हमारे पर्व समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्परा के प्रतीक हैं : योगी

हमारे पर्व समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्परा के प्रतीक हैं : योगी

मथुरा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद मथुरा में 'रंगोत्सव' कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर राधा बिहारी इण्टर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण एवं राधे का प्राकट्य इस धरा धाम पर हुआ था। हमारे पूर्वजनों ने उस समृद्ध परम्परा को आज भी उसी संजीवनी के साथ संजोए रखा है। मथुरा के कण-कण में बिहारी जी और राधा जी का दर्शन होता है, इसीलिए पूरी दुनिया यहाँ आती है। मथुरा की सात्विकता, वैष्णो भाव, पवित्रता को देखकर दुनिया को भक्ति की शक्ति का अहसास होता है।





वर्तमान सरकार यहां की परम्परा व संस्कृति की उन्नति के लिए कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जनपद के मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, बलदेव, गोवर्धन, गोकुल तथा महावन इन सभी 07 पवित्र स्थलों को तीर्थ स्थल का दर्जा दिया है। इन स्थलों का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं भौतिक विकास करने के लिए उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। हमने अपनी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक परम्परा को दुनिया के सामने रखा है। ब्रज की परम्परा के प्रति सभी को गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।





मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पर्व समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्परा के प्रतीक हैं। तीन वर्ष पूर्व, अयोध्या में 'दीपोत्सव' कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया था। भक्ति में शक्ति होती है। इसी का परिणाम है कि अयोध्या में भव्य राम मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने परम्पराओं से जुड़ने का कार्य किया है। काशी में 'देव दीपावली', प्रयागराज में 'कुम्भ', शक्तिपीठों में शारदीय व बासंतीय नवरात्रि, गंगा-यमुना की आरती का कार्यक्रम शुरु किया है। गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने का कार्य किया गया है। इसी तरह से आने वाले दिनों में यमुना जी पूरी तरीके से निर्मल होंगी। नदी हमारी संस्कृति हैं। नदी से हमारा माँ का सम्बन्ध है।





मुख्यमंत्री ने कहा कि उ0प्र0 ब्रज तीर्थ के विकास परिषद के माध्यम से ब्रज क्षेत्र का विकास किया जाएगा। मथुरा को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें कोई कमी नहीं आड़े आने नहीं दी जाएगी। सरकार ब्रज क्षेत्रवासियों को शुद्ध व मीठा पेयजल उपलब्ध करायेगी। इसके लिए कार्य योजना तैयार की गयी है। जल संचयन हेतु तालाबों का पुनरुद्वार किया जा रहा है। गोवर्धन जी के परिक्रमा क्षेत्र को विकसित करने के लिए 177 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी है। गोवंश को संरक्षित करने का कार्य वर्तमान सरकार ने किया है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि 11 सितम्बर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहीं से खुरपका/मुहंपका समाप्त करने के लिए अभियान शुरु किया था। इससे दुग्ध की गुणवत्ता बेहतर होगी और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग बढ़ेगी। टीकाकरण के बाद इन गोवंशों को ईयरटैग किया जा रहा है। निराश्रित गोवंश को संरक्षण देने वालों को राज्य सरकार द्वारा 900 रुपये प्रतिमाह प्रति गोवंश दिया जा रहा है। गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौ आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने गौ रक्षा के लिए यहाँ के संतों की प्रशंसा करते हुए कहा कि गौ माता की सेवा करने से बांके बिहारी गोपाल कहलाए। ब्रज क्षेत्र में खारे पानी की समस्या दूर की जाएगी। खारापन दूर होगा तो खेती भी अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में किसानों की फसल नष्ट हो जाने पर 123 करोड़ रुपए आपदा निधि से वितरित किए गए थे। उन्होंने कहा की इस वर्ष भी फसल के नुकसान हेतु 57 करोड़ रुपए भेजे जा चुके हैं।

कार्यक्रम के उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने बरसाना स्थित माताजी गौशाला में श्री श्याम लक्ष्मी गो चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन किया। उन्होंने गौ पूजन करने के पश्चात गोवंश के महत्व एवं ब्रज की संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बरसाना में श्री राधे बिहारी जी के दर्शन किए और पर्यटन विकास केन्द्र, वृन्दावन पर पहुँचकर सन्तों से वार्ता की। मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दर्शन किए।





उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद मथुरा के वृन्दावन स्थित टूरिस्ट फैसिलिटी सेण्टर में साधु-सन्तों से भी भेंट की। उन्होंने कहा कि भारत में सन्तों की परम्परा समृद्धशाली रही है। जब देश का कोई भी पक्ष सुप्त अवस्था में होता है, तो उसे जागृत अवस्था में लाने के लिए सन्त शक्ति समय-समय पर अपने स्वरूप दर्शन व मार्गदर्शन से प्रेरित करती रही है। सन्तों ने अपना आशीर्वाद केवल मानव मात्र ही नहीं, जीवों को भी दिया है। उन्होंने प्रयागराज कुम्भ की चर्चा करते हुए कहा कि इसको दिव्य व भव्य बनाने के लिए सन्तों के साथ बैठक कर उनके सुझाव प्राप्त किए।



कार्यक्रम के दौरान रामदेवानन्द सरस्वती महाराज, फूलडोल बिहारी दास महाराज, बलराम दास, सुंदरदास, ब्रज बिहारी राज, वृन्दावन दास, सुतीक्षण नंद महाराज, रामप्रवेश दास, सच्चिदानंद महाराज, गोपी दास तमाल, कृष्णदास, पुरुषोत्तम दास, ब्रह्मचारी रामस्वरूप दास सहित अन्य सन्तों ने कुम्भ के विषय में अपने-अपने सुझाव दिए। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने ब्रज के सन्तों का शाॅल ओढ़ाकर सम्मान किया।





इस अवसर पर दुग्ध विकास एवं पशुधन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी , ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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