जानवरों में जान होता है फिर भी क्यों उनका कत्लेआम होता है?

इंसान ने तो जैसे हैवानियत को भी शर्मसार करने की कसम खाई है तभी तो उसने जानवर पर भी इस कदर कहर बरसाई है।जी हाँ आजकल सोशल मीडिया पर ऐसे ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं,जो इंसानियत को शर्मसार और हैवानियत की हदें पार करने वाले हैं और जो एनिमल्स लवर्स होते हैं, एनिमल्स की फिर हेल्प करते हैं उनको फिर बेवकूफ समझा जाता है। एक सोशल मीडिया पर वीडियो आया था, जिसमें कुत्ते के बच्चे को काट कर उसके मास को सुखाया जा रहा था। क्यों ? खाने के लिए और अभी हाल ही में बदायूं में चूहे की दर्दनाक हत्या चर्चा का केंद्र बन गई है और यह मामला पिछले साल 27 नवंबर 2022 का है।
इसमें मनोज कुमार की क्रूरता की गलती को नजरअंदाज करते हुए लोगों को यह एक मजाक का मुद्दा लग रहा है। वह चूहा है तो क्या हुआ ? वह कुत्ता है तो क्या हुआ ? या वह और कोई भी जानवर है तो क्या हुआ ? जान सब में होती है ,सांस वह भी लेते हैं ,दर्द उन्हें भी होता है, महसूस वह भी करते हैं ,जीना वह भी चाहते हैं। हमारे पास हमारा कॉन्स्टिट्यूशन है और उसमें हमारे सारे फंडामेंटल राइट्स लिखे हुए हैं और हर एक नागरिक को अपना फंडामेंटल राइट पता है तो इसलिए अगर हमारे साथ कुछ गलत होता है ,तो हमें बोलने का अधिकार है।अपनी लड़ाई लड़ने का अधिकार है। लेकिन हमे यह नहीं भूलना चाहिए कि जानवरों की भी एक दुनिया है, मगर हां उनके पास उनका कॉन्स्टिट्यूशन नहीं है शायद इसलिए इंसान उन पर हैवानियत की सारी हदें पार करता है। क्योंकि उनके राइट्स पढ़ने वाला कोई नहीं है ,उनके राइट्स को बताने वाला कोई नहीं है तो इसलिए जिसके जो मन में आए वह उनके साथ करता है।
जी हां एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाला पश्चिम उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक मामला सामने आया है, जिसमें मनोज कुमार नाम के एक शख्स पर एक चूहे की निर्मम हत्या करने का आरोप लगाया गया है। पनवड़िया निवासी मनोज ने 5 महीने पहले 28 नवंबर को एक चूहा रस्सी से बांधा और नाले में डुबोकर मार डाला था। उस समय राह गुजर रहे पशु प्रेमी विजेंद्र शर्मा ने वीडियो बनाते हुए उसे रोकने का प्रयास किया तो मनोज उग्र हो गया । पशु प्रेमी विजेंद्र शर्मा ने बताया जब मैं गांधी ग्राउंड की ओर से पनवाड़ी बिजली घर की ओर आ रहा था। तो एक व्यक्ति वहां पर बनी पुलिया के पास अपने बच्चों के साथ बैठा एक चूहे को पत्थर में बांधकर नाले में डूबा कर मार रहा था। मैंने देखते ही उसे ऐसा करने से मना किया तब वह चूहा जिंदा था। जब मैंने उसे निकालने को कहा तो उसने उसे नाली में फेंक दिया। मैंने जैसे-तैसे चूहे को बाहर निकाला परंतु बाहर आते ही चूहे ने दम तोड़ दिया। विजेंद्र सिंह ने उस आदमी से उसका नाम पूछा तो उस आदमी ने अपना नाम मनोज कुमार बताया और साथ ही साथ कहा कि मैं ऐसे ही मारता हूं और आगे भी मारता रहूंगा जो करना हो कर लेना।
तभी विजेंद्र शर्मा ने चूहे को कितने दर्दनाक तरीके से मारने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत और आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। साथ ही तहरीर में यह भी लिखा, कि मैं चूहा कोतवाली में दे रहा हूं, कृपया पोस्टमार्टम करने का कष्ट करें। पशु चिकित्सा को सूचना दी जा रही है। पुलिस ने चूहे के पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र भी लिखा। लेकिन जवाब में चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि चूहें के पोस्टमार्टम की सुविधा बदायूं में नहीं है और उसके लिए उसके शव को बरेली भेजना पड़ेगा। उस समय उसके विरुद्ध धारा (11) 1L पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम और धारा 429 यानी पशुओं की हत्या या अपाहिज करने का आरोप बनाया गया था।
मनोज कुमार के विरुद्ध 30 पेज का आरोप पत्र चार्ट शीट तैयार किया गया जोकि बता रहा है कि किस तरह पशु क्रूरता की गई। यह आरोप पत्र पिछले सप्ताह कोर्ट में दाखिल कर दिया गया। अब इस प्रकरण में सुनवाई शुरू होगी। देखिए चूहे वाइल्ड लाइफ प्रोटक्शन एक्ट के तहत छोटे जीवो की श्रेणी में आते हैं और एक बेजुबान को नहीं पता होता कि वह आपका क्या नुकसान कर रहा है और यह बात सिर्फ एक चूहे की नहीं बल्कि हर उस बेजुबान जानवर की है, जिसको इंसान बड़ी ही क्रूरता से मार डालता है और आज बात चूहे पर आ गई है तो लोगों को यह एक मजाक का मुद्दा लग रहा है।