राज्य खाद्य आयोग ने कोटेदार और पूर्ति निरीक्षक के विरूद्ध की कड़ी कार्यवाही

राज्य खाद्य आयोग ने कोटेदार और पूर्ति निरीक्षक के विरूद्ध की कड़ी कार्यवाही

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आयोग के सदस्य डा0 मो0 इस्माईल खाँ ने बताया कि जनपद प्रतापगढ़ में शिव नारायण उचित दर विक्रेता और सप्लाई इंस्पेक्टर द्वारा बिना किसी प्रक्रिया और कार्यवाही के मनमानी ढंग से लाभार्थियों के नाम काटने एवं जोड़ने, राशन कार्ड जारी करने की तिथि राशन वितरण के एक माह पहले की डालने और राशन कार्ड जुड़ने की अंकित तारीख के तीन माह बाद से राशन दिये जाने, और उस तीन माह के बीच फिर से लिस्ट में फेरबदल कर कोटेदार और पूर्ति निरीक्षक द्वारा लिस्ट में फेरबदल कर मोटी रकम कमाने के सम्बन्ध मंे आयोग द्वारा कड़ी कार्यवाही की गयी है।

आयोग ने उचित दर विक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार निरस्तीकरण की कार्यवाही करने, उपजिलाधिकारी पट्टी प्रतापगढ़ तथा पूर्ति निरीक्षक का उत्तरदायित्व निर्धारित कर, इनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही कराने के साथ ही जिला पूर्ति अधिकारी प्रतापगढ़ का स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं।

डा0 मो0 इस्माईल खाँ ने बताया कि नेहा राजेन्द्र, रविशंकर वर्मा, हरिकेश कुमार वर्मा, शान्ती आदि निवासी, ग्राम सभा पदुमपुर, विकास खण्ड मंगरौरा, तहसील पट्टी, जनपद प्रतापगढ़ द्वारा उचित दर विक्रेता और सप्लाई इंस्पेक्टर के विरूद्ध कतिपय शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसके परीक्षण के लिए आयोग द्वारा जिला शिकायत निवारण अधिकारी/जिला पूर्ति अधिकारी, प्रतापगढ़ को जांच कर, आख्या उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

डा0 मो0 इस्माईल खाँ ने बताया कि आयोग के पत्र 30 मई 2019 द्वारा प्रकरण की सुनवाई 14 जून 2019 को निर्धारित करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी/जिला शिकायत निवारण अधिकारी प्रतापगढ़ को पत्र प्रेषित किया गया, किन्तु सुनवाई में न तो जिला पूर्ति अधिकारी प्रतापगढ़ उपस्थित हुये और न ही इनका कोई प्रतिनिधि उपस्थित हुआ। पुनः आयोग ने 12 जून 2019 द्वारा प्रकरण की सुनवाई 20 जून 2019 निर्धारित करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी/जिला शिकायत निवारण अधिकारी प्रतापगढ़ को पत्र प्रेषित किया, जिसकी सुनवाई में जिला पूर्ति अधिकारी प्रतापगढ़ के स्थान पर प्रदीप सिंह, पूर्ति निरीक्षक उपस्थित हुये। इनके द्वारा अवगत कराया गया कि पत्रावली जिलाधिकारी के यहां उचित दर विक्रेता की दुकान के निरस्तीकरण हेतु लगी है और कार्यवाही हेतु समय मांगा गया।

सदस्य ने बताया कि आयोग के पत्र 21 जून 2019 द्वारा प्रकरण की सुनवाई 03 जुलाई 2019 निर्धारित करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी/जिला शिकायत निवारण अधिकारी प्रतापगढ़ को पत्र प्रेषित किया गया, किन्तु उक्त तिथि को सुनवाई में कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। आयोग ने पुनः प्रकरण की सुनवाई 10 जुलाई 2019 निर्धारित करते हुए जिला पूर्ति अधिकारी/जिला शिकायत निवारण अधिकारी प्रतापगढ़ को पत्र प्रेषित किया, जिसमें जिला पूर्ति अधिकारी प्रतापगढ़ के स्थान पर श्री प्रदीप सिंह पूर्ति निरीक्षक उपस्थित हुये।

उन्होंने बताया कि तत्समय जिला पूर्ति अधिकारी प्रतापगढ़ के पत्र के साथ संलग्न जिला पूर्ति अधिकारी प्रतापगढ़ के पत्र 09 जुलाई 2019 द्वारा जांच में पायी गयी अनियमितताओं के क्रम में दुकान का अनुबन्ध निलम्बित कर दिया गया। इसके अतिरिक्त जिला पूर्ति अधिकारी प्रतापगढ़ के पत्र 09 जुलाई 2019 द्वारा शिथिल पर्यवेक्षण हेतु प्रदीप सिंह पूर्ति निरीक्षक को कठोर चेतावनी निर्गत की गयी।

सुनवाई के समय उचित दर विक्रेता के 07 जून 2019 के बिक्री अभिलेखों का अवलोकन किया गया, जिसमें 30 कार्डधारको के सापेक्ष मात्र 12 उपभोक्ताओं के हस्ताक्षर/अंगूठा लगवाये गये हैं, यही स्थिति लगभग अन्य पृष्ठों पर भी है और एक ही कार्डधारक को 7 से 8 कार्डधारकों का खाद्यान्न दिया गया, किन्तु हस्ताक्षर/अंगूठा नही लगवाये गये हैं। प्रस्तुत बिक्री अभिलेख वितरण को संदिग्ध व फर्जी दर्शित करते है, जो अनुबन्ध की शर्तो व उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन) आदेश, 2016 के प्राविधानों का उल्लंघन है जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा-3/7 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है।

उत्तर प्रदेश आवश्यक वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन) आदेश, 2016 एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का उल्लंघन किए जाने के आरोप में नियमानुसार दुकान के विरूद्ध नियंत्रण आदेशों में प्राविधानित उपयुक्त कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए थी, किन्तु उपजिलाधिकारी पट्टी और सम्बन्धित पूर्ति निरीक्षक द्वारा नहीं की गयी।

डा0 मो0 इस्माईल खाँ ने बताया कि पत्रावली के अवलोकन में पाया गया कि आयोग के पत्र 26 सितम्बर 2018 के क्रम में श्री प्रदीप सिंह पूर्ति निरीक्षक द्वारा दिनांक 28 सितम्बर 2018 को जांच की गयी, जिसमें उल्लिखित है कि विक्रेता द्वारा मिट्टी तेल में घटतौली गयी। कतिपय राशन कार्डधारकांे को माह अगस्त 2018 में केवल 01 लीटर मिट्टी तेल का वितरण किया गया है। अधिकांश कार्डधारकों में माह सितम्बर 2018 के खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है। उचित दर विक्रेता मिट्टी तेल वितरण में घटतौली करना तथा माह सितम्बर 2018 के खाद्यान्न का अधिकांश कार्डधारकों में वितरण दिनांक 28 सितम्बर 2018 तक न करना शासकीय आदेशों, शासनादेशों में निहित प्राविधानों, अनुबन्ध पत्र की शर्तो एवं उत्तर प्रदेश वस्तु (विक्रय एवं वितरण नियंत्रण का विनियमन), आदेश 2016 का खुला उल्लंघन है।

जांच में पाये गये दोषी विक्रेता से लगभग 08 माहों तक वितरण कराना और पत्रावली जिलाधिकारी तक न प्रेषित करना उपजिलाधिकारी, तहसील पट्टी एवं सम्बन्धित पूर्ति निरीक्षक, द्वारा पूर्ण रूप से लापरवाही बरती गयी है और विक्रेता को अनुचित लाभ पहुॅचाया गया है। इनके द्वारा कोटेदार के साथ हमसाज होकर भ्रष्टाचार, व्यावर्तन एवं कालाबाजारी को बढ़ावा दिया गया। आयोग को भ्रमित एवं गुमराह करने का प्रयास किया गया।

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