चिन्हित स्वच्छकारों को विभागों द्वारा संचालित योजनाओं से लाभान्वित कराया जाये

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वासन अधिनियम-2013 में निहित प्राविधानों का कठोरता से पालन किया जाये तथा उल्लंघन की दशा में एफ0आई0आर0 दर्ज करने की कार्यवाही करायी जाये।

ये बातें प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री आज यहां गोमतीनगर स्थित सिडको के सभाकक्ष में ''हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों'' के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वासन अधिनियम-2013 के तहत राज्य स्तरीय निगरानी समिति की छठी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं। मंत्री रमापति शास्त्री ने ''हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों'' के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वासन अधिनियम की समीक्षा करते हुए पंचायतीराज, आवास, नगर विकास तथा ग्राम्य विकास, समाज कल्याण विभाग सहित आदि विभाग के अधिकारियों से कहा कि स्वच्छकारों को आउटसोर्सिंग पर नौकरी दिये जाने में प्राथमिकता दी जाये, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा किये गये सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश में अबतक कुल 28,758 स्वच्छकार चिन्हित किये गये है जिसके सापेक्ष 15164 स्वच्छकारों को 40 हजार के हिसाब से कुल 6065.60 लाख रुपये की धनराशि एक मुश्त नकद सहायता के रूप में सीधे उनके बैंक खाते में उपलब्ध करायी गई है।

मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि चिन्हित स्वच्छकारों को विभिन्न विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाये। विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी मेहनत एवं ईमानदारी से स्वच्छकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना सुनिश्चित किया जाये। स्वच्छकारों को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करते हुए जागरूक किया जाये जिससे वह सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठा कर अपना जीवन स्तर में सुधार ला सके।

मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में सीवर/सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान मृत कार्मिक के आश्रित परिवार को 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति उपलब्ध करायी जाये, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की जाये। मंत्री रमापति शास्त्री ने जनपद आगरा, फतेहपुर, लखीमपुरखीरी, बरेली, पीलीभीत तथा मुजफ्फरनगर से स्वच्छकारों का पुनः सर्वेक्षण की सूचना शीघ्र जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम नई दिल्ली एवं समाज कल्याण विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में पुनः सर्वेक्षण हेतु चिन्हित 47 जनपदों में कराये गये पुनः सर्वेक्षण में से 41 जनपदों की सर्वेक्षण रिपोर्ट राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम नई दिल्ली को उपलब्ध करा दी गई है।

अध्यक्ष उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लाल प्रसाद निर्मल ने बताया कि इच्छुक स्वच्छकारों एवं उनके आश्रितों को स्वरोजगारी बनाने के उद्देश्य से निगम के माध्यम से संचालित एस0आर0एम0एस0 योजना के तहत 1205 ऋण आवेदन पत्र बैंको को प्रेषित किये गये। बैकों द्वारा 487 आवेदन पत्रों पर स्वीकृति प्रदान की गयी है। स्वीकृत 487 मामलों में से 358 स्वच्छकारों हेतु 281.925 लाख अनुदान की धनराशि जनपदों को ऋण वितरण हेतु अवमुक्त की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में देश की तुलना में सर्वाधिक स्वच्छकार पाये गये हैं, इससे सम्बंधित समस्त विभाग आपसी समन्वय के साथ इस कुप्रथा को समाप्त कर इस कार्य में लगे हुए व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास किया जाये।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह, संयुक्त निदेशक समाज कल्याण पी0के0 त्रिपाठी, उप निदेशक जनजाति विभाग आर0पी0 सिंह, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की अध्यक्षा मंजु दिलेर, उ0प्र0 राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ बाल्मीकि सहित पंचायतीराज, आवास, वित्त विभाग, नगर विकास, ग्राम्य विकास एवं गृह विभाग व अन्य सम्बंधित विभाग के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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