मुजफ्फरनगर को लाॅकडाउन से बचाने में जुटा प्रशासन, शहर 16 सेक्टरों में बांटा

मुजफ्फरनगर नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण को ब्रेक करने के लिए राज्य में चल रही जनता कर्फ्यू की कवायद को आगे बढ़ाते हुए जिलों को लाॅकडाउन किया जा रहा है। जनता कफ्र्यू के बाद दूसरे चरण में सहारनपुर और मेरठ सहित 16 जनपदों को 25 मार्च तक लाॅकडाउन कर दिया गया हैं। अभी जनपद मुजफ्फरनगर इससे अछूता है, लेकिन सोमवार की सुबह से ही लोगों के मन में जनपद के लाॅकडाउन होने का संदेह बना हुआ है, ऐसी स्थिति में कई अफवाह भी फैलने लगी है। अब जिला प्रशासन ने अपने जनपद को लाॅकडाउन से बचाने के लिए अनोखी पहल कर स्वैच्छिक बन्द का आह्नान जनता से किया है, इसके लिए व्यापारियों से सहयोग मांगा गया है। वहीं जनपद में मुनाफाखोरी और जमाखोरी रोकने के लिए एसडीएम और मण्डी समिति सचिवों की कमेटी बनायी गयी है, जबकि शहर को 16 सेक्टरों में बांटकर पाबंदी लगाने की योजना पर भी अमल किया जा रहा है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और इसका सिलसिला तोड़ने के लिए देश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू ऐतिहासिक स्तर पर सफल रहा है। अब यूपी में लाॅकडाउन की ओर सरकार बढ़ चुकी है। सहारनपुर और मेरठ जनता कर्फ्यू के साथ ही लाॅकडाउन पर चले गये है।

16 जनपदों में 25 मार्च तक आपातकाल लगा दिया गया है। ऐसे में मुजफ्फरनगर में कुछ राहत नजर आयी है। जनता कर्फ्यू के बाद सोमवार सुबह से जनपद के बाजार खुले और खरीदारों की भीड़ भी उमड़ी है। लेकिन यहां पर लाॅकडाउन का खतरा बना हुआ है। ऐसे में जिला प्रशासन पूरी सतर्कता बरतने के साथ ही मुजफ्फरनगर को लाॅकडाउन की स्थिति से बचाने के लिए हर संभव प्रयासों को सार्थक बनाने में जुट गया है। सबसे पहले शहर में बाजारों को कम से कम स्तर पर खोलने की पहल का अंजाम दिलाने के लिए प्रशासन की तैयारी है। इसके लिए व्यापारियों के साथ मीटिंग करते हुए उनको स्थिति की गंभीरता को समझाया गया। इसमें जिला प्रशासन का यह प्रयास है कि जनपद में कपड़ा, हौजरी, साइकिल, वाहन, इलेक्ट्रिक सामान, शूज शोरूम, चाट-पकौडी, रेस्टोरेंट, होटल, चाय की दुकान, काॅफी हब, जनरन स्टोर आदि अनावश्यक वस्तुओं की दुकानों, शाॅपिंग माॅल्स, काॅम्पलैक्स को स्वैच्छिक सहयोग से बन्द कराया जायेगा। जनपद में केवल किरयाना स्टोर, मेडिकल स्टोर, दूध की डेयरियां और अन्य आवश्यक दुकानों को ही खुला रखे जाने की छूट दी जाये। इसके लिए एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए उत्तर प्रदेश भी लाॅकडाउन की ओर बढ़ चुका है। ऐसे में हमारा प्रयास है कि मुजफ्फरनगर में स्वैच्छिक बंदी करते हुए इसे लाॅकडाउन से बचाया जाये। लाॅकडाउन की स्थिति बनती है तो यह सभी के लिए परेशानी भरा हो सकता है। व्यापारियों से हमने अपील है कि अनावश्यक वस्तुओं की दुकानों को 31 मार्च तक बन्द रखा जाये।

एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मुजफ्फरनगर को लाॅकडाउन होने की अफवाह सोशल मीडिया पर फैलायी जा रही है, ऐसा अभी कोई निर्णय नहीं हुआ हैं, अभी मुजफ्फरनगर खुला है, लेकिन प्रशासन सतर्क है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हमें मिलकर लड़ना है और ज्यादा से ज्यादा सोशल डिस्टेंस की स्थिति को बढ़ावा देना है। इसके लिए ही हमने स्वैच्छिक रूप से बाजार को बन्द करने की तैयारी की है। सामाजिक आंदोलन की तरह इसको सहयोग कर सफल बनाया जाये।

एडीएम प्रशासन ने बताया कि शहर को 16 सैक्टरों में विभाजित कर दिया गया है। इसमें सैक्टर मजिस्ट्रेट को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वह अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण करते हुए मुनाफाखोरी की स्थिति की जांच करें। सवेरे सैक्टर मजिस्ट्रेट अपने अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील रहे। मैं खुद भी मण्डी समिति पहुंचकर स्थिति का अवकोलन कर चुका हूं। अभी तक कोई भी विकट स्थिति नहीं है। मण्डी में सब्जी और फल पर्याप्त रूप से आपूर्ति हो रहे हैं। गुड भी दूसरे प्रदेशों में भेजा रहा है। शहरी क्षेत्र में कहीं भी मुनाफाखोरी की रिपोर्ट नहीं मिली है, फिर भी प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। सैक्टरों मे यह व्यवस्था भी की जा रही है कि आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को ही खुला रखा जाये। इसके अलावा उस क्षेत्र का व्यक्ति सामान खरीदने या घूमने के इरादे से दूसरे क्षेत्र में ना निकले। यह पाबंदी सख्ती से लागू की जायेगी। इसके लिए प्रशासन लोगों पर नैतिक दबाव बनाने का भी काम करेगा। जो लोग मुनाफाखोरी या जमाखोरी में लिप्त पाये जायेंगे, उनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत गंभीर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यदि वह सहयोग प्रदान करें तो हम इस विकट स्थिति में भी अपने जनपद को लाॅकडाउन के संकट से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सभी एसडीएम और मण्डी समिति मुजफ्फरनगर, शाहपुर और खतौली के सचिवों को लेकर कमेटी बनायी गयी हैं। जो मण्डियों के स्तर पर आवश्यक वस्तुओं के दामों की सूची तैयार करेंगी। डीएम को यह सूची प्रस्तुत करते हुए उनकी स्वीकृति के बाद सार्वजनिक किया जायेगा। इस सूची में दर्ज वस्तु के दाम से ज्यादा यदि कोई लेता हुआ पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।

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