गुड़ महोत्सव का दूसरा दिनः किसान हित मेें सौ प्रतिशत सच्चे मन से काम कर रही है सरकारः सुरेश राणा

गुड़ महोत्सव का दूसरा दिनः किसान हित मेें सौ प्रतिशत सच्चे मन से काम कर रही है सरकारः सुरेश राणा
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मुजफ्फरनगर। उत्तर सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना को अमली पहनाने का प्रयास करते हुए जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय के विशेष प्रयासों से श्रीराम कालेज में आयोजित प्रथम गुड़ महोत्सव के दूसरे दिन का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा सहित जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी अर्चना वर्मा व श्रीराम ग्रुप ऑफ कालेजेज के चेयरमैन सुभाष चन्द्र कुलश्रेष्ठ ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर आधुनिक तकनीक से हर्बल खेती करने वाले प्रगतिशील किसानो, हर्बल एवं उन्नतशील तकनीक से गुड़ बनाने वाले किसानों, सबसे अधिक मंडी टैक्स का भुगतान करने वाले गुड़ व्यापारियों व आधुनिक तकनीक के कोल्हू का निर्माण करने वाले मैन्यूफैक्चर्र को सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने गुड़ मंहोत्सव का भव्य आयोजन करने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय व श्रीराम ग्रुप ऑफ कालेजेज के चेयरमैन सुभाष चन्द्र कुलश्रेष्ठ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस गुड़ महोत्सव 2019 पर लगातार नजर बनाये हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये गुड़ महोत्सव योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जनपद एक उत्पाद को साकार करने की अच्छी पहल है। गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि हम ये दावा नहीं करते हैं कि हमने गन्ना किसानों की समस्या को 100 प्रतिशत हल कर दिया है, लेकिन ये दावा अवश्य करते हैं कि हम किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए 100 प्रतिशत सच्चे मन से 100 प्रतिशत प्रयासरत हैं। गन्ना मंत्री ने यूपी की योगी सरकार ने गन्ना किसानों के हित में उठाये गये महत्वपूर्ण कार्यों को गिनाते हुए कहा कि आजादी के बाद ये पहली बार हुआ है कि गन्नों किसानों के लिए ढुलाई का भाड़ा कम किया गया है। उन्होंने बताया कि अब किसानों से गन्ना ढुलाई का भाड़ा दो रूपये प्रति किलोमीटर लिया जायेगा, जो पहले की अपेक्षा आधा होगा। इसी प्रकार गन्ना मूल्य के भुगतान में आ रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि अब चीनी मिलों द्वारा बेची गयी चीनी के मूल्य का 85 प्रतिशत पैसा गन्ना मूल्य के रूप में किसानों के खातों में जायेगा। उन्होंने बताया कि चालू गन्ना सीजन का लगभग 70 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है, जो अपने आपमें एक कीर्तिमान है।



गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि विगत वित्तीय वर्ष अकेले गन्ना विभाग ने ही 155 सड़कें बनाकर एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने भी इसमें गम्भीरता दिखाते हुए 300 करोड़ का बजट रिलीज किया था। गन्ना मंत्री ने बताया कि राज्य की योगी सरकार गन्ना सोसायटी को चीनी मिलों से मिलने वाले कमीशन का नाम बदलकर अंशदान कर दिया है, इससे गन्ना किसानों के हित में खर्च होने वाले पैसे का एक बडा हिस्सा टैक्स के रूप में कट जाता था, अब जबकि कमीशन का नाम बदलकर अंशदान कर दिया गया है तो गन्ना सोसायटी को इस पर टैक्स नहीं देना पडेगा और ये पैसा किसानों के विकास पर खर्च किया जा सकेगा। उन्होंने बताया तत्कालीन कमीशन और अब अंशदान का प्रतिशत दो से बढ़ाकर पांच कर दिया गया है, इससे भी किसानों को फायदा होगा।

सुरेश राणा ने पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरणसिंह व किसानों के मसीहा के नाम से प्रख्यात् चैधरी महेन्द्र सिंह टिकैत को याद करते हुए कहा कि उन्हीं के आदर्शों के अनुरूप केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में चीनी मिल से गन्ना क्रैशर की दूरी की अनिवार्यता 10 किलोमीटर से घटाकर 7.5 किलोमीटर कर दी गयी है, इससे ग्रामीण कुटीर उद्योग के रूप में और अधिक केन क्रैशर स्थापित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सरकार द्वारा 83 केन क्रैशर के लाईसेंस जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि अब हर हालत में मात्र 100 घंटों में अनिवार्य रूप से लाईसेंस करने की नीति अमल लाई गयी है, इससे भ्रष्टाचार पर स्वतः ही अंकुश लग जायेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने खड़ा-पड़ा कोल्हू के अन्तर को खत्म करते हुए कोल्हूओं को लाईसेंस से मुक्त कर दिया है।

जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए आयोजित किये गये गुड़ महोत्सव 2019 का मुख्य उद्देश्य गुड़ उत्पाद को संगठित कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित करके गुड़ को चीनी से आगे ले जाना का प्रयास है। उन्होंने बताया कि पहली बार कराये गये सर्वे के अनुसार जनपद में इस समय 716 कोल्हू संचालित हैं, लेकिन गन्ने का सीजन समाप्त होने के कारण केवल 102 कोल्हू संचालक ही गुड़ महोत्सव में शामिल हो पाये हैं। जिला अधिकारी ने बताया कि गुड़ का मानकीकरण व पैकेजिंग आदि का सत्र भी गुड़ महोत्सव का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि गुड़ महोत्सव को पांच हिस्सों में बांटा गया है। जिसमें पहला गोष्ठी मंडल, दूसरा गुड़ गैलरी, तीसरा गुड़ रसोई, चैथा गुड़ बाजार तथा पांचवा गुड़ बनाम चीनी गैलरी है। उन्होंने बताया कि गोष्ठी मंडल में आज गुड़ उद्योग संसाधन एवं तकनीक पर चर्चा होगी, दूसरे गुड़ गैलरी में विभिन्न प्रकार के गुड़ प्रदर्शन के लिए रखे गये हैं, तीसरे भाग में गुड़ रसोई के तहत गुड़ से बने अनेक प्रकार के व्यंजनों को प्रदर्शन के लिए रखा गया है, चैथे गुड़ बाजार में गुड़ की विभिन्न वैरायटी बिक्री के लिए प्रस्तुत की गयी हैं तथा पांचवी गुड़ बनाम चीनी गैलरी में गुड़ का चीनी से तुलनात्मक अध्ययन के लिए विभिन्न सामग्रियांे का संकलन रखा गया है।



इस अवसर जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने किसानों से प्राप्त सुझावों को भी पढ़कर सुनाया। उन्होंने बताया कि गुड़ को जीएसटी से मुक्त कराने, कृषि उत्पादन मण्डी शुल्क को कम करने व जनपद में मंडी समिति के सामान्तर अवैध गुड़ व्यापार पर अंकुश लगानेकोल्हू के लिए ट्यूबवैल का बिजली कनैक्शन मंजूर करने, गुड़ को मिड़-डे मील से जोड़ने, मुजफ्फरनगर में एशिया की बड़ी गुड़ मण्डी होने के कारण गुड़ क्वालिटी लैब जनपद में स्थापित करने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन सुझावों में से कुछ पर केन्द्र सरकार, कुछ पर राज्य सरकार तो कुछ पर जिला प्रशासन की ओर से निर्णय लिये जाने हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जिन मुद्दों पर जिला प्रशासन की ओर से निर्णय लिये जाने हैं, उन पर अभी से ही कार्य कर दिया जायेगा।

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