210 साल पुरानी रामलीला को एसडीएम ने कराया बंद तो महंत ने त्यागा..

210 साल पुरानी रामलीला को एसडीएम ने कराया बंद तो महंत ने त्यागा..

कानपुर देहात। रामलीला के रंगमंच पर दर्शकों के बीच अपनी प्रस्तुति दे रहे कलाकारों को हडकाते हुए जब मौके पर पहुंचे एसडीएम ने तकरीबन 210 साल पुरानी रामलीला को बंद करा दिया तो भगवान राम के आदर्शों का मंचन देख रहे लोगों में रोष फैल गया। सोमवार की सवेरे अन्न एवं जल त्याग की घोषणा करने वाले साकेत धाम मंदिर के महंत समेत कई अन्य लोगों ने अनशन शुरू कर दिया और रामलीला बंद कराने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठा दी।

दरअसल कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र के साकेत धाम में वर्षों से रामलीला मंचन चला आ रहा है। रामलीला मंचन की जन्म स्थली माने जा जाने वाले साकेत धाम पर जब रविवार की देर रात रामलीला के रंगमंच पर कलाकार भगवान राम से जुड़े प्रसंगों पर अपनी प्रस्तुति दे रहे थे और रामलीला देखने आए लोग ध्यान लगाकर इस मंचन को देख रहे थे तो उसी दौरान मेथा एसडीएम महेंद्र कुमार अपने लाव लश्कर के साथ पहुंचे और रामलीला के रंगमंच पर अपनी प्रस्तुति दे रहे कलाकारों को हडकाते हुए रामलीला का मंचन बंद करा दिया।

कारण पूछे जाने पर एसडीएम ने दो टूक कहा कि रामलीला मंचन की बाबत प्रशासन से आयोजकों द्वारा अनुमति नहीं ली गई है। इस पर रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने कहा कि पुलिस की रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज लगाकर इसका आवेदन उनके कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया गया था। लेकिन उसके ऊपर अभी तक भी एसडीएम ने हस्ताक्षर नहीं किए है।

काफी देर तक हुई बहस के बाद भी एसडीएम ने रामलीला के मंचन की अनुमति नहीं दी।

सोमवार को जब इसकी जानकारी कस्बे के लोगों को हुई तो उनमें आक्रोश फैल गया। लोगों की भीड़ देखते ही देखते साकेत धाम मंदिर पर इकटठा हो गई और मंदिर के श्री महंत संत कुमार समय कई अन्य लोग अनशन पर बैठ गए।

इस दौरान मंदिर के महंत ने जल व अन्न त्याग की घोषणा करते हुए अपना अनशन शुरु कर दिया। पुलिस ने अनसन पर बैठे लोगों को समझाने का प्रयास भी किया लेकिन अब लोग एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठा रहे हैं।

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