गुस्साई महिलाओं ने बीजेपी विधायक को दी चप्पल से वेलकम की चेतावनी

गुस्साई महिलाओं ने बीजेपी विधायक को दी चप्पल से वेलकम की चेतावनी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए वर्ष 2017 में हुए चुनाव के दौरान मतदाताओं से लुभावने वादे करते हुए सत्ता की दहलीज तक पहुंचे भाजपा विधायकों को मतदाताओं की अनदेखी का नताजी नतीजा भुगतना पडने लगा है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से जहां अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई है वही अपनी कार्यशैली को लेकर मतदाताओं से दूर रहे विधायकों के कारण पार्टी को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है। गांव में पहुंचने वाली सड़क का निर्माण नहीं करा सके बीजेपी एमएलए को गांव की महिलाओं की ओर से चप्पलों से वेलकम किए जाने की दो टूक चेतावनी दी गई है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दरअसल वर्ष 2017 के दौरान हुए विधानसभा चुनाव में जनपद बस्ती की महादेवा विधानसभा सीट से जीत हासिल करते हुए भाजपा विधायक रवि सोनकर सत्ता की दहलीज तक पहुंचे थे। महादेवा विधानसभा क्षेत्र के कुदरही ब्लॉक के गांव महुआपार की महिलाओं का आरोप है कि ग्रामीणों द्वारा बीजेपी एमएलए से गांव में पहुंचने वाली सड़क का निर्माण कराने की मांग की गई थी। भाजपा विधायक की ओर से ग्रामीणों को सड़क के निर्माण का आश्वासन दिया गया था। लेकिन भाजपा विधायक का अब कार्यकाल भी समाप्त होने जा रहा है, लेकिन भाजपा विधायक ने सड़क निर्माण के प्रति दिलचस्पी नहीं लेते हुए ग्रामीणों से किए गए वायदे को पूरा नहीं किया है। महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि विधायक की ओर से जल्द से जल्द सड़क का निर्माण नहीं कराया गया तो जब विधायक उनके गांव में वोट मांगने के लिए आएंगे तो उनका स्वागत चप्पलों के साथ किया जाएगा।

महिलाओं ने बाकायदा वीडियो वायरल करते हुए चप्पल लहराकर क्षेत्रीय बीजेपी विधायक को अल्टीमेटम दिया है कि भाजपा की ओर से विकास की बात केवल कागजों में ही नहीं की जानी चाहिए, बल्कि कराया गया विकास धरातल पर भी दिखाई देना चाहिए। महिलाओं ने गांव में जल्द से जल्द सड़क निर्माण के आवाज उठाते हुए कहा है कि नहीं तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी विधायक को अंजाम भुगतना ही पड़ेगा। वीडियो में दिखाई दे रही महिलाओं का कहना है कि गांव में पहुंचने के लिए सड़क नहीं होने की वजह से कई लड़के और लड़कियों की अभी तक इस गांव में शादी नहीं हो पाई है। बीजेपी विधायक रवि सोनकर को उन लोगों ने वोट देने को देकर उत्तर प्रदेश विधान सभा में भेजा था। लेकिन 5 साल में विधायक ने इस गांव के लोगों के लिए एक सड़क तक बनवाने काम नहीं किया है। इसलिए अब उन्हें वोट मांगने के लिए गांव में आने का कोई अधिकार नहीं है।

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