माटीकला बोर्ड के गठन के बाद कुम्हारों की आमदनी में हुई बढ़ोत्तरी- राकेश सचान

माटीकला बोर्ड के गठन के बाद कुम्हारों की आमदनी में हुई बढ़ोत्तरी- राकेश सचान

लखनऊ। उ0प्र0 माटी कला बोर्ड, लखनऊ द्वारा दीपावली के अवसर पर 17 से 23 अक्टूबर 2022 तक सात दिवसीय माटीकला मेला एवं दो दिवसीय माटीकला कार्यशाला का आयोजन डालीबाग स्थित खादी भवन में किया गया है। मेले का उद्घाटन आज खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान द्वारा किया गया। मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से शिल्पकारों एवं कारीगरों द्वारा 75 स्टॉल लगाये गये हैं।

इस अवसर पर राकेश सचान ने कहा कि प्रदेश में हस्तनिर्मित मूर्तियों की लागत अधिक होने से चीन की मूर्तियां बाजार में ज्यादा बिकती रही है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर प्रदेश में आकर्षक, गुणवत्तायुक्त एवं कम लागत की मूर्तियां एवं दीये बनाने की कार्ययोजना तैयार कराई गई और इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अनुश्रवण समिति का गठन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा माटीकला बोर्ड के माध्यम से प्रजापति समाज के व्यक्तियों को बैंको के माध्यम से वित्तीय सहायता एवं सरकार द्वारा मार्जिन मनी उपलब्ध कराते हुए इकाइयॉ स्थापित करायी जा रही है। शिल्पकारों एवं कारीगरों को व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विद्युत चालित कुम्हारी चाक एवं मूर्तिया बनाने हेतु विभिन्न साइज की डाई का निःशुल्क वितरण कराया जा रहा है। प्रदेश में माइक्रो माटीकला कॉमन फैसेलिटी सेन्टर योजनान्तर्गत माटीकला के छोटे-छोटे सामूहिक केन्द्र स्थापित कराकर उन्हे सुविधा सम्पन्न कराये जाने की दिशा में सरकार निरन्तर प्रयासरत है।

राकेश सचान ने कहा कि 18 एवं 19 अक्टूबर, 2022 को 02 दिवसीय माटीकला कार्यशाला का आयोजन भी बोर्ड के परिसर में किया गया है, जिसमें सिरेमिक्स विशेषज्ञ, शिल्प एवं कला महाविद्यालय, लखनऊ राष्ट्रीय ललित कला केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ द्वारा पारम्परिक एवं आधुनिक माटीकला उत्पाद निर्माण तथा टेराकोटा में रिलीव एवं म्युरल कला उत्पाद निर्माण के अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शिल्पकारों को दी जायेगी, जिससे वे अपने उत्पादों को और बेहतर और आकर्षक बना सकेंगे। उन्होंने ने आम जनता से भी अपील की है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोग आये और शिल्पकारों द्वारा मिट्टी से निर्मित कलात्मक एवं आकर्षक कलाकृतियों की खरीदारी कर हस्तशिल्पियों का उत्साहवर्धन करें।

माटीकला मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के उत्कृष्ट शिल्पियों द्वारा निर्मित मिट्टी से बने उत्पादों का भव्य प्रदर्शन एवं बिक्री की जा रही है। प्रदर्शनी में 75 स्टाल लगाये है। माटीकला कारीगरों को निःशुल्क स्टाल आवंटित किये गये हैं। प्रदर्शनी में माटीकला से संबंधित सभी प्रकार के उत्पाद उपलब्ध हैं। माटीकला बोर्ड द्वारा वितरित डाई से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, चुनार की पाटरी, आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, खुर्जा की ग्लेज्ड पॉटरी एवं भिन्न-भिन्न प्रकार के डिजाइनर दीये प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण है। माटीकला प्रदर्शनी में माटीकला व्यवसाय में उपयोग होने वाली पगमिल, ब्लंजर, जिगर जॉली, विद्युत चालित चाक एवं गैस भट्ठी आदि का क्रियात्मक प्रदर्शन के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों को उन्नत किस्म की मशीनों, उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। इससे कारीगर नवीनत्म तकनीक से अवगत हो सकेंगे।

इस अवसर पर उ0प्र0 माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष, ओम प्रकाश गोला, अपर मुख्य सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग एवं महाप्रबन्धक माटीकला बोर्ड, अमित मोहन प्रसाद के अतिरिक्त सचिव, प्रांजल यादव, उपस्थित रहे।

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