काली कमाई-बिजली विभाग का अधिशासी अभियंता दो लाख की रिश्वत लेते दबोचा

काली कमाई-बिजली विभाग का अधिशासी अभियंता दो लाख की रिश्वत लेते दबोचा

मेरठ। लाइन शिफ्टिंग के रूट मैप के पेपर हैंडओवर लेने की एवज में 12 लााख रुपए की रिश्वत मांगने वाले बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता को दो लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। बिजली विभाग के बड़े अधिकारी के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने की खबर से बिजली विभाग के साथ अन्य महकमों में बुरी तरह से हड़कंप मच गया है।

बृहस्पतिवार को विजिलेंस की टीम ने बिजली विभाग में तैनात अधीक्षण अभियंता ग्रामीण प्रथम को उसके कार्यालय से 200000 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद विजिलेंस की टीम आरोपी अधीक्षण अभियंता को पकड़कर सिविल लाइन थाने ले आई और उससे गहनता के साथ पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि अधीक्षण अभियंता ने बिजली लाइन शिफ्टिंग का रूट मैप पेपर हैंड ओवर लेने की एवज में कंपनी के निदेशक से 1200000 रुपए की रिश्वत मांगी थी।

पुलिस ने पीड़ित कंपनी के डायरेक्टर की तहरीर पर आरोपी अधीक्षण अभियंता देवेंद्र चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है दरअसल चंडीगढ़ कि अरविंद इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के डायरेक्टर कुलबीर साहनी ने बताया है कि उनके पास मुरादनगर से लेकर मोदीपुरम तक एनसीआरटीसी के प्रोजेक्ट रैपिड रेल को लेकर बिजली की लाइन को शिफ्ट करने का ठेका है। जिसके चलते अधीक्षण अभियंता ग्रामीण प्रथम ने कुलबीर साहनी से लाइन शिफ्टिंग का रूट मैप पेपर हैंड ओवर लेने की एवज में 1200000 रूपये की डिमांड की थी। इस बात की उन्होंने विजिलेंस विभाग के पास शिकायत की। जिसके बाद विजिलेंस टीम ने पूरी योजना के मुताबिक कुलबीर साहनी को बुला लिया और रिश्वत देेने के लिए लाए गए 200000 रूपये पर केमिकल लगाकर कुलबीर साहनी को भेज दिया। जैसे ही कुलबीर साहनी ने अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में उन्हें रिश्वत के रुपए दिए। उसी समय पहले अपना जाल फैलाये बैठी विजिलेंस की टीम ने अधीक्षण अभियंता को दबोच लिया। टीम अभी आरोपी से पूछताछ कर रही है।



epmty
epmty
Top