उत्तर प्रदेश के 08 जिलों में अपराध निरोधक सेक्टरों का होगा पुर्नगठन

उत्तर प्रदेश के 08 जिलों में अपराध निरोधक सेक्टरों का होगा पुर्नगठन
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश के क्रम में आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह के अनुमोदन से उत्तर प्रदेश सरकार ने आबकारी अपराध निरोधक क्षेत्रों सेक्टरों का पुनगर्ठन करने तथा इन नवसृजित क्षेत्रों, बाॅण्ड अनुज्ञापनों, थोक अनुज्ञापनों के पर्यवेक्षण हेतु आबकारी निरीक्षकों के पदों का पुर्नआवंटन करने का निर्णय लिया है। इसके सम्बंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं।

प्रमुख सचिव, आबकारी ने अवगत कराया कि आबकारी अपराध निरोधक क्षेत्रों का पुनर्गठन करके इन क्षेत्रों, बाण्ड अनुज्ञापनों, थोक अनुज्ञापनों के पर्यवेक्षण के लिए आबकारी निरीक्षकों के पदों का पुर्नआवंटन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके सम्बंध में आबकारी आयुक्त को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।

आबकारी विभाग के सृजन से आतिथि तक सृजित विभिन्न इकाइयाँ जैसे अभियोजन, फार्मेसी एवं बंधित आबकारी गोदाम, जो विभिन्न समयों पर सृजित किये गये थे तथा जी.एस.टी. एक्ट, 2017, इत्यादि के परिणामस्वरूप अब इन तीनों इकाइयाँ की आवश्यकता नहीं रह गयी है और यहां पर तैनात विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारीगण हैं।

आबकारी विभाग के द्वारा क्रियान्वित किये जा रहे आबकारी, शीरा, भांग अधिनियमों एवं नियमावलियों के लिए जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की आवश्यकता है, उनकी शनैः-शनैः सेवानिवृत्ति के कारण काफी कमी आयी है और उन्हीं संवर्गों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपर्युक्त वर्णित बंद इकाइयों में तैनात हैं, को विभागीय एवं जनहित में तत्काल विभाग को पुनर्गठित कर विभागीय प्रवर्तन कार्यों में लगाया जाये, जिससे विभागीय कार्यों के क्रियान्वयन में, विशेषकर अधिनियमों एवं नियमावलियों के प्रवर्तन कार्यों में स्टाफ की कमी के कारण जो कठिनाई आ रही है और इसके फलस्वरूप अवैध शराब एवं विषाक्त शराब के प्रभावी रोकथाम में जिलों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी के फलस्वरूप तत्काल प्रभावी कार्यवाही करने में जो कठिनाई एवं विलम्ब हो रहा है, उसे तत्काल प्रभावी रूप से सम्पन्न किया जा सकता है।

इसमें किन्हीं नये पदों का सृजन नहीं किया जायेगा तथा इसमें शासन पर कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं आयेगा जो विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पुनर्गठन का है, जिसमें कोई नये पदों की मांग नहीं है और अतिरिक्त व्यय भार भी नहीं है, अपितु वर्तमान में एम.एन.टी.पी. एक्ट, 1955 एवं एम.एन.टी.पी. रूल्स, 1956 के समाप्त हो जाने के परिणामस्वरूप प्रदेश में संचालित बंधित औषधि निर्माणशालाओं में आबकारी निरीक्षकों के स्वीकृत कुल 37 पदों का औचित्य समाप्त हो चुका है।

विभागीय प्रवर्तन कार्यों में आबकारी आयुक्त के कार्यालय को बल मिलेगा और अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अनुपलब्धता के कारण गत माहों में जो विभिन्न जनपदों एवं ग्रामीण अंचलों में स्टाफ की कमी के कारण विभाग के प्रवर्तन कार्य प्रभावी रूप से न होने के कारण जो घटनायें घटित हुई हैं, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और शासन को किसी असामंजस्यपूर्ण स्थिति का सामना न करना पड़े, में सार्थक सिद्ध होगा।

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