लम्पी स्किन डिजीज से ग्रसित 75 प्रतिशत पशु हुए स्वस्थ- मंत्री धर्मपाल

लम्पी स्किन डिजीज से ग्रसित 75 प्रतिशत पशु हुए स्वस्थ- मंत्री धर्मपाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि पूर्वान्चल के शेष 10 मण्डलों में 4.0 लाख खुराक प्रतिदिन 10 दिवस के लक्ष्य के साथ दिनॉक 22.10.2022 तक प्रदेश के कुल गोवंश के सापेक्ष 80 प्रतिशत गोवंशों में टीकाकरण पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा है लम्पी रोग से ग्रसित गोवंश हेतु 20 लाख आइबरमैक्टीन की टैबलेट का क्रय कर उसका वितरण सुचारू रूप से किया जाए। साथ ही बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में भूसे का अतिरिक्त प्रबन्ध भी कर लिया जाय जिससे आवश्यकता पड़ने पर क्षेत्रों में वितरित कराया जा सके और बाढ़ प्रभावित ग्रामों में पशुओं में गलाघोटू बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरण कार्य में तेजी लायी जाये।

पशुधन मंत्री आज यहां विधान सभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में लम्पी रोग के नियंत्रण एवं बचाव हेतु गठित टीम-9 की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उक्त निर्देश दिए। उ0प्र0 में अब तक लम्पी स्किन डिजीज का 1,041,02,000 डोज का टीकाकरण कराया जा चुका है जो प्रदेश के कुल गोवंश का 55 प्रतिशत है। प्रदेश के 06 मण्डलों यथा आगरा,अलीगढ मेरठ, सहारनपुर मुरादाबाद एवं बरेली में 80 प्रतिशत से अधिक एवं कानपुर और झासी मण्डल में 70 प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण कर लिया गया है। अब तक पूरे प्रदेश में कुल 85662 पशु, 5749 ग्रामों में लम्पी स्किन डिजीज से ग्रसित पाये गये हैं जिनमें से 64494 (75 प्रतिशत) इलाज के बाद स्वस्थ्य हो चुके है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, पशुधन डा0 रजनीश दुबे ने मंत्री जी को अवगत कराया कि प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज से बचाव हेत अब तक 1.50 करोड गोट पॉक्स वैक्सीन की खुराक का क्रय आदेश निर्गत किया गया है जिसके सापेक्ष प्रदेश के विभिन्न मण्डलों में 1,37,50,000 खुराक वैक्सीन की आपूर्ति की जा चुकी है शेष वैक्सीन 2 दिनों में पहंुच जायेगी।

बैठक में निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र द्वारा अवगत कराया गया है कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में भूसे का वितरण कराया जा रहा है अब तक 712.8 कुन्तल भुसा वितरित करा दिया गया है। बाढ़ प्रभावित ग्रामों में पशुओं में गलाघोटू बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरण कराया जा रहा है। बाढ़ से अब तक किसी पशु के मृत्यु की सूचना नहीं है।

बैठक में पशुधन मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव, पशुधन के साथ शासन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा गत 06 अक्टूबर से 08 अक्टूबर तक चण्डीगढ़, कुरूक्षेत्र (हरियाणा), एनबीएजीआर (करनाल) के भ्रमण से संबंधित प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया। प्रजेंटेशन में गुरूकुल कुरूक्षेत्र (हरियाणा) के कृषि क्षेत्र ग्राम कैथल की प्राकृतिक खेती, गोशालाओं में उच्च विदेशी एवं स्वदेशी गायों के नस्ल सुधार हेतु वर्गीकृत वीर्य का उपयोग तथा पशुओं में खुरपका, मुंहपका तथा गलाघोटूं की कम्बाइन्ड वैक्सीन का प्रयोग टीकाकरण में किये जाने, राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल हरियाणा में पशुधन और कुक्कुट अनुवांशिक संसाधनों की पहचान मूल्यांकन, लक्षण वर्णन, संरक्षण और सतत उपयोग तथा प्रादेशिक पशु प्रजनन नीति में स्थानीय अनुकूलित देशी पशुओं के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिये जाने, डेयरी पशुओं के उत्पादन एवं प्रबंधन, दूध प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों और उपकरणों के नवाचार, शोध क्षेत्र में बायोटेक्नोलॉजी, पशु प्रजनन-क्लोनिंग द्वारा उच्च गुणवत्ता के पशुधन का विकास आदि के संबंध में चर्चा की गई।

epmty
epmty
Top