यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नौंवी बार नोएडा में आज, पहली बार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी की तीन बजे मौके पर ही करेंगे समीक्षा

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नौंवी बार नोएडा में आज, पहली बार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी की तीन बजे मौके पर ही करेंगे समीक्षा
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शुक्रवार 14 जून को नौंवी बार नोएडा पहुंचकर पहली बार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी की समीक्षा करेंगे। यह पहला मौका होगा जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद ग्रेटर नोएडा पहुंच कर समीक्षा बैठक करेंगे और विकास कार्यों का जायजा लेंगे। समीक्षा बैठक में जेपी परियोजनों से जुड़े खरीदारों का मुद्दा भी अहम हो सकता है। बैठक में पिछले 2 साल और आने वाले 2 साल में बायर्स के मुद्दे कैसे हल होंगे और वर्तमान में क्या उपलब्धियां होंगी इस पर भी विस्तार से चर्चा हो सकती है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

ज्ञात हो कि सीएम योगी ने इससे पहले 25 दिसम्बर 2017 को नोएडा का दौरा करके एक मिथक को तोड़ा था। इससे पहले यह माना जाता था कि जो मुख्यमंत्री नोएडा जाता है उसकी कुर्सी चली जाती है। सीएम योगी आदित्यनाथ से पहले बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जब चौथी बार पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ मुख्यमंत्री बनी तो उन्होंने 14 अगस्त 2011 को इस अंधविश्वास के डर से लड़ने का फैसला किया था। तब वह नोएडा में करीब 700 करोड़ की लागत से बने दलित प्रेरणा पार्क का उद्घाटन करने गईं थी लेकिन बाद में उन्हंे मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धोना पडा था। इससे पहले यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री और गोरखपुर निवासी वीर बहादुर सिंह 23 जून 1988 को नोएडा गए। इसके अगले दिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उनको अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। यहीं से अंधविश्वास पनप गया कि जो भी नोएडा जाता है उसकी कुर्सी चली जाती है। वीर बहादुर सिंह के बाद नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती से लेकर अखिलेश यादव तक मुख्यमंत्री बने, लेकिन नोएडा सबको डराता रहा। शानदार बहुमत की सरकार के साथ सत्ता में आए अखिलेश नोएडा ने तो इस मिथक से इतने डरे हुए थे कि नोएडा की योजनाओं का बटन वह लखनऊ में अपने सरकारी आवास से ही दबाते रहे।

योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय विष्ट के कालेज के दिनों के साथी बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ आरम्भ से ही ढकोसलों से दूर रहने वाले और सदा तर्कसंगत बात तथा काम में विश्वास रखते है। इसके के चलते उन्होंने 25 दिसम्बर को 29 वर्षों से चला आ रहा ये मिथक तोडा था, कि जो भी नोएडा जाता है उसकी कुर्सी चली जाती है।

सीएम योगी के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे पूरे राज्य का हाल जानने वाले पहले सीएम हैं। सूत्र बताते हैं कि उनसे पहले के मुख्यमंत्री किसी पसंदीदा क्षेत्र तक ही ज्यादा सक्रिय रहते थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़ते हुए अपने मुख्यमंत्री के प्रथम 16 महीनों में ही 75 जिलों का दौरा कर लिया था।

आज सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे के मद्देनजर अफसर तैयारियो में जुट गए है। माना जा रहा है कि समीक्षा बैठक में सीएम योगी का सबसे ज्यादा ध्यान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी होगा। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को शाहबेरी मामले में भी एक्शन लेने है, जिससे हजारों लोग और सैकड़ो निवेशक पर सीधा फर्क पड़ेगा। इसके साथ-साथ देश का सबसे बड़ा बनाने वाला एयरपोर्ट जेवर की भी कार्य समीक्षा होगी। समीक्षा बैठक में जेपी परियोजनों से जुड़े खरीदारों का मुद्दा भी अहम हो सकता है। बैठक में पिछले 2 साल और आने वाले 2 साल में बायर्स के मुद्दे कैसे हल होंगे और वर्तमान में क्या उपलब्धियां होंगी इस पर भी विस्तार से चर्चा होगी। यह बैठक ग्रेटर नोएडा कार्यालय में होगी और ये पहली बार होगा कि कोई मुख्यमंत्री ग्रेटर नोएडा में ऑथोरिटी की समीक्षा बैठक करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज शुक्रवार को दोपहर करीब तीन बजे से नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक को इस बात से जोडकर देखा जा रहा है कि प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। कई सालों से बिल्डर व निवेशकों के बीच आशियाने की लड़ाई में मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक अहम साबित हो सकती हैं, क्योंकि ये तय है कि इस दौरान निवेशक बिल्डरों की मनमानी के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग कर आशियाना दिलाने की मांग करेंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री निवेशकों के बहाने अगले विधानसभा चुनाव को साधने का प्रयास कर सकते हैं।

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