ग्रामीण महिलाओं को गन्ने से रोजगार दिलाएगी योगी सरकार

ग्रामीण महिलाओं को गन्ने से रोजगार दिलाएगी योगी सरकार

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण महिलाओं को खेती किसानी से जोड़कर उन्हें रोजगार मुहैया कराने में जुट गई है। गन्ने की खेती मे महिला रोजगार सृजन हेतु गन्ना विकास विभाग ने अनूठी पहल कर ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने हेतु स्वंय सहायता समूह तैयार कर उन्हे गन्ने की नर्सरी तैयार करने के लिये प्रशिक्षित करने की योजना तैयार की है । गन्ने की बुवाई हेतु सिंग्ल बड एंव बड चिप के माध्यम से नर्सरी तैयार कर सीडलिंग के वितरण से स्थानीय स्तर पर आय सृजन होगा । गन्ना नर्सरी तैयार करने का कार्य अधिक श्रम साध्य न होने के कारण महिला उद्यमियों द्वारा आसानी से अपनाया जा सकता है । एन.एफ.एस.एम. के निर्देशानुसार सीडलिंग उत्पादन हेतु रूपया 3.50 प्रति सीडलिंग के अनुसार अनुदान देय होगा। कार्यक्रम क्रियान्वयन हेतु परिक्षेत्र स्तर पर उप गन्ना आयुक्त एंव जिला स्तर पर जिला गन्ना अधिकारी के अध्यक्षता मे समिति बनेगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एंव गन्ना मंत्री सुरेश राणा के निर्देशों पर प्रदेश के प्रमुख सचिव एंव आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों के सेवायोजन के लिए अनूठी पहल की गयी है । इस सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए प्रमुख सचिव एंव आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के गन्ना परिक्षेत्रों मे परम्परागत रोजगार के अतिरिक्त अन्य रोजगार सम्भावनाओं पर कार्य किया जाना महिला श्रमिकों के हित मे आवश्यक है। प्रदेश मे नकदी फसल के रूप मे गन्नें की खेती बडे पैमाने पर होती है, तथा गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों मे रोजगार की अपार सम्भवनायें विद्यमान है । उन्होनें बताया कि गन्ने की बुवाई हेतु सिंगल बड एंव बड चिप के माध्यम से नर्सरी तैयार किये जाने एंव इनमे तैयार सीडलिंग के वितरण से आय अर्जन का कार्य अधिक श्रम साध्य न होने के कारण महिला उद्यमियों द्वारा भी अपनाया जा सकता है। जिसके दृष्टिगत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने हेतु स्वयं सहायता समूह तैयार कर उन्हें सिंगल बड एंव बड चिप के द्वारा गन्ने की नर्सरी तैयार किये जाने हेतु प्रशिक्षित एंव प्रोत्साहित किया जा सकता है। गन्ने की खेती मे महिला रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही इस कार्यक्रम से नवीन बुआई तकनीकों को अपनाकर गन्नें की उत्पदाकता मे वृद्धि के साथ-2 गन्नें की नवीन किस्मों का आच्छादन भी बढाया जा सकता है

इस कार्यक्रम की रूप रेखा के सम्बन्ध मे प्रमुख सचिव एंव आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि गन्ना विकास परिषद एंव चीनी मिल स्तर पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा ग्रामों का चयन कर महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाया जायेगा तथा गन्ना विकास परिषद एंव चीनी मिल द्वारा संयुक्त रूप से इन समूहों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी । उन्होंने बताया कि आवश्यक मशीनें यथा सम्भव अनुदान के माध्यम से एंव चीनी मिल द्वारा निःशुल्क वितरण कर उपलब्ध करायी जायेगी। एन.एफ.एस.एम. द्वारा स्थापित प्रर्दशनी मे गन्ने की बुआई महिला सहायता समूह द्वारा तैयार सीडलिंग द्वारा अनिवार्य रूप से की जायेगी । एन.एफ.एस.एम. के निर्देशानुसार सीडलिंग उत्पादन हेतु रूपया 3.50 प्रति सीडलिंग के अनुसार अनुदान देय है। जिले स्तर पर स्वंय सहायता समूह के गठन, प्रशिक्षण, सीडलिंग के वितरण की जिम्मेदारी जिला गन्ना अधिकारी की होगी तथा पर्यवेक्षण उप गन्ना आयुक्त का होगा। गन्ना आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि गन्ने की खेती मे महिला रोजगार सृजन के माध्यम से सेवायोजन के नये द्वार खुलेगे तथा रोजगार के विकल्प उपलब्ध होनेे के कारण महिला श्रमिकों का मनोबल भी बढेगा तथा आय सृजन होने से श्रमिक वर्ग के जीवन स्तर मे सुधार आयेगा, और यह वर्ग ग्रामीण स्तर पर ही गरिमामय जीवन यापन कर सकेगा। प्रमुख सचिव एंव आयुक्त, गन्ना एंव चीनी संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा इन समस्त क्रिया कलापों मे भारत सरकार एंव प्रदेश सरकार तथा कोविड-19 के सम्बन्ध मे जारी गाईड लाईन के अनुसार सोशल एंव फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश भी दिये गये है।

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