श्रमिकों के हितों को नजर अंदाज करने वाले अधिकारी बख्शे नहीं जायेेंगे - मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी द्वारा श्रम विभाग के सकारात्मक कार्यों की चर्चा एवं तारीफ की जा रही है। फिर भी अधिकारियों को अपनी कार्यसंस्कृति में और सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के हित में संचालित योजनाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ व्यावहारिक रूप से अधिकारी ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा से कार्य कर लाभार्थियों तक पहुंचायें। उन्होेंने कहा कि श्रमिकों के हितों को नजरअंदाज करने वाले अधिकारी बख्शे नहीं जायेेंगे। उन्होंने निर्देशित किया कि श्रमिक हितों की उपेक्षा करने वाले, श्रमिक पंजीयन, नवीनीकरण एवं उपकर वसूली में संतोषजनक कार्य न करने वाले श्रम प्रवर्तन अधिकारियों के खिलाफ उप श्रमायुक्त कार्यवाही कर प्रतिकूल प्रविष्टि दें तथा ऐसे अधिकारियों के क्रियाकलापों की प्रत्येक माह में समीक्षा भी करें और कार्यवाही की रिपोर्ट बीओसी बोर्ड को भेजें।
श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाल में श्रम एवं सेवायोजन विभाग के अधिकारियों के साथ कार्यक्रमों व योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी सरकार की मंशानुरूप अच्छा कार्य करेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा तथा मनचाही पोस्टिंग के साथ आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मजदूरों को शोषण से बचाएं उनके हितों का संवर्धन करें। अधिकारियों की कार्यसंस्कृति जनहित में हो। उन्होंने कहा कि श्रमिक पंजीयन में लापरवाही या फिर श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा पैसा लेकर श्रमिकों का पंजीकरण की शिकायत आती है तो सीधे उप श्रमायुक्त की जवाबदेही होगी। उन्होंने निर्देशित किया कि विकास खण्ड वार उप श्रमायुक्त, सहायक श्रमायुक्त एवं श्रम प्रवर्तन अधिकारी अभियान चलाकर श्रमिकों का पंजीकरण कराये। कार्यक्रम आयोजित कर योजनाओं की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि अभी तक 50 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत किये गये हैं। आगामी दो वर्षों में 36 लाख निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण करना है।
श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि श्रमिकों व नियोजकों के हितों को ध्यान में रखकर 14 श्रम कानूनों में संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं में दलाली प्रथा को खत्म करना है। इन योजनाओं में भ्रष्टाचार का दीमक नहीं लगना चाहिए। उप श्रमायुक्त दलाली प्रथा के लिए सीधे जिम्मेदार होंगे। दलालोें की सक्रिय भूमिका को रोकने के लिए एफआईआर भी दर्ज करायी जाय। उन्होंने निदेशक सेवायोजन एवं प्रशिक्षण को निर्देशित किया कि नवयुवकों को अधिक से अधिक रोजगार दिलाने के लिए प्रत्येक माह वृहद स्तर पर रोजगार मेला का आयोजन किया जाय। उन्होंने कहा कि अभी तक तीन लाख लोगों को निजी क्षेत्रों में रोजगार मिल चुका है।
प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा ने निर्देशित किया कि खतरनाक कारखानों में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे कार्य में न लगाये जायें इसकी नियमित जांच व निगरानी की जाय। उन्होंने श्रमिकों के लिए संचालित चिकित्सालयों में चिकित्सकों द्वारा 60815 श्रमिकों को स्थायी अपंगता दर्शाकर 15 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च पर संदेह व्यक्त करते हुए जांच करने व प्रत्येक महीने इन अस्पतालों का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने निदेशक श्रम एवं सेवायोजन को निर्देशित किया कि रोजगार मेले में चयनित बेरोजगारों को निजी कम्पनियां शर्तों के आधीन रखती हैं या इसका उल्लंघन करती हैं इसकी भी जांच करा लें। बैठक में श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, श्रमायुक्त अनिल कुमार, अपर श्रमायुक्त, उप श्रमायुक्त व बीओसी बोर्ड के सचिव एस0पी0 शुक्ला के साथ जनपदीय एवं क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित थे।