वृंदावन में मांस और मंदिरा की बिक्री पर जारी रहेगा प्रतिबंध

वृंदावन में मांस और मंदिरा की बिक्री पर जारी रहेगा प्रतिबंध

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की तीर्थ नगरी वृंदावन में मांस और मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेगा। सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से प्रतिबंध के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया गया है।

मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से वृंदावन में मांस और मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध को जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट की ओर से वृंदावन की सामाजिक कार्यकर्ता

शाहिदा की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया था कि मांस और बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाना चाहिए। याचिका दायर करने वाली शाहिदा ने तर्क दिया था कि लोगों को अपनी पसंद का भोजन और मनपसंद खाना खाने का मौलिक अधिकार है। इसके साथ ही याचिका में स्थानीय पुलिस पर इस प्रतिबंध को लेकर लोगों को पीड़ा पहुंचाने का आरोप भी लगाया गया था।

याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत की ओर से कहा गया है कि भारत विविधताओं का देश है। अगर देश में एकता बनाए रखनी है तो सभी धर्मों और समुदायों का बराबर आदर और सम्मान करना जरूरी है। यही एकता हमारे देश की खूबसूरती है। जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने शाहिदा की जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया है।

दरअसल वर्ष 2021 की 10 सितंबर को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कृष्ण जन्म भूमि के 10 वर्ग किलोमीटर के दायरे में मांस और मदिरा बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मथुरा के फूड प्रोसेसिंग अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं ड्रग में आदेश जारी कर मांस बेचने वाली दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए थे। इसी बात से खफा होकर सामाजिक कार्यकर्ता चाहिदा की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई थी जिसे अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है

epmty
epmty
Top