गुम बेटे की तलाश को डीएम से लगाई गुहार, बेटा मिला तो भैय्यालाल ने कहा धन्यवाद कलेक्टर साहब

गुम बेटे की तलाश को डीएम से लगाई गुहार, बेटा मिला तो भैय्यालाल ने कहा धन्यवाद कलेक्टर साहब

मुजफ्फरनगर। सरकार जनता के कल्याण् के लिए अनेक योजनाओं और व्यवस्था बनाने में जुटी रहती है, लेकिन जिला स्तर पर अफसर इस जनकल्याण को धरातल पर लाने का काम करते हैं, यदि अफसर सकारात्मक सोच और ऊर्जा के साथ कार्य करते हुए जनता के हितों व जनसामान्य की सुरक्षा के लिए संवेदनशीलता से कार्य करते हुए हर हद पार करने का जोखिम उठाये तो सरकार का इकबाल तो बुलन्द होता ही है, जनता में भी सरकार और अफसरशाही के प्रति एक सकारात्मक विचारधारा जन्म लेती है। ऐसा ही काम जिलाधिकारी राजीव शर्मा निरंतर कर रहे हैं। एक प्रकरण में उनके प्रयास से मुजफ्फरनगर से करीब 600 किलोमीटर दूर एक परिवार के घर आंगन में खुशियों ने दस्तक दी है। ये परिवार जिलाधिकारी राजीव शर्मा के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए मुजफ्फरनगर से अपने घर लौटा।


मामला उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद का है। कस्बा सिसोलर निवासी भैया लाल प्रजापति पिछले दिनों मुजफ्फरनगर आये। उन्होंने जिलाधिकारी राजीव शर्मा से उनके कार्यालय में मुलाकात की। भैया लाल ने डीएम राजीव शर्मा को बताया कि उनका पुत्र योगेश कुमार बांदा में स्थित केसीएनआईटी काॅलेज का छात्र है और वो वहां से मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर रहा है। दिवाली की छुट्टी में वो बांदा से घर आया था और फिर छुट्टी बीत जाने के बाद योगेश नौ नवम्बर को घर से वापस बांदा काॅलेज जाने के लिए निकला था, लेकिन वो वहां पर नहीं पहुंचा। इस सम्बंध में उसको काफी तलाश करने के बाद थाने में तहरीर दी, योगेश का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। भैया लाल ने डीएम राजीव शर्मा को बताया कि पुलिस की जांच में 11 नवम्बर को योगेश के मोबाइल फोन की लोकेशन दिल्ली के कश्मीरी गेट की मिली। 15 नवम्बर को मुजफ्फरनगर के सिसौली और इसके बाद 21 नवम्बर को भी सिसौली में ही लोकेशन मिली, लेकिन योगेश का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। भैया लाल ने डीएम राजीव शर्मा से उसके पुत्र को तलाश कराने का आग्रह किया तो उन्होंने इस पीड़ित पिता को अपना फोन नम्बर दिया और भरोसा दिलाया कि जल्द ही उसका पुत्र उसके सकुशल होगा। डीएम राजीव शर्मा ने तत्काल ही एसएसपी सुधीर कुमार सिंह से फोन पर वार्ता की और सारा मसला बताते हुए योगेश की तलाश कराने के लिए कहा। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने भी इस प्रकरण में संवेदनशीलता दिखाते हुए भौराकला थानाध्यक्ष को निर्देश कर मामले की जानकारी दी। इसके साथ ही जिलाधिकारी राजीव शर्मा के मार्ग निर्देशन में पुलिस 600 किलोमीटर दूर से लापता योगेश की तलाश में जुट गयी। भैया लाल डीएम के दिये गये भरोसे पर मुजफ्फरनगर में ही रहे और लगातार डीएम व एसएसपी से मिलते रहे। इस बीच भैया लाल बार बार जिलाधिकारी राजीव शर्मा को फोन करते हुए अपने पुत्र की तलाश के बारे में पूछते। भैया लाल का फोन हर बार जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने उठाते और उसकी हिम्मत बढ़ाने का काम करने के साथ ही यह विश्वास दिलाते कि योगेश जल्द ही तुम्हारे पास होगा। भैया लाल भौराकला पुलिस के भी साथ योगेश की तलाश में जुटे रहे। आखिरकार गत दिनों भौराकला पुलिस ने योगेश को ढूंढ लिया। इसके बाद भैया लाल भौराकला थाने में अपने पुत्र योगेश से मिला, तो आंखे भर आयी। योगेश सकुशल उनके सामने खड़ा था। भौराकला पुलिस ने योगेश को शामली जनपद के थाना बाबरी क्षेत्र के गांव भनेडा जट से बरामद किया। योगेश को साथ लेकर भैया लाल प्रजापति जिलाधिकारी राजीव शर्मा के पास पहुंचा और उसने मिलकर उनके द्वारा उसके पुत्र की तलाश में दिये गये सहयोग के लिए कृतज्ञता प्रकट की।


भैया लाल प्रजापति का कहना है कि जिलाधिकारी राजीव शर्मा की बदौलत उनके घर में खुशियां वापस लौटी हैं। योगेश के लापता हो जाने से पूरा परिवार तनाव में था, वो भी परेशान थे। वो लगातार मुजफ्फररनगर में रहकर जिलाधिकारी के सम्पर्क में थे, परिवार में जब भी लोग परेशान होते तो वो यहीं से सीधे डीएम को फोन लगाते ओर हर बार मेरा फोन रिसीव किया जाता। फिर परिवार के लोगों को मै डीएम साहब से हुई बात की जानकारी देता। भैया लाल कहते हैं कि अक्सर ये देखने में आता है कि छोटे से छोटा अफसर भी अपना फोन रिसीव नहीं करता, लेकिन मैंने देर रात भी फोन किया तो जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने फोन उठाया और एक अभिभावक की तरह ना केवल तसल्ली दी, बल्कि भरोसा भी जागाये रखा। ऐसे अफसर आज की अफसरशाही में देखने को कम ही मिलते हैं। भैया लाल ने जिलाधिकारी का आभार जताया और एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के साथ ही भौराकला पुलिस के प्रति भी कृतज्ञता प्रकट की।

जिलाधिकारी राजीव शर्मा कहते हैं, ''एक पिता की पीड़ा को उन्होंने समझा, भले ही मामला सैंकड़ों किलोमीटर दूर का हो, लेकिन यदि हम किसी की मदद कर पाये यही कर्तव्य है। इस प्रकरण में पुलिस ने अच्छा काम करके दिखाया है। पुलिस के गुड वर्क से एक परिवार में खुशियां लौटी हैं।'' बता दें कि जिलाधिकारी राजीव शर्मा की कार्यप्रणाली दूसरे अफसरों से काफी जुदा है। वो यहां पर पहले ही दिन से अपनी विशेष कार्यशैली से जनता के बीच लोकप्रिय बने हुए हैं। सवेरे नौ बजे अपने दफ्तर में जनता के लिए उपलब्ध रहने वाले जिलाधिकारी को शाम देर तक कार्यालय में बैठकर काम निपटाते हुए देखा जा सकता है। उनके द्वारा जिले में सरकार की योजनाओं को धरातल पर लाने और जनकल्याण को सार्थक करने के लिए लिए अभिनव प्रयोगों के साथ सफलता अर्जित की गयी है। आज भैया लाल प्रजापति का परिवार खुश है और मुजफ्फरनगर से 600 किलोमीटर दूर हमीरपुर में जिलाधिकारी राजीव शर्मा के नाम की प्रशंसा हो रही है।

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