छात्र-छात्राओं ने लिया दहेज एवं नशा मुक्त भारत का संकल्प

मुजफ्फरनगर। शहर के प्रतिष्ठित एसडी कॉलेज आफ काॅमर्स में आयोजित किए गए कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने दहेज एवं नशा मुक्त भारत का संकल्प लिया। इस दौरान स्टूडेंट को पुस्तक पाठन के लिए भी प्रेरित किया गया।
शनिवार को शहर के भोपा रोड स्थित एसडी कॉलेज ऑफ कॉमर्स में मां शाकंभरी विश्वविद्यालय सहारनपुर के दिशा निर्देशानुसार आयोजित किए गए कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को दहेज एवं नशा मुक्त भारत की प्रतिज्ञा दिलाई गई।
आयोजन में शामिल हुए महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों के साथ छात्र-छात्राओं ने भी दहेज और नशे की कुप्रथा को दूर करने की शपथ ग्रहण की। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा निर्देशित पढ़ें विश्वविद्यालय- बढे महाविद्यालय व बढे विश्वविद्यालय तथा बढे महाविद्यालय के अंतर्गत आयोजित किए गए कार्यक्रम में विभिन्न विषयों को लेकर शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने पुस्तक पढ़ी।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सचिन गोयल ने कहा कि देश में दहेज और नशा जैसी दोनों कुप्रथाएं हमारे समाज को दीमक की तरह खोखला कर रही है। उन्होंने कहा कि इन दोनों कुप्रथाओं का अंत केवल कानून बनाने से संभव नहीं है, बल्कि इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोगों की सामाजिक एवं नैतिक चेतना को प्रभावी बनाना होगा तथा महिलाओं को शिक्षा एवं आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करनी होगी। प्राचार्य ने इस मौके पर स्वाध्याय की महत्ता को उजागर करते हुए छात्र-छात्राओं को पुस्तक पाठन के लिए प्रेरित किया। महाविद्यालय के डीन डॉक्टर नवनीत वर्मा के संचालन में संपन्न हुए कार्यक्रम के अंतर्गत में अंत में उन्होंने सभी अतिथियों शिक्षकों व उपस्थित छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
आयोजन को सफल बनाने में महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ रवि अग्रवाल, डॉक्टर मोनिका रोहिला, एकता मित्तल, डॉक्टर मानसी अरोरा, डॉक्टर जगमोहन सिंह जादौन, अमन वर्मा, रोहित कुमार, डॉक्टर महेंद्र सिंह, सपना चौहान, डॉक्टर श्वेता संगल, डॉक्टर नीतू पंवार, वीरेंद्र कुमार, नीरज कुमार, मोनिका पंवार, ओंकार सिंह, शेखर सिंह, वंशिका गुप्ता, अंजलि त्यागी, राखी धीमान, शिखा पाल, शिवांगी वशिष्ठ, नीलू राठी, पिंकी पाल, शिवांगी पुंडीर, कमर रजा, कृष्ण कुमार, संकेत जैन, अंकित धामा, शुभम तायल, अंकित कुमार, आशीष पाल, संध्या त्यागी और दीपक आदि का मुख्य योगदान रहा।