पेराई सत्र 2019-20 हेतु मुरादाबाद परिक्षेत्र की गन्ना सुरक्षण बैठक सम्पन्न

पेराई सत्र 2019-20 हेतु मुरादाबाद परिक्षेत्र की गन्ना सुरक्षण बैठक सम्पन्न
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लखनऊ। पेराई सत्र 2019-20 हेतु डालीबाग, लखनऊ स्थित लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान के सभागार में आज मुरादाबाद परिक्षेत्र की गन्ना सुरक्षण बैठक संजय आर. भूसरेड्डी, आयुक्त, गन्ना एवं चीनी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में मुरादाबाद परिक्षेत्र के 5 जिलों-बिजनौर, अमरोहा, सम्भल, मुरादाबाद एवं रामपुर की 22 चीनी मिलों से सम्बन्धित गन्ना क्षेत्र आवंटन पर विस्तृत चर्चा की गई।

मुरादाबाद परिक्षेत्र की 22 चीनी मिलों की कुल पेराई क्षमता 1,40,400टी.सी.डी. है और कुल अनुमानित गन्ना उत्पादन 3,958.06 लाख कुन्तल है। इस पेराई सत्र में मुरादाबाद परिक्षेत्र की 22 चीनी मिलों ने संचालन की तिथि प्रस्तावित कर दी है चीनी मिलों को प्रस्तावित तिथि अक्टूबर माह के अन्तिम सप्ताह तक चलाने के निर्देश दिये गये है। गत पेराई सत्र 2018-19 में मुरादाबाद क्षेत्र की 22 चीनी मिलों ने 1,981.80 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई कर 233.69 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया था।

संजय आर. भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि सभी गन्ना कृषक अपनी समस्याओं से सम्बन्धित सूचनाओं हेतु गन्ना विभाग के टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर एवं गन्ना पर्ची से सम्बन्धित षिकायत 1800-103-5823 तथा खेती से सम्बन्धित सूचना 1800-180-1551 पर सम्पर्क करते रहे जिससे उनकी समस्याओं का यथाशीघ्र निवारण किया जा सके, उन्होंने किसानों को फार्म मशीनरी बैंक के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की और ट्रेंच प्लाटिंग तथा ड्रिप इरीगेशन और सहफसली कृषि अपनाने की सलाह भी दी।

गन्ना आयुक्त द्वारा किसानों से अपील की गई कि गन्ने की फसल में अनावश्यक पेस्टीसाइडस का इस्तेमाल न करें, किन्तु आवश्यकता हो तो अनुकूल समयावधि में ही इसका इस्तेमाल कम से कम करें, उन्होंने गन्ने के रोग लाल सड़न (रेडराट) के निवारण की तकनीक पर भी प्रकाश डाला तथा इससे बचने के लिए नई अगैती गन्ना प्रजाति ब्व्.0118ए ब्व्.98014 को भी अपनाने की सलाह दी जिससे किसी एक प्रजाति पर निर्भरता कम हो सके। इसके साथ ही गन्ना आयुक्त द्वारा कृषकों द्वारा नाबार्ड योजना के अन्तर्गत पूर्ण अनुदान मिलने की बात भी बतायी गई। गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि उत्तर भारत की पिपराइच चीनी मिल पहली चीनी मिल होगी जो सीधे जूस से एथनाल बनायेगी। आने वाले वर्षों में कुल 51 डिस्टलरियां चलेंगी जिससे शक्कर के दाम कम होने पर भी गन्ना मूल्य भुगतान में सुगमता होगी।

बैठक में गन्ना किसानों और समिति प्रतिनिधियों द्वारा गन्ना आवंटन के संबंध में अपने सुझाव प्रदान किये तथा परिक्षेत्र के किसान प्रतिनिधियों ने अपनी मांग रखते हुए अनुरोध किया कि पूर्व से स्थापित क्रय केन्द्रों में कोई परिवर्तन न किया जाये तथा गन्ना आयुक्त द्वारा किये गये सुधारों और घटतौली व गन्ना माफियाओं पर लगाये गये प्रतिबंध के लिये उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया और बताया कि गन्ने की कालाबाजारी पर प्रतिबंध लगा है और गन्ना किसानों का शोषण रूका है।

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