पोस्टमार्टम हाउस पहुंची किसानों की डेड बॉडी, बना पुलिस छावनी

पोस्टमार्टम हाउस पहुंची किसानों की डेड बॉडी, बना पुलिस छावनी

लखनऊ। लखीमपुर में हुई हिंसा में मारे गए चारों किसानों के शव पोस्टमार्टम के लिए भारी सुरक्षा के बीच पोस्टमार्टम हाउस पर लाए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पोस्टमार्टम हाउस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

सोमवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में सरकार के साथ हुई बातचीत के बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अन्य किसानों के साथ हिंसा में मारे गए 4 किसानों की डेड बॉडी को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे हैं। भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ हिंसा में मारे गये किसानों के शवों को पोस्टमार्टम हाऊस तक ले जाया गया। किसानों की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम होने के मद्देनजर समूचे पोस्टमार्टम हाउस परिसर को भीतर से लेकर बाहर तक पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी में चिकित्सकों का पैनल मृतकों की डेड बॉडी के पोस्टमार्टम में लगा हुआ है। उधर पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर गहरा दुख और रोष जताते हुए कहा है कि देश के इतिहास में पहली बार गृह राज्य मंत्री के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। उधर गृह मंत्रालय की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के आग्रह के बाद जारी किए गए आदेशों के तहत लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा के बाद एसएसबी की दो कंपनियां और आरएएफ की एक कंपनी को लखीमपुर खीरी के इलाके में तैनात कर दिया गया था। वही आरएएफ की दूसरी कंपनी कुछ ही देर के बाद इलाके में पहुंच जाएगी।

बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पुलिस बलों की तैनाती की समय अवधि फिलहाल 6 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है। लेकिन सुरक्षाबलों की तैनाती को हालातों को देखते हुए जरूरत के हिसाब से आगे बढ़ाया घटाया जा सकता है। सरकार क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर सजग रहते हुए सुरक्षा में ढिलाई बरतना नही चाहती है।

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