और कौशांबी के लिए भी बसों की कमी हो गई। बस अडडे पर गाजियाबाद से लौटे सलीम ने बताया कि घर से बार बार फोन आ रहा था। उसके साथ गांव के दो साथी और थे, बताया कि मोबाइल कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को होने वाले मतदान में वोट डालने के लिए आये हैं। यहां से अपने घर तक पहुंचने के लिए घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा।

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