सूबे में बुखार का कहर, मुजफ्फरनगर रहा अछूता, डीएम राजीव शर्मा का होम्योपैथी ज्वर रोधी दवा पिलाओ अभियान का असर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आजकल वायरल फीवर के प्रकोप के चलते मौतों के सिलसिले ने लोगों में एक बार फिर भय का आलम पैदा कर दिया है। बदायंू और बरेली जनपद में हालात बेकाबू होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विशेष चिकित्सीय दल गठित करने के निर्देश जारी करने पड़े। इसके साथ ही प्रदेश के कई अन्य जनपदों में भी बुखार पीड़ितों की मौत होने के मामले सामने आने के कारण सरकार ने सभी जनपदों में अलर्ट कर दिया है। ऐसे में मुजफ्फरनगर जनपद में वायरल फीवर का प्रकोप कमतर नजर आ रहा है। मुजफ्फरनगर में हाल फिलहाल में हुई दो मौतों के लिए बुखार को कारण बताया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों का कारण गंभीर बीमारी को माना है। इसे देखें तो जनपद में बुखार जानलेवा साबित नहीं हो सका है, इसके पीछे करीब तीन माह से जनपद में जिलाधिकारी राजीव शर्मा के द्वारा चलाये जा रहे हौम्योपेथी ज्वर रोधी दवा पिलाओ अभियान का असर ही माना जा रहा है। अभी तक जनपद के करीब 50 फीसदी लोगों को ये ज्वर रोधी दवाई पिलाई जा चुकी है और अभियान लगातार जारी है।
उत्तर प्रदेश में लगातार भारी वर्षा के साथ ही अब वायरल, डेंगू और चिकनगुनिया आदि बुखार जानलेवा साबित होने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बदायूं जनपद में वायरल फीवर भयंकर त्रासदी बन गया है। बदायूं में पिछले 24 घंटे में ही 20 लोगों की मौत बुखार के प्रकोप के कारण हो चुकी हैं। इसी प्रकार सीतापुर में पिछले एक सप्ताह में 10 लोगों की मौत का कारण भी वायरल फीवर व अन्य बुखार बताये जा रहे हैं। बरेली जनपद में भी इस बुखार ने दहशत फैला रखी है, यहां फिलहाल हुई दस लोगों की मौत का कारण भी बुखार बताया गया है। इसके अलावा अन्य जनपदों में भी बुखार एक बड़ी समस्या बन गया है। बदायूं और बरेली में बुखार के जानलेवा बन जाने के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गंभीर हो गये और दोनों जनपदों बदायूं व बरेली के लिए तीन राज्य स्तरीय विशेष चिकित्सीय दलों को गठित करने के निर्देश देने के साथ ही वायरल व अन्य बुखार का प्रकोप थामने क लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं करने को कहा गया है। प्रदेश के कई जनपदों में बुखार के कारण हो रही लगातार मौतों से लोगों में भय का आलम बन गया है।
ऐसे में मुजफ्फरनगर जनपद अपवाद नजर आ रहा है। यहां करीब तीन माह पहले ही वायरल का प्रकोप थामने के लिए जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने सूझबूझ का परिचय देते हुए होम्योपेथी वायरल ज्वर रोधी दवा पिलाओ अभियान शुरू कराया, उसका परिणाम इस प्रकार सामने है कि जब प्रदेश में वायरल बुखार जानलेवा साबित हो रहा है, तो ऐसे में मुजफ्फरनगर इससे अछूता है। मई माह में जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने अभिनव प्रयोग करते हुए देश का पहला ये अनोखा अभियान जनपद में शुरू कराया और इसका शुभारम्भ योगी सरकार के आयुष मंत्री डा. धर्म सिंह सैनी के हाथों कराया। जनपद में करीब 20 लाख लोगों को अभी तक इस अभियान के अन्तर्गत होम्योपेथी ज्वर रोधी दवा पिलाई जा चुकी है। जिले के स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में हर गांव, कस्बे और शहर में ये अभियान चलाया जा रहा है। जिला चिकित्सालय के होम्योपेथी चिकित्सक डा. सचिन जैन कहते हैं, ''होम्योपेथी ज्वर रोधी दवा कोई भी व्यक्ति छह माह में एक बार पी सकता है। यह दवा मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विस्तार करते हुए वायरल या अन्य बुखार एवं रोग से बचाव करने में सहायक है।'' हाल ही में जनपद मुजफ्फरनगर में दो लोगों की मौत का कारण बुखार बताया गया। चरथावल क्षेत्र के गांव दधेडू कलां में चार दिनों में दो लोगों की मौत हुई, जिसका कारण बुखार बताया गया, लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों के पीछे बुखार को कारण मानने से इंकार किया है। सीएमओ डा. पीएस मिश्रा बताते हैं, ''गांव दधेडू में दो लोगों की मौत के पीछे केवल बुखार कारण नहीं है। ये लोग गंभीर बीमारी से ग्रसित चले आ रहे थे। इनमें से एक व्यक्ति किडनी के गंभीर रोग से पीड़ित था। इसी रोग के कारण रोगी को बुखार भी अक्सर बन जाता है। इनकी जांच करायी गयी है। जनपद में उन्होंने बुखार के प्रकोप से अभी तक कोई भी मौत होने से इंकार किया है।''
जिलाधिकारी राजीव शर्मा के द्वारा होम्योपेथी ज्वर रोधी दवा पिलाओ अभियान को अपने तजुर्बे के आधार पर शुरू किया गया, वो खुद इस दवाई का प्रभाव देख चुके हैं। प्राकृतिक चिकित्सा पर ज्यादा विश्वास रखने वाले डीएम राजीव शर्मा ने इस अभियान को शुरू कराने के दौरान जनपद में 20 लाख लोगों को दवा पिलाने का लक्ष्य तय किया था। इसके लिए शासन से उन्होंने विशेष प्रयासों के चलते 6 लाख रुपये का बजट भी जनपद के लिए स्वीकृत किया, अभी तक जनपद में 21 लाख लोग इस दवा का सेवन कर चुके हैं। होम्योपेथी विभाग के द्वारा दवा पीने वाले इन सभी लोगों का पूरा ब्यौरा रजिस्टर में अंकित किया जा रहा है, इनके नाम, पता और मोबाइल नम्बर एक रिकार्ड के रूप में विभाग के पास मौजूद हैं। ये अभियान अभी तक भी लगातार जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वायरल इंफेक्शन बरसात के बाद धूप निकलने से वारयस के प्रभावी होने से ज्यादा फैलता है। इसका प्रभाव अक्टूबर के पहले हफ्ते तक रहता है। इससे बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इस साल प्रदेश के बरेली और इसके आसपास दस जनपदों में बुखार का विकराल प्रभाव दिखाई दे रहा है तो वहीं जनपद मुजफ्फरनगर में वायरल का प्रकोप ज्यादा गहरा नहीं हो सका है। होम्योपेथी ज्वर रोधी दवा पिलाने के कारण ही इसका प्रभाव कमतर नजर आ रहा है।