योग हमारी सनातन परम्परा व संस्कृति के प्रति गहरे अनुराग का प्रतिफल- श्रीकांत शर्मा

लखनऊ। योग हमारी सनातन परंपराओं और संस्कृति के प्रति गहरे अनुराग का प्रतिफल है। योग में 'वसुधैव कुटुम्बकम' का भाव निहित है। योग सिर्फ निरोग होने की कुंजी ही नहीं बल्कि मन, वचन व शरीर के आरोग्य होने की सर्व सुलभ औषधि है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यें बातें 5वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कही।
ऊर्जा मंत्री आज बिजनौर जनपद के नेहरू स्पोटर््स स्टेडियम में आयोजित 5वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से योग को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिली और विश्व के 177 से ज्यादा देश 21 जून को योग दिवस के रूप में मना रहे हैं। योगाभ्यास कार्यक्रम में युवा, छात्र/छात्रा, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व गणमान्य व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया।
ऊर्जा मंत्री योगाभ्यास कार्यक्रम के बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने जिले की कानून व्यवस्था, विकास कार्यों और केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं का लाभ आमजन को मिले, इसके प्रयास किये जायें तथा अधीनस्थ अधिकारियों के कार्यों का निरीक्षण भी किया जाय। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस व थाना दिवस में जनता की शिकायतों का निस्तारण समय से शतप्रतिशत किया जाये।