यूपी में उच्च शिक्षा का कॉरिडोर

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लखनऊ। शिक्षा मंदिरों के रास्ते भी संकरे हो गये हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में दो नये विश्वविद्यालय खोलने को मंजूरी दी है। ये दोनों विश्वविद्यालय निजी क्षेत्र में होंगे। एक विश्वविद्यालय पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में और दूसरा लखनऊ के निकट मोहनलालगंज में सरोज इंटरनेशनल विश्वविद्यालय के नाम से होगा।

प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक इंटर कालेजों से छात्र-छात्राओं की इतनी बड़ी संख्या उत्तीर्ण होकर निकल रही है, जिनको मौजूदा समय में विश्वविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिल पाता है। प्रवेश न मिलने से निराश छात्र-छात्राएं दूसरे राज्यों में जाते हैं जहां उन्हें आर्थिक संकट के साथ कई और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अभी तो इन दोनों विश्वविद्यालयों के लिए भूमि आवंटित हुई है, इसलिए जरूरी यह है कि निजी क्षेत्र इन दोनों विश्वविद्यालयों का निर्माण शीघ्र करें। विश्वविद्यालय स्थापना के संबंध में प्राप्त सभी प्रस्तावों को पूरी निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। यूपी में 2022 की इण्टर परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड ने ही 2410971 परीक्षार्थियों का पंजीकरण किया था। इनमें से 19 लाख के करीब उत्तीर्ण हुए थे। लगभग इतने ही बच्चे दिल्ली बोर्ड से उत्तीर्ण होकर आ रहे हैं। इन सभी को प्रवेश देने की क्षमता मौजूदा महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में नहीं है। इसलिए उच्च शिक्षा मंदिरों का कॉरिडोर भी विस्तृत करना पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में नई सरकार का गठन होने के बाद अब योगी सरकार का फोकस नए निजी विश्वविद्यालय खोलने पर है। इसी दिशा में अपने प्रयासों में तेजी लाते हुए प्रदेश में 2 नए निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए योगी सरकार ने मुहर लगा दी है। पहला विश्वविद्यालय गौतमबुद्धनगर में जेबीएम ग्लोबल विश्वविद्यालय और दूसरा लखनऊ में सरोज इंटरनेशनल विश्वविद्यालय के नाम से खुलेगा।

दरअसल अभी हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निजी क्षेत्र के अन्तर्गत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक हुई थी। उस बैठक में समिति के समक्ष निजी क्षेत्र के अन्तर्गत विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में तीन प्रस्ताव रखे गए थे। इसके बाद समिति ने 2 नए निजी विश्वविद्यालय जगदीश बाल मंदिर (जेबीएम) ग्लोबल विश्वविद्यालय गौतमबुद्धनगर और सरोज इंटरनेशनल विश्वविद्यालय लखनऊ को आशय पत्र जारी करने की सिफारिश कर दी है। बैठक में मुख्य सचिव ने साफ कहा कि विश्वविद्यालय स्थापना के संबंध में प्राप्त सभी प्रस्तावों को पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ जांचने के बाद समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। जिन संस्थाओं की औपचारिकताएं पूरी नहीं हैं, उनके साथ बैठक कर उन्हें शीघ्र पूरा कराने की कोशिश की जाए।

निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के सम्बन्ध में औपचारिकतायें पूर्ण करने हेतु जो समय दिया गया है उसे तय समय में पूरा किया जाए। जेबीएम ग्लोबल विश्वविद्यालय, गौतमबुद्ध नगर की स्थापना के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 25 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। वहीं, सरोज इंटरनेशनल विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए लखनऊ विकास क्षेत्र के अंतर्गत चॉदसराय तहसील मोहनलालगंज, जनपद लखनऊ में 25.02 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 4 में किसी नये विश्वविद्यालय के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने तथा धारा 5 में किसी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर मूल्यांकन समिति द्वारा प्रस्ताव का मूल्यांकन किये जाने एवं धारा 6 धारा 5 के अधीन गठित समिति की आख्या मिलने के बाद यदि राज्य सरकार को लगता है कि विश्वविद्यालय की स्थापना किया जाना सही है तो उसे मंजूरी देने का प्राविधान है।

प्रदेश में नए विश्वविद्यालय और महाविद्यालय खोलने की जरूरत है। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा2022 के लिए है पंजीकृत 2410971 परीक्षार्थियों में से 2237578 परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से 19,09,249 को सफलता मिली। सफल परीक्षार्थियों में से 105387 यानी 5.52 प्रतिशत ससम्मान पास हुए। 2020 में 3.41 प्रतिशत ससम्मान पास हुए थे। इस प्रकार ससम्मान पास होने वालों की संख्या 2020 की तुलना में 2.11 प्रतिशत अधिक है। कुल परीक्षार्थियों की संख्या भी बढ़ी।

इस बार सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में कुल 1444341 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 1435366 कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी और कुल 1330662 ने एग्जाम पास किया है। इस प्रकार कुल पास प्रतिशत 92.71 परसेंट रहा।

यूजीसी की तरफ से जारी की गई लिस्ट में उत्तर प्रदेश की कुल 27 यूनिवर्सिटी का नाम है। इस लिस्ट में पहले नंबर पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ का नाम दिया गया है। इसके बाद जिन यूनिवर्सिटी को इस लिस्ट में शामिल किया गया है उनमें एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, मंगलायतन यूनिवर्सिटी अलीगढ़, स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवसिटी मेरठ आदि को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार के आर्थिक आधार पर आरक्षण की घोषणा के बाद तमाम विश्वविद्यालय सीट वृद्धि से जुड़ी कवायद में जुट गए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय में भी सत्र 2019-20 में 10 फीसदी सीटें बढ़ गयीं। लखनऊ विश्वविद्यालय में लगभग 800 सीटें बढ़ गयीं, क्योंकि यूजी में लगभग 3500 और पीजी में लगभग 4500 सीटें वर्तमान में थीं। (हिफी)

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