पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ मैच, सुधीर का एन्काउंटर में दोहरा शतक

मुजफ्फरनगर। यूं तो सभी जनपदों में एसएसपी या एसपी के पद मे निहित ताकत एक समान ही होती है, लेकिन इस कुर्सी का रूतबा उस पर बैठने वाले अफसर की कार्यशैली पर ही निर्भर करता है। मुजफ्फरनगर में एसएसपी की कुर्सी का रूतबा बुलन्द करने वाले आईपीएस अफसर सुधीर कुमार सिंह ने 30 अगस्त 2018 को जब जनपद में एसएसपी का चार्ज सम्भाला उस समय पूर्व कप्तान अनन्तदेव तिवारी बदमाशों के खिलाफ हल्लाबोल अभियान चलाये हुए थे। अनन्तदेव के ट्रांसफर के बाद जब सुधीर कुमार सिंह ने अपनी पारी शुरू की तो बदमाशों को लगा था कि अब उनके बाहर आकर अपराध करने के दिन फिर से लौट आये हैं, लेकिन बदमाशों की यह खुशी कुछ ही दिन बाद काफूर हो गयी, क्योंकि कप्तान सुधीर कुमार सिंह ने मुजफ्फरनगर पुलिस को फ्री हैंड कर दिया था कि बदमाश अगर अपराध करता है तो पुलिस उसके खिलाफ सख्ती से काम करें। बस फिर क्या था, मुजफ्फरनगर में बदमाश अपराध करने की जुगत में लगते तो पुलिस उन्हें घेर ले रही है। सुधीर कुमार सिंह के 300 दिन के कार्यकाल में पुलिस और बदमाशों के बीच 200 मुठभेड हो चुकी हैं, जिसमें 362 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया, इनमें 2 बदमाश पुलिस मुठभेड़ में दुनिया को टा-टा कर गये तो 79 बदमाशों को पुलिस की गोली खाकर जेल की चारदीवारी में जाना पड गया।
जनपद में पुलिस कप्तान द्वारा जारी बदमाशों के स्वीप अभियान के तहत मुठभेड का दोहरा शतक पूरा कर लिया गया है और इस दोहरे शतक में बीती रात एक लाख के इनामी कुख्यात आदेश बालियान को उसके अंजाम तक पंहुचा दिया गया। मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात आदेश बालियान का वेस्ट यूपी में बहुत खौफ था। बड़े उद्योगपति से रंगदारी, लूट और अपहरण की वारदातों को अंजाम दे चुका था। उसने दिल्ली के रोहिणी में भी कई वारदातों को अंजाम दिया। गत वर्षो में अपना ठिकाना दिल्ली और गाजियाबाद में बना लिया था। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में तीस से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो पुलिस की ऐसी कोई धारा नहीं बची थी, जिसके तहत कुख्यात् आदेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज न हो। सूत्र बताते हैं कि 23 अप्रैल 2016 को दिल्ली रोहिणी कोर्ट की पेशी के बाद आदेश बालियान बरेली जाते समय इंटरसिटी ट्रेन से कूदकर फरार हो गया था, लेकिन गजरौला पुलिस ने उसे 24 घंटे के अंदर ही पकड़ लिया था।
बीती रात मीरापुर इलाके में हुई पुलिस मुठभेड़ में मारा गया एक लाख का इनामी बदमाश आदेश बालियान गाव की खूनी रंजिश के चलते अपराध की दु निया में कूद पड़ा था। बताते हैं कि भोराखुर्द गाव में वर्ष 2006 में एक चबूतरे के विवाद को लेकर शोभाराम और सतीश पक्ष में रंजिश शुरू हुई थी। इस रंजिश में दोनों पक्षों के करीब 40 लोग मारे जा चुके हैं। मुठभेड़ में मारा गया आदेश बालियान हिस्ट्रीशीटर सतीश का भाई था। सतीश भी मारा जा चुका है। आदेश योगी सरकार के भय से वह लोनी में जाकर छिपा हुआ था, लेकिन आखिर वह योगी की पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया और उसका भी वही अंजाम हुआ, जो अक्सर बदमाशों का हुआ करता है। आदेश का भाई हरीश भी इनामी बदमाश है। उस पर दो लाख का इनाम है और पुलिस उसकी भी तलाश में जुटी हुई है।
मुठभेड़ में अपने अंजाम तक पहुंचे आदेश के खिलाफ विभिन्न धाराओं में 31 मुकदमें दर्ज हैं, जिनमें 16 मुकदमें केवल भौराकलां थाने में ही दर्ज हैं। इसके अलावा सिविल लाइन थाने में 4, फुगाना थाने में 2, तितावी थाने में 3, दौराला थाने में 2 बागपत, बुढ़ाना व बडौत में भी एक-एक मुकदमा दर्ज है। इसके साथ ही उसके खिलाफ दिल्ली के मुखर्जीनगर थाने में भी एक मुकदमा दर्ज हुआ था।
ये योगी सरकार के ''अपराध विहीन यूपी'' सपने के पूरा करने में लगे पुलिस कप्तान सुधीर कुमार की कार्यशैली का ही परिणाम है कि नई मंडी थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बीते दिवस मुठभेड के बाद 25 हजार के बदमाश को घायल कर जेल भेजा है। जिसमें एक आरोपी फरार हो गया है। बदमाश इमरान ककरौली थानां क्षेत्र के अपराधी था और उसके खिलाफ करीब दो दर्जन मुकदमें दर्जं हैं।
ये पुलिस के इंस्पेक्टर अनिल कपरवान का ही इकबाल था कि मेरठ के एक लाख का इनामी आशु उर्फ आस मोहम्मद निवासी सरधना को मुठभेड़ में मार गिराया था। हालांकि इस मुठभेड़ में बदमाश की गोली से एक सिपाही घायल हो गया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि सरधना निवासी आशु उर्फ आस मोहम्मद उर्फ लंबू मुजफ्फरनगर में अपने साथी के साथ कोई संगीन वारदात करने जा रहा था।
बता दें कि थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने थाना नई मण्ड़ी का चार्ज संभाला है जब से ही लगभग कई ईनामी बदमाशों को घायल कर उन्हें जेल के अंदर तक पहुंचाया है। कप्तान सुधीर कुमार सिंह के निर्देशन में अब तक संतोष कुमार सिंह के 120 दिन के कार्यकाल में 12 बार बदमाशों और पुलिस के बीच आमना सामना हो चुका है, जिसमें 30 से ज्यादा बदमाश पुलिस के पीतल से घायल होकर बड़ेघर को रवाना हो चुके है।
जानसठ पुलिस ने भी बीते दिनो अपने कप्तान की अगुवाई में ऑपरेशन क्लीन को अमली जामा पहनाते हुए मुठभेड़ के बाद दोनों बदमाशो को गिरफ्तार किया था। दोनों शातिर किस्म के अपराधी थें, जिन पर विभिन्न थानों में जनपदों में लूट व डकैती के अभियोग भी पंजीकृत हैं।
ककरौली पुलिस ने भी अपना रूतबा बुलन्द करते हुए मुठभेड़ में एक बदमाश को लंगडा करके बदमाश के पास से लूटी हुई बाइक व मोबाइल बरामद किये है। इसी बदमाश ने जटवाड़ा सम्भलहेड़ा मार्ग पर 40000 रुपये की लूट को अंजाम दिया था।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के निर्देश पर सीओ खतौली आशीष प्रताप सिंह के नेतृत्व में मंसूरपुर थाना प्रभारी संजीव कुमार व एसएसआई वासिक सिद्दीकी ने मुठभेड के बाद चोरी की मोटरसाइकिल सहित शातिर लुटेरों सरफराज पुत्र शमशेर निवासी ग्राम पुरबालियान तथा अरशद पुत्र मेहरबान निवासी ग्राम हरसोली थाना शाहपुर को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि जब-जब बदमाश कोई वारदात करने की कोशिश करेंगे, तब-तब पुलिस भी उनसे दो कदम आगे बढ़कर अपराध और अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने से नहीं चूकेगी।