कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है बचाव ही इसका उपचार है: मुख्यमंत्री

कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है बचाव ही इसका उपचार है: मुख्यमंत्री

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में कोरोना वायरस के नियंत्रण के संबंध में समीक्षा बैठक की।




उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस से सबंधित बहुत महत्त्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक आज की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा डेढ़ महीने पहले से ही इसके लिए पूरे प्रदेश में अलर्ट भी घोषित कर दिया गया था । प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए जो भी आवश्यक सावधानियां और सतर्कता बरती जानी चाहिए थी उसके बारे में एडवाइजरी भी जारी कर दी गई थी ।सरकारी और निजी मिलाकर 24 मेडिकल कॉलेजों में 448 बेड 'आइसोलेशन वार्ड' के लिए सुरक्षित रखे गए हैं ।

चिकित्सकों के प्रशिक्षण हेतु विशेष कार्यक्रम सुनिश्चित किये गए और अब तक 4100 से अधिक चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 'आइसोलेशन वार्ड' बनाए गए हैं। जनपद स्तर पर 820 बेड हमने आरक्षित किए हैं ।




उत्तर प्रदेश में तीन स्थानों पर, लखनऊ में दो जगहों- KGMU और SGPGI में व अलीगढ़ में कोरोना के नमूने लेने की व्यवस्था थी। गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज और BHU में भी जांच के लिए नमूने लेने की तैयारी की जा रही है ।प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना वायरस के नमूने एकत्रित करने की सुविधा को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही इसकी विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की गई है ।

प्रदेश में कोरोना से इंफेक्टेड कुल 11 मरीज पाए गए हैं। जिनमें से दस का उपचार दिल्ली में चल रहा है और एक का इलाज केजीएमयू, लखनऊ में चल रहा है। इनमें से 7 आगरा के, 02 गाजियाबाद के, 01 नोएडा और 01 लखनऊ से हैं। यहां सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कोरोना वायरस एक संक्रामक रोग है इसलिए बचाव ही इसका उपचार है।पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग, ग्राम पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम के प्रति सक्रिय हैं। स्वास्थ्य विभाग भी समस्त प्राथमिक चिकित्सालयों व जिला चिकित्सालयों में जागरूकता कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहा है।

कोरोना वायरस से संबंधित सावधानी व बचावों के बारे में जानकारी देने के लिए बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा विभाग प्रत्येक संबंधित विद्यालय में हैंडबिल, पोस्टर आदि से जागरूकता के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है ।

चिकित्सालयों के विभिन्न चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण देने के लिए समयबद्ध रूप से विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही यह भी निर्देशित किया जा रहा है कि लोग इस बीमारी को लेकर पैनिक न हों ।जिससे हम लोग हर एक व्यक्ति के लिए उपचार की व्यवस्था और आवश्यकता पड़ने पर उसे आइसोलेट करने की व्यवस्था कर सकें ताकि बीमारी का संक्रमण और लोगों तक ना पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग इससे संबंधित नोटिफिकेशन भी निकालने जा रहा है ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा इस बीमारी को एपिडेमिक नहीं घोषित किया गया है। बीमारी के लिए एपिडेमिक ऐक्ट के अंतर्गत कुछ विशेषाधिकार नियत किए गए हैं ।मास्क, ग्लव्स आदि सभी मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध हों, इसके लिए तैयारी की जाए। मास्क, ग्लव्स आदि की कहीं भी, कोई भी कालाबाजारी न करने पाए इसके लिए भी उचित व्यवस्था की जाए ।

स्वास्थ्य विभाग से कहा गया है कि लोगों को बताएं कि जो लोग इससे संक्रमित हों या संदिग्ध हों वही मास्क पहनें। मास्क को लेकर भी अनावश्यक रूप से पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। हरेक व्यक्ति को मास्क लगाने की आवश्यकता नही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा उत्तर प्रदेश में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उत्तर प्रदेश की सीमा नेपाल से जिन स्थानों पर जुड़ती है, उस पूरे सीमावर्ती क्षेत्र के हर नाके पर हमने 'थर्मल एनालाइजर' स्थापित किए हैं। साथ ही राउंड द क्लॉक डॉक्टर्स की एक टीम यहां पर आने जाने वाले लोगों पर नजर रख रही है ।गाजियाबाद, नोएडा और आस-पास के क्षेत्रों पर विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है और प्रत्येक आवश्यक व्यवस्था को तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं ।

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