कोरोना काल में गरीब किसान के लिए मसीहा बने CM योगी

कोरोना काल में गरीब किसान के लिए मसीहा बने CM योगी

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना महामारी के संकट के बीच एक गरीब किसान के लिए मसीहा बने हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीब किसान को 2 लाख की मदद भेजी है। बीमार किसान के इलाज का खर्च भी अब सरकार उठाएगी। कोरोना महामारी के कारण संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार सभी नागरिकों को आर्थिक मदद पहुंचा रही है। संक्रमित व संदिग्ध मरीजों के नि:शुल्क इलाज के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए भी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। मानवीय संवेदनाओं का उत्कृष्ट व अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अनेक औद्योगिक, व्यापारिक व सामाजिक संगठन भी मदद के लिए आगे आए हैं। प्रदेश सरकार इनके सहयोग व योगदान के लिए कृतज्ञ है।

खबरों के अनुसार निगोहां के गरीब किसान रामसेवक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के विवेकाधीन कोष से दो लाख रुपये की मदद राशि भेजी हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार की मदद पाकर रामसेवक के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत धन्यवाद कहा है।

सीएम योगी ने बीमार किसान को 2 लाख रूपए की आर्थिक सहायता भेजी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने बीमार किसान के इलाज का जिम्मा भी उठाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि मोहनलालगंज एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसान के घर पहुंचकर सभी को मास्क वितरित करने के साथ ही 5 हजार रुपए का चेक प्रदान किया।

दरअसल निगोहां क्षेत्र के भगवानपुर के किसान रामसेवक का सरदार पटेल डेंटल अस्पताल में इलाज चल रहा है। पिता के इलाज के लिए उसकी दो बेटियां 14 वर्षीय आशा और 12 वर्षीय शालिनी रिक्शा ट्रॉली से उसे अस्पताल ले जाती थीं। मामला प्रशासन के संज्ञान में आते ही फौरन रामसेवक के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई गई है। इसके साथ ही प्रशासन ने अस्पताल को निर्देश दिया है कि रामसेवक का आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज किया जाए।

जानकारी के मुताबिक, निगोहां के गरीब किसान रामसेवक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेकाधीन कोष से दो लाख रुपये भेजकर किसान की आर्थिक सहायता की हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गरीब किसान रामसेवक को प्रशासन ने खाद्यान्न और भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराया था। इसके साथ ही बीमार किसान के इलाज का जिम्मा भी सरकार ने अब खुद ही उठा लिया है।

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