उत्तर प्रदेश की जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट : योगी

उत्तर प्रदेश की जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट : योगी

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि इस वर्ष (2020-21) का बजट इस सरकार चौथा बजट है। यह उत्तर प्रदेश की जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट है। यह बजट उत्तर प्रदेश को संतुलित विकास के पथ पर अग्रसर करेगा। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में प्रस्तुत किए गए चारों बजट विकासोन्मुखी थे, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील बना रहे हैं। इन बजट में संतुलित विकास की अवधारणा का स्पष्ट दर्शन देखने को मिलता है।





मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ-साथ बजट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता गया। वर्ष 2015-16 में बजट केवल 3,02,687.32 लाख करोड़ रुपए था। लेकिन देखते ही देखते इन 04 वर्षों के दौरान बजट का दायरा 5,12,860.72 करोड़ रुपए हो गया है। इसका सीधा तात्पर्य है कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया गया है। बजट इस बात का भी द्योतक है कि हमने वित्तीय अनुशासन का पूरी तरह से पालन किया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बजट में किसान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, शिक्षा व स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचागत विकास, औद्योगिक निवेश, महिला सशक्तीकरण, युवा कल्याण सहित अन्य बिन्दुओं पर पूरा फोकस किया गया है। युवाओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से सरकारी नौकरियों पर भर्ती की जा रही है। 02 लाख 81 हजार से अधिक प्रदेश के युवाओं को पिछले ढाई वर्ष के दौरान नौकरियां दी गई हैं। पुलिस बल में 1.37 लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी की गई है। इसके अलावा, बेसिक शिक्षा परिषद के तहत 41 हजार 500 शिक्षकों की भर्ती की गई है।





मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने पी0ए0सी0 की 54 कम्पनियां समाप्त कर दी थीं। यह कम्पनियां जनमानस में सुरक्षा के विश्वास का प्रतीक थीं। वर्तमान सरकार ने इन्हें बहाल कर जनता में विश्वास को जगाया है। इसके अलावा, 03 महिला पी0ए0सी0 कम्पनियों के गठन की कार्यवाही प्रदेश सरकार कर रही है। प्रदेश सरकार ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों पर भर्ती के द्वार खोल दिए हैं। इसके अलावा, प्रदेश में निवेश का सुरक्षित माहौल देकर निवेश आमंत्रित कर व्यापक पैमाने पर रोजगार सृजन की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। इसके चलते 35 लाख से अधिक युवाओं को प्लेसमेण्ट, स्वरोजगार, रोजगार, वित्तीय समायोजन के साथ जोड़कर आर्थिक स्वावलम्बन की कार्यवाही की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एम0एस0एम0ई0 सेक्टर पर फोकस करते हुए 'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना लागू की है। परम्परागत कारीगरी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' लागू की गई है। टेक्निकल इंस्टीट्यूशन, इंजीनियरिंग काॅलेज, पाॅलीटेक्निक, आई0टी0आई0, स्किल डेवलेपमेण्ट सेण्टर्स, राज्य विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, मेडिकल काॅलेज इत्यादि में अध्ययनरत युवाओं के प्लेसमेण्ट और रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। यह बजट युवाओं के प्रति समर्पित बजट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसी भी संस्था में सर्टिफिकेट, डिग्री कोर्स करने वाले युवाओं को, जो स्थानीय निकायों और अन्य सम्बन्धित संस्थाओं में इनरोल होंगे, उन्हें 2,500 रुपए प्रतिमाह की सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के दृष्टिगत जनपदों के टेक्निकल इंस्टीटयूशन्स में युवा हब की स्थापना की जा रही है।






मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। बालिकाओं की सुरक्षा एवं स्वावलम्बन के लिए 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना' लागू की गई है। इसके तहत प्रत्येक गरीब बालिका को जन्म से लेकर सर्टिफिकेट और डिग्री लेने तक सरकार 15,000 रुपए का पैकेज उपलब्ध कराएगी। इस योजना से अब तक 02 लाख 60 हजार बालिकाएं आच्छादित हो चुकी हैं। इसके अलावा, कन्याओं के विवाह के लिए 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' लागू की गई है। इसके तहत 01 लाख से अधिक गरीब कन्याओं का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है। महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत सरकार बनने के उपरान्त एण्टी रोमियो स्क्वाड का गठन किया गया था। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कई जनपदों में रेस्क्यू वैन उपलब्ध करायी गईं और हेल्पलाइन नम्बर '181' भी जारी किया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा स्कूल चलो अभियान चलाया गया है। बच्चों को यूनीफाॅर्म, स्वेटर, पुस्तकें, बैग, जूते-मोजे उपलब्ध कराए गए हैं। इसके तहत परिषदीय विद्यालयांे के 1.8 करोड़ बच्चे अब तक लाभान्वित हुए हैं। 'कायाकल्प योजना' के तहत 01 लाख 20 हजार विद्यालयों को आच्छादित किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के मैदान, ओपेन जिम आदि स्थापित किए जा रहे हैं। शहरों में स्थानीय निकाय क्षेत्र में पार्क तथा ओपेन जिम स्थापित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय युवा उत्सव' का आयोजन किया गया, जिसमें देश के 7000 से अधिक युवाओं ने प्रतिभाग किया। प्रदेश में बड़े पैमाने पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। प्रदेश में सुरक्षा का माहौल स्थापित हुआ है, जिससे औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिला है। इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी में विस्तार हो रहा है। सड़कों की फोरलेनिंग की जा रही है। सभी अन्तर्राष्ट्रीय और अन्तर्राज्यीय मार्गों को फोरलेन करते हुए इनकी बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है। हर जिला मुख्यालय को तहसील और तहसील को फोरलेन व टू-लेन से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। सड़कों को बड़े पैमाने पर गड्ढामुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जा रहा है। निर्माणाधीन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्ण होने के उपरान्त पूर्वांचल क्षेत्र के आर्थिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकेगा। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास 29 फरवरी, 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के इर्द-गिर्द डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए डी0पी0आर0 तैयार की जा रही है। प्रदेश के कई जनपदों में मेट्रो रेल सेवा देने की व्यवस्था की जा रही है। कानपुर में मेट्रो रेल स्थापना का कार्य चल रहा है। आगरा में इसके निर्माण की औपचारिकताएं पूर्ण की जा चुकी है । लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा-ग्रेटर त और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल सेवा उपलब्ध करायी जा चुकी है। अन्य शहरों में भी मेट्रो रेल स्थापित करने की दिशा में कार्य चल रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पहला वाॅटर-वे उत्तर प्रदेश को दिया गया, जो वाराणसी को हल्दिया से जोड़ता है। इस वाॅटर-वे के कारण उत्तर प्रदेश देश के अच्छे केन्द्र के रूप में स्थापित हो रहा है। वर्तमान सरकार के प्रयासों से प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी में सुधार आया है। आज प्रदेश में 07 एयरपोर्ट कार्यशील हैं। 11 एयरपोर्ट पर कार्य चल रहा है। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट स्थापित होने जा रहा है। इसके कार्यशील होने के उपरान्त उत्तर प्रदेश को बड़े पैमाने पर रेवेन्यू मिलेगा। वर्ष 2023 में कार्यशील होने के उपरान्त अगले 30 वर्ष में यह 01 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जेनरेट करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई वर्ष के दौरान प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है, जिससे 33 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण है। अपराधों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों का परसेप्शन चेंज हुआ है। राज्य सरकार ने किसान और जवान पर विशेष ध्यान दिया है। शहीद के परिजनों को मुआवजा राशि देने के साथ-साथ उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्राविधान किया गया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के 23 करोड़ नागरिकों को पूरी सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार वर्तमान में 07 जनपदों में पुलिस लाइन की स्थापना कर रही है। इसके अलावा, थाने, पुलिस लाइन, चौकी इत्यादि में पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रहा है। साइबर क्राइम से निपटने के लिए हर रेंज में एक साइबर थाना स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, हर रेंज में एक फाॅरेन्सिक लैब भी स्थापित की जाएगी। पिछले 04 आरोग्य मेलों में 17 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवा की व्यवस्था की गई। राज्य सरकार ने ए0एल0एस0 एम्बुलेन्स की सुविधा हर जनपद में दी। बड़े जनपद में 04 और छोटे जनपद में 03 ए0एल0एस0 एम्बुलेन्स मौजूद हैं। '108' और '102' एम्बुलेन्स सेवा का रिस्पाॅन्स टाइम कम किया गया है। हाॅस्पिटल स्ट्रेन्थनिंग का काम राज्य सरकार ने किया है। मेडिकल काॅलेज के क्षेत्र में क्रान्ति सी आ गई है। वर्ष 1947 से वर्ष 2016 तक प्रदेश में केवल 12 मेडिकल काॅलेज थे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में प्रदेश में 29 नए मेडिकल काॅलेज में काम किया जा रहा है। पिछले वर्ष 07 मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश प्रारम्भ हो गया था। इस वर्ष 08 में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ करने जा रहे हैं। शेष में कार्य प्रारम्भ करने के लिए बजट में व्यवस्था है। राज्य सरकार ने 89 हजार करोड़ रुपए से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेश के किसानों को किया है। रमाला तथा मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल की क्षमता को बढ़ाया है। पिपराइच एवं मुण्डेरवा चीनी मिल को नए सिरे से प्रारम्भ कराया। पिपराइच और मुण्डेरवा चीनी मिल 56 हजार कुन्तल प्रतिदिन प्रति चीनी मिल पेराई कर रही हैं। पहले इनकी क्षमता 700 कुन्तल प्रतिदिन प्रति चीनी मिल थी। पिछले 03 वर्षों से लगातार धान, गेहूं, दलहन, तिलहन, मक्का, आलू के समर्थन मूल्य घोषित करते हुए सरकार किसान को समर्थन मूल्य से ज्यादा पैसा दे रही है। मण्डियों की स्थिति में सुधार हुआ है। 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना तथा कृषि विश्वविद्यालयों को किसानों से जोड़ने का कार्यक्रम आगे बढ़ाया है। वर्षों से लम्बित बाणसागर परियोजना को पूरा कराया है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, मध्य गंगा परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना जैसी लगभग एक दर्जन परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। इनके पूरे हो जाने पर 20 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता बढ़ेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 01 करोड़ 87 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा डेयरी का पुनरुद्धार किया जा रहा है। जहां डेयरी होगी, वहां दुग्ध समितियां गठित की जाएंगी। प्रधानमंत्री जी ने 11 सितम्बर, 2019 को मथुरा से खुरपका व मुंहपका बीमारियों को समाप्त करने के लिए एक अभियान की शुरुआत की। हम इस अभियान को आगे ले जा रहे हैं। प्रदेश में 4,921 आश्रय स्थल बनाए गए हैं। 04 लाख 49 हजार गोवंश को संरक्षित किया गया है। गोवंश नस्ल सुधारने की योजना बनायी है। वैट में उत्तर प्रदेश का रेवेन्यू 51,882 करोड़ रुपए था। जी0एस0टी0 से प्रदेश का राजस्व संग्रह 76,000 करोड़ रुपए से ऊपर हो गया है। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में वर्ष 2016-17 में रेवेन्यू 11,564 करोड़ रुपए था, जो आज 19,179 करोड़ रुपए हो गया है। वर्ष 2016-17 में आबकारी का लक्ष्य 14,273 करोड़ रुपए था, जो वित्तीय वर्ष के अन्त में 31517 करोड़ रुपए पहुंच रहा है। वर्ष 2016-17 में वाहन व यात्री कर 5,148 करोड़ रुपए था, जो आज बढ़कर 7863 करोड़ रुपए हो गया है। विद्युत कर एवं शुल्क पहले 1,555 करोड़ रुपए था, आज यह 3,120 करोड़ रुपए हो गया है। खनन में राजस्व पहले 1544 करोड़ रुपए था, जो अब 4,400 करोड़ रुपए हो गया है। किसी का शोषण भी नहीं, किसी का उत्पीड़न भी नहीं, टैक्स पेयर के पैसे का पूरा सम्मान हो, इसके लिए राज्य सरकार ने जो लक्ष्य रखे, उसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं। पहले उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 42,268 रुपए थी, आज 64,330 रुपए है। नेशनल एवरेज के आधे से ज्यादा हम बढ़ चुके हैं। जब सरकार अपना 05 साल का कार्यकाल पूरा करेगी, तब प्रति व्यक्ति आय नेशनल एवरेज को छूती हुई दिखायी देगी। राज्य सरकार ने प्रत्येक जनपद की जी0डी0पी0 सुनिश्चित करवाई है। नोएडा की प्रति व्यक्ति आय 06 लाख 17 हजार प्रतिवर्ष, जबकि जनपद बलरामपुर की 3,200 रुपए है।

क्षेत्रीय आर्थिक विषमता के कारण यह अन्तर पैदा हुआ। अगर प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय विषमताओं को ध्यान में रखा गया होता, तो यह न होता। हमारी सरकार ने इस ओर कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, चन्दौली, बहराइच, सोनभद्र, चित्रकूट व फतेहपुर जनपद 06 पैरामीटर्स में पिछड़े हैं। राज्य सरकार इन पर फोकस कर रही है। बलरामपुर में के0जी0एम0यू0 का सैटेलाइट सेण्टर चल रहा है। चन्दौली के किसानों ने ब्लैक राइस का उत्पादन शुरू किया है। यह काला नमक चावल से अलग है। ब्लैक राइस की कीमत 300 रुपए प्रति किलो है। हमारा किसान उत्पादन करके उसका निर्यात कर सकता है। काला नमक चावल दुनिया में प्रोटीन से युक्त सबसे अच्छा चावल है। सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिले इसके मुख्य उत्पादक हैं। इसे दुनिया में एक्सपोर्ट किया जा सकता है। शेष उत्तर प्रदेश में मोटा चावल होता है, इसकी अफ्रीकी देशों में बहुत अच्छी मांग है। हम इसे एक्सपोर्ट कर सकते हैं। इसी प्रकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बासमती चावल यूरोप और गल्फ में एक्सपोर्ट हो सकता है। 'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना के परिणाम का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में राष्ट्रीय निर्यात में वृद्धि 8 प्रतिशत थी, जिसके सापेक्ष प्रदेश में निर्यात 3.8 प्रतिशत था। वर्ष 2018 में नेशनल एवरेज 18 प्रतिशत था और उत्तर प्रदेश का 28.2 प्रतिशत यानि देश के अन्दर सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट उत्तर प्रदेश से हुआ। अगर हमें अपने जनपद की इनकम बढ़ानी है, ग्रोथ रेट को बढ़ाना है, तो एक्सपोर्ट को बढ़ाना होगा। इसके लिए सरकार हर जनपद में एक एक्सपोर्ट हब बनाने की तैयारी कर रही है। 'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना में गोरखपुर के लिए टेराकोटा चिन्ह्ति है। इस समय दीपावली पर चीन से गौरी-गणेश की मूर्तियां आ रही हैं। इसे हमारा कुम्हार भी बना सकता है। टेराकोटा की नई डिजाइन देकर हम अपने कुम्हारों को गौरी-गणेश की मूर्ति बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, उसके लिए मार्केट दे सकते हैं। माटी कला बोर्ड के माध्यम से मैनुअल चाक की जगह सोलर और इलेक्ट्रिक चाक दे रहे हैं। अप्रैल से जून तक गांव का तालाब फ्री में दे रहे हैं, ताकि कुम्हार मिट्टी निकाल ले जाए। इससे एक साथ दो कार्य हो रहे हैं। कुम्हारों को मिट्टी एवं जल संरक्षण के लिए तालाब तैयार हो रहा है। वर्ष 2017 में अयोध्या में पहले दीपोत्सव में 51 हजार दीपक जलाए जाने थे। वह दीपक उस समय अयोध्या में नहीं मिल पाए थे। पूरे प्रदेश से उन दीपकों को एकत्रित कराना पड़ा था। वर्ष 2019 के दीपोत्सव में 05 लाख 51 हजार दीपक जलाने का कार्यक्रम था, तब वह दीपक अयोध्या में बनकर मिल गए। प्लास्टिक को इसलिए बैन किया क्योंकि प्लास्टिक गोवंश एवं पर्यावरण के लिए खतरनाक है। जल संरक्षण की दिशा में भी बहुत खतरनाक है। प्लास्टिक पर रोक लगायी गई। लेकिन यह चरणबद्ध तरीके से बन्द होगा। वर्तमान सरकार के पूर्व प्रदेश में 16,264 बैंक शाखाएं थीं। वर्ष 2019 के अन्त तक यह संख्या बढ़कर 18,869 हो गई है। पिछली सरकार के समय बैंक खातों की संख्या लगभग 08 करोड़ 62 लाख थी। आज यह संख्या 16 करोड़ 36 लाख हो गई है। अर्थात इतने गरीबों के बैंक में खाते खुल चुके हैं। सरकार डी0बी0टी0 के माध्यम से उन लोगों तक सुविधा पहुंचाने का कार्य कर पायी है।

वृद्धावस्था पेंशन को 400 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए किया है। पहले 36 लाख निराश्रित वृद्धजन को पेंशन मिलती थी। आज 46 लाख लोगों को यह सुविधा दी जा रही है। पहले 17 लाख के आसपास निराश्रित महिलाओं को पेंशन मिल पा रही थी। आज 23 लाख से अधिक निराश्रित महिलाओं को 500 रुपए की पेंशन उपलब्ध करायी जा रही है। दिव्यांगजन पेंशन को 300 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए किया गया है। पहले लगभग 08 लाख दिव्यांगजन को भी पेंशन नहीं मिल पाती थी। आज 10 लाख से अधिक दिव्यांगजन को यह पेंशन सरकार उपलब्ध करा रही है। इस बार 26 जनवरी को 56 लाख बच्चों को एक साथ स्काॅलरशिप देने का कार्य हुआ। इसमें 28 लाख बच्चे अन्य पिछड़ा वर्ग के, लगभग 05 लाख-सवा पांच लाख सामान्य श्रेणी के और शेष अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे हैं। पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु इस बजट में 1375 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। राज्य में पहली बार किसान के साथ-साथ बटाईदार को भी बीमा योजना का लाभ प्रदेश सरकार देने जा रही है। बटाईदार भी 05 लाख रुपए की आपदा राहत से आच्छादित होगा। यह एक बहुत बड़ा काम हुआ है। प्रत्येक मण्डल में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित करने जा रहे हैं, जिसमें श्रमिकों तथा अनाथ बच्चों को पढ़ाने की सुविधा होगी। श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों के लिए यह एक यूनीक योजना है। चीनी उत्पादन में हमारा प्रदेश नम्बर एक पर है। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी) में पूरे देश में पहले स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन में सबसे अधिक इज्जतघर का निर्माण कराने में भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। इसी प्रकार मनरेगा, रूरल मिशन, ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वराज्य अभियान में प्रदेश को केन्द्र सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया है। कौशल विकास कार्यक्रम को लागू करने में उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बिना भेदभाव के शासन की योजनाओं को प्रत्येक तबके तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर वातावरण देकर अधिक से अधिक निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार ने प्रदेश के संतुलित एवं समग्र विकास के लिए कार्य कर रही है। इसी एजेण्डे को ध्यान में रखकर यह बजट प्रस्तुत किया गया है।

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