जेलों के सुधार के लिए हुई अहम बैठक

जेलों के सुधार के लिए हुई अहम बैठक

लखनऊ अपर मुख्य सचिव गृह एवं कारागार अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक कारागार मुख्यालय के सभागार में हुई, जिसमें शासन तथा कारागार विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक में नयी कारागारों के निर्माण हेतु भूमि अर्जन की कार्यवाही, निर्माणाधीन कारागारों को पूर्ण करने, निर्माणाधीन बैरकों को पूर्ण करने, 5 उच्च सुरक्षा जेलों के निर्माण सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं की समीक्षा की गयी तथा समस्याओं के अतिशीघ्र निस्तारण का आदेश दिया गया।




निर्माणाधीन जिला कारागार श्रावस्ती का उद्घाटन माह मई, 2020 में किये जाने हेतु तीव्रगति से शेष निर्माण कार्यों को पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया। कारागारों के आधुनिकीकरण हेतु मशीनों/उपकरणों की व्यवस्था तथा क्रियाशीलता की समीक्षा करते हुए यह निर्देशित किया गया कि कारागारों में वीडियो कान्फ्रेसिंग उपकरणों द्वारा सभी कारागारों में धारा-167 सीआरपीसी के अन्तर्गत निरूद्ध शतप्रतिशत बंदियों की रिमाण्ड की कार्यवाही निर्देशों के अनुरूप सुनिश्चित की जाये, जिससे की व्यक्तिगत रूप से उपस्थित कराने में हो रहे की पेशी के दौरान पलायन की घटनाओं को रोका जा सके। कारागारों में हो रही गतिविधियों की सीसीटीवी कैमरों को हटाकर प्रस्ताव को अतिशीघ्र स्वीकृत करने की कार्यवाही हेतु निर्देेशित किया गया। हापुड़ जनपद में प्रस्तावित जेल के निर्माण हेतु भूमि अर्जन की कार्यवाही में तेजी लाने हेतु लव कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार को निर्देशित किया गया। कारागारों में बंदियों मोबाइल के प्रयोग उद्देश्य से स्थापित 2जी तथा 3जी उच्चीकरण करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया।




कारागारों में मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण पाये जाने पर कठोर दण्ड दिये जाने हेतु प्रिजन्स एक्ट 1894 की धारा-3 के अन्र्तगत 43 में संसोधन का प्रस्ताव शासन में लम्बित है, जिसमें आ रही तकनीकी बाधाओं को दूर करके अगली कैबिनेट बैठक में स्वीकृति हेतु रखे जाने के निर्देश दिये गये, उत्तर प्रदेश में के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये गये।




कारागारों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने हेतु वर्तमान में उपलब्ध थ्री नाॅट थ्री राइफल 9 एमएम पिस्टल आदि शस्त्रों के स्थान पर कारागारों में उपयोगी नाॅन लेथाल वेपन्स और अत्याधुनिक शस्त्र उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये।





बैठक में पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार आनन्द कुमार द्वारा जेल वार्डरों की भर्ती में हो रहे विलम्ब को दृष्टिगत रखते हुए कारागारों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पीएसीी के 997 जवानों को कारागार विभाग में ड्यूटी हेतु उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर विचार करने तथा इसके अतिरिक्त यह भी अनुरोध किया गया कि जेल वार्डरों की ट्रेनिंग हेतु 5 पुलिस ट्रेनिंग सेन्टरों (पीटीसी) में जेल वार्डरों की ट्रेनिंग हेतु आवश्यक व्यवस्था कराने के प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध अपर मुख्य सचिव महोदय से किया गया। अपर मुख्य सचिव द्वारा यह अपेक्षा की गयी कि जेलों की सुरक्षा, बंदियों के पुर्नवास, कल्याण तथा जेलों के आधुनिकीकरण से सम्बन्धित शासन की प्राथमिकताओं के बिन्दुओं पर तीव्रगति से कार्यवाही की जाये तथा पत्राचार में लगने वाले समय को न्यूनतम करने की कार्य संस्कृति पर अमल किया जाये। बैठक के विभिन्न बिन्दुओं पर कारागार विभाग की कार्यवाही पर अपर मुख्य सचिव द्वारा संतोष व्यक्त करते हुए बैठक को सफल बनाने के लिए बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।


बैठक में वी के जैन, अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशिक्षण एवं विकास, डॉ शरद, अपर महानिरीक्षक मुख्यालय कारागार, आरपी पाण्डे तथा एसकेपाण्डे विशेष सचिव, करूणेश कुमार सिंह, उप सचिव, कृष्ण कुमार सिंह, अनु सचिव उप्र शासन तथा राजेश कुमार पाण्डे वित्त नियंत्रक कारागार मुख्यालय, लव कुमार पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय, बीपी त्रिपाठी उप महानिरीक्षक कारागार कानपुर परिक्षेत्र, बीआर वर्मा उप महानिरीक्षक कारागार प्रयागराज परिक्षेत्र, संजीव त्रिपाठी उप महानिरीक्षक कारागार आगरा/मेरठ परिक्षेत्र, अम्बरीश गौड़, वरिष्ठ अधीक्षक मुख्यालय, केबी जोशी, शोध अधिकारी कारागार मुख्यालय, आर केे बालियान सहायक अभियंता कारागार मुख्यालय, संतोष कुमार वर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी कारागार मुख्यालय तथा अनेक अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।

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