बदमाशो को बदहवास करने वाले आनंद कुमार को निर्वाचन आयोग करेगा सम्मानित

बदमाशो को बदहवास करने वाले आनंद कुमार को निर्वाचन आयोग करेगा सम्मानित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौश-ओ-हवास उड़ाकर रख देने वाले आईपीएस अफसर आनंद कुमार इन दिनों ब्यूरोक्रेसी में कुछ अलग चर्चाओं में हैं। उनका नाम उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी के चयन के तहत तय किये गये पैनल में शामिल किया गया है। उनकी सर्विस की उपलब्धियों को देखा जाये तो वह इस पद के काबिल अफसरों में एक पक्के दावेदार भी हैं। उत्तर प्रदेश में आज जनता के बीच सरकार का जो इकबाल बुलंद हुआ है, उसमें सरकार की दृढ़ता तो शामिल ही है, लेकिन अफसरों ने भी गजब का जौहर दिखाया है। कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले आईपीएस आनंद कुमार ने इस सरकार में एनकाउंटर का जो दौर शुरू कराया, वह आज भी जारी है। ऐसा नहीं है कि आनंद कुमार ने केवल अपराधियों को ही बदहवास बनाने का काम किया, उन्होंने जनसरोकार से जुड़े अभियानों में भी आगे बढ़कर काम किया है। इसी का नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा आनंद कुमार को राज्य स्तरीय अवार्ड के लिए चुना गया है। मतदाता दिवस पर उनको सम्मानित किया जायेगा।


आपराधिक पैमाने पर हमेशा ही ऊपर रहने वाले इस राज्य में जब 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा सुशासन का नारे देकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई और गोरखपुर के गोरक्षनाथ मठ के पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में यूपी में सत्ता का नया सफर शुरू किया तो कानून व्यवस्था एक बड़ी चुनौती के रूप में सरकार के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी बनकर उभरी थी। मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जिस अफसर का चुनाव किया, उसने दो साल में कमाल का काम करके दिखाया और अपने अपराधों से यूपी को दहशत की गिरफ्त में लेने वाले कुख्यात बदमाश व अपराधी पुलिस क्रेक डाउन के बाद बदहवास दिखाई दिये। यह अफसर थे 1988 बैच के आईपीएस आनन्द कुमार, जो वर्तमान में पुलिस महानिदेशक कारागार का दायित्व बखूबी संभाले हुए हैं। जिस समय योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने, तो उस दौरान आनंद कुमार मेरठ जोन में एडीजी के पद पर कार्यरत थे। जब सरकार बनते ही मुख्यमंत्री पर सुशासन और अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश का वादा पूरा करने का दबाव बना तो एक काबिल अफसर की तलाश शुरू हुई। मुख्यमंत्री ने इसके लिए आनंद कुमार को ही चुना। उनको एडीजी कानून व्यवस्था बनाया गया। यह जिम्मेदारी संभालने के बाद आनंद कुमार ने 'एग्रीसिव पुलिसिंग' का ऐसा प्रदर्शन किया कि अपराधी चंद महीनों में ही तौबा-तौबा करते नजर आने लगे थे। उन्होंने सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों को अपराधियों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतने और अपराध शून्य जनपदों की स्थापना के निर्देश देते हुए सख्ती से साधा तो पुलिस को मनोबल बढ़ा और सरकार का इकबाल भी बुलन्द होने लगा था। उन्होंने ही एग्रीसिव पुलिसिंग के तहत आॅपरेशन क्लीन शुरू कराया और एनकाउंटर का दौर लौटने के बाद अपराधियों की ऐसी शामत आयी कि जेलों के बाहर भी हाउस फुल के बोर्ड टंगे नजर आने लगे। आनंद कुमार ने एडीजी कानून व्यवस्था रहते हुए प्रदेश में करीब 100 अपराधियों को यमलोक पहुंचाया और हजारों की संख्या में बदमाशों, अपराधियों को जेल जाने के लिए विवश कर दिया।

रायबरेली, गाजीपुर सहित प्रदेश की अन्य जेलों में बंदियों की चिकन काॅकटेल पार्टी की तस्वीरें जेल से ही वायरल होने के बाद हड़कम्प मच गया था। माफिया अतीक अहमद के गुर्गों ने एक व्यापारी का अपहरण करने के बाद उसे देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई की थी। ऐसी घटनाओं के बाद यूपी की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गये थे और कानूनी व्यवस्था पर काबू पाने वाली सरकार के सामने भी चुनौती बनी थी, इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठतम आईपीएस अफसर आनन्द कुमार को डीजी जेल बनाया था। 17 जून 2019 को उन्होंने यह पदभार ग्रहण करने के साथ ही जेलों का दौरा शुरू किया और आज जेलों में सुरक्षा व्यवस्था काफी सुदृढ़ नजर आती है। पहली बार डीजी स्तर के अफसर को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। गौतमबुद्धनगर में होमगार्डों की कथित फर्जी हाजिरी लगाकर करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले के बाद जब सरकार पर सवाल उठे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस आनंद कुमार को दूसरी बड़ी जिम्मेदारी डीजी होमगार्ड्स बनाकर दी।


आनंद कुमार ने अपराधियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृढ़ संकल्प को पूरा करने काम करके दिखाया। इसके साथ ही राज्य में निर्वाचन आयोग के द्वारा चलाये जाने वाले मतदाता जागरुकता और अन्य कार्यक्रमों में भी उनके द्वारा बेहतर कार्य किया गया। चुनावों में उत्कृष्ट पुलिस प्रबंधन और शांति व्यवस्था रही। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश ने आनंद कुमार को बेस्ट इलेक्ट्रोरल प्रैक्टिस अवार्ड-2019 से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। आनंद कुमार को यह अवार्ड उत्तर प्रदेश में एडीजी कानून व्यवस्था रहते हुए किये गये कार्यों को लेकर दिया जा रहा है। इस सम्बंध में राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अवनीश सक्सेना ने सूचना जारी करते हुए बताया कि 10वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 के अवसर पर इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयोग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें डीजी जेल आनंद कुमार को यह अवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।

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