काल भैरव की जयंती पर शराब से किया बाबा का रुद्राभिषेक
मुजफ्फरनगर। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महाकाल भैरव बाबा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान शिव से काल भैरव जी की उत्पत्ति हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी में यह बहस हो गई कि दोनों में से सर्वश्रेष्ठ कौन है। जब इसका निदान नहीं निकल पाया तो दोनों ही भगवान महादेव के पास गए और उनसे समस्या का समाधान करने के लिए कहा। तब भगवान शिव ने एक ज्योति पुंज प्रकट किया और विष्णु भगवान व ब्रह्मा जी से कहा कि आप दोनों जाओ और इसके आर पार का पता लगाओ। महादेव की आज्ञा से विष्णु भगवान और ब्रह्मा जी उस ज्योतिपुंज के दोनों ओर चल दिए। काफी समय तक भी घूमने के बाद उनको उस ज्योति पुंज कोई भी आरंभ और अंत नहीं पता चल पाया। इस पर दोनों ही वापस भगवान शिव के पास लौट आए भगवान शिव ने पूछा कि क्या अंत और आरंभ का पता चला। विष्णु भगवान ने कहा कि वह इसमें असफल रहे हैं लेकिन ब्रह्मा जी ने झूठ बोलते हुए कहा कि वह ज्योतिपुंज के आरंभ तक हो आए हैं। ब्रह्मा जी के मुख से मिथ्या वचन सुनने के बाद महादेव क्रोधित हो गए और उनके क्रोध से भगवान काल भैरव की उत्पत्ति हुई। भगवान काल भैरव ने अपने नाखून से ब्रह्मा जी के उस पांचवे मुख को काट दिया जिससे उन्होंने झूठा वाक्य बोला था। तभी से प्रतिवर्ष इस दिन काल भैरव बाबा की जयंती मनाई जाती है। गुरु गोरखनाथ आराध्य दर्पण द्वारा प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को नयाबास स्थित श्री त्रिपुर बाला सुंदरी मंदिर में विराजमान भैरव बाबा की सिद्ध मूर्ति का शराब से रुद्राभिषेक किया जाता है। आज काल भैरव बाबा की जयंती पर गुरु गोरखनाथ आराध्य दर्पण के सभी श्रद्धालुओं द्वारा भैरव बाबा का पूर्ण श्रद्धा के साथ शराब से अभिषेक किया गया।
साबर मंत्र साधक प्रवीण गर्ग ने बताया कि कलयुग में भगवान भैरव देव बहुत ही जल्द प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो कि भैरव बाबा का नाम सुनते ही डरने लगते हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि भैरव बाबा भगवान शिव के ही अवतार हैं। जिस प्रकार भैरव बाबा थोड़ी सी पूजा-अर्चना से ही प्रसन्न हो जाते हैं उसी प्रकार भैरव बाबा का यदि नाम भी लिया जाए तो वह भक्तों को अपनी कृपा से निहाल कर देते हैं। गुरु गोरखनाथ आराध्य दर्पण के संस्थापक मनोज सैनी ने बताया कि जो श्रद्धालु पूरे वर्ष अभिषेक में प्रतिभाग करते हैं उन्हें अपने जीवन में आए आमूलचूल परिवर्तन का स्वयं ही पता चल चुका है। भैरव बाबा की महिमा अपरंपार है अतः सभी सत्य सनातन धर्म प्रेमियों को भैरव बाबा की पूजा अर्चना अवश्य ही करनी चाहिए। मंदिर के मुख्य महंत पंडित कृष्ण दत्त शास्त्री और पंडित शिवम शर्मा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भैरव बाबा का रुद्राभिषेक विधि विधान से कराया गया। इस दौरान अनुष्ठान में सहयोग कराने में विद्वान पंडित सचिन शर्मा, पंडित मुनेंद्र कुमार शर्मा, पंडित सोनू शांडिल्य का योगदान रहा। वही इसके अलावा दिल्ली से आए जसमीत सिंह, परविंदर कौर, हनीत सिंह और तेजस्वी द्वारा मां बगलामुखी का यज्ञ कराया गया। यह शत्रु विनाशक महायज्ञ मंदिर के महंत पंडित किशन दत्त शास्त्री के सानिध्य में अनेक विद्वान ब्राह्मणों द्वारा संपन्न कराया गया।
आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से साधक प्रवीण,गुरु गोरखनाथ आराध्य दर्पण के संस्थापक मनोज सैनी, भाजपा नेता रूपेंद्र सैनी, अरविंद बालियान , समाजसेवी नीटू चौधरी , गोरव पवार ,वैभव गोयल ,संजय बंसल,रविन्द्र भटनागर, रजनीश अलीगढ़, उर्मिला शांडिल्य, अमित पटेल , गौरव कुमार सैनी , प्रज्वल सैनी, आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।