KGMU के 2 प्रोफेसर भ्रष्टाचार मामले में बर्खास्त

KGMU के 2 प्रोफेसर भ्रष्टाचार मामले में बर्खास्त

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के 2 प्रोफेसर डॉ. आशीष बाखलू और डॉ. नीतू सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। डॉ. आशीष बाखलू और डॉ नीतू सिंह पर वित्तीय अनियमितता सहित अन्य कई गंभीर आरोपों में बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की कार्य परिषद ने यह कार्यवाही की है।

सोमवार को केजीएमयू (KGMU) की कार्य परिषद की 42वीं बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता (KGMU) केजीएमयू वीसी एमएलबी भट्ट ने की। इसमें कहा गया कि डॉ. आशीष बाखलू, प्रोफेसर, पेडियाट्रिक सर्जरी विभाग को केजीएमयू में सीपीएमएस स्थापित करने के लिए मार्च 2010 में नोडल अफसर नियुक्त किया गया था। इस दौरान कई गंभीर प्रशासनिक, वित्तीय अनिमितताएं सामने आईं। कार्यपरिषद द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ.आशीष बाखलू के खिलाफ अनुशासनात्मक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। इस 6 सदस्यीय समिती में वीसी और कुलसचिव के अलावा लोकायुक्त और रिटायर्ड जस्टिस, हाईकोर्ट थे। उनके अनुमोदन के बाद डॉ. आशीष बाखलू को आरोप पत्र जारी किया गया।

आरोप पत्र पर डॉ. आशीष बाखलू की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। आरोपों में उन्हें गंभीर दोषी पाया गया। इसके बाद अनुशासनात्मक समिति द्वारा अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश की गई। इसे कार्य परिषद ने 19 मार्च 2020 को अनुमोदित कर दिया। जांच समिति द्वारा डॉ. आशीष बाखलू को सीपीएमएस कार्य में प्रशासनिक, वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया है। उन्होंने केजीएमयू (KGMU) में प्रोफेसर पद पर रहते हुए एल्गोरिद्म इन्फोवेब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बिना अनुमति के चलाकर निजी व्यवसाय चलाया। उनके द्वारा एक अन्य कंपनी विक्रांत कुमार मेसर्स फ्लूड फैंटासी को लाखों रुपए की मदद की गई।

वहीं डॉ. नीतू सिंह, सह आचार्य (नॉन मेडिकल), सीएफएआर के खिलाफ 19 अक्टूबर 2019 को कार्य परिषद द्वारा अनुशासनात्मक समिति गठित की गई। 1 जनवरी को आरोप पत्र जारी किया गया लेकिन पर्याप्त अवसर देने के बाद भी डॉ. नीतू सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया। जांच रिपोर्ट में डॉ. नीतू सिंह को शोध प्रोजेक्ट से संबंधित कार्यों में अनुचित दबाव, अनियमितताओं आदि अन्य कदाचार का दोषी पाया गया है।

epmty
epmty
Top