लाॅकडाउन के बाद अनलाॅक में पहली बार सबसे ज्यादा लोगों ने की यात्रा

लाॅकडाउन के बाद अनलाॅक में पहली बार सबसे ज्यादा लोगों ने की यात्रा

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि गाड़ियों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है। जिससे कोरोना संक्रमण के उपायों की जानकारी दी जा रही है। अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि उच्च न्यायलय के आदेश पर प्रदेश की जेलों से कैदी को पैरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में स्पेशल ट्रेन से श्रमिकों को लाकर सरकार उनके घर पहुंचाने का काम कर रही है। अवनीश कुमार ने बताया कि लाॅक डाउन के बाद अनलाॅक में पहली बार सबसे ज्यादा लोगों ने यात्रा की है।

अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि जिला प्रशासन ने अब तक कुल 11,036 गाड़ियों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है, जिससे लोगों को कोरोना के बचाव के उपायों की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा 2,378 स्थानों पर भी स्थायी लाउड स्पीकर लगाकर लोगों को कोरोना से सम्बंधित उपायों की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जेल से कैदी को पैरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया गया है। 25 जून को कुल 17,963 कैदी छोड़े गये हैं। उन्होंने बताया कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के निर्देश पर 26 जून तक 695 बाल कैदी पैरोल पर छोड़े गये। अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 53 अस्थायी कारागार बनाई गई है जिसमें से 3380 भारतीय तथा 63 विदेशी कैदी हैं। उन्होंने बताया कि कल प्रदेश में 6080 रोडवेज की बसें संचालित की गयी जिनमें से 7,01,226 लोगों ने यात्रा की। उन्होंने बताया कि लाॅक डाउन के बाद अनलाॅक में पहली बार सबसे ज्यादा लोगों ने यात्रा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 2744 हाॅट स्पाॅट के 820 थानान्तर्गत 8,41,774 मकानों के 53,07,232 लोगों को चिन्हित किया गया है।

अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 1658 श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से 22,37,254 लोगों को प्रदेश में लाकर उनके घरों तक पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों के ईंट भट्ठा श्रमिक जो प्रदेश में कार्य कर रहे थे उनको उनके राज्य में भेजे जाने की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है। प्रदेश सरकार द्वारा अब तक अन्य राज्यों के ईंट भट्टा श्रमिकों को 82 ट्रेन के माध्यम से 1,42,767 ईंट भट्टा श्रमिकों को सकुशल, सुरक्षित रूप से ससम्मान उनके घर भेजा जा चुका है। इनमें 19 ट्रेनों के माध्यम से 33,990 श्रमिकों को छत्तीसगढ़, 55 ट्रेनों के माध्यम से 94,473 श्रमिकों को बिहार, 5 ट्रेनों के माध्यम से 8,751 श्रमिकों को उड़ीसा व 3 ट्रेन के माध्यम से 5,553 श्रमिकों को झारखण्ड राज्य में भेजा जा चुका है।

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