येदियुरप्पा ने विपक्ष को किया भोथरा

येदियुरप्पा ने विपक्ष को किया भोथरा

बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को जबर्दस्त पटकनी दी है। तमाम एतराज के बावजूद कर्नाटक सरकार 10 दिसम्बर को विवादास्पद भूमि सुधार बिल पारित करवाने में सफल रही। इसके साथ ही सरकार ने गोवंश को लेकर भी बिल पारित करवा लिया है। भूमि सुधार बिल विधान सभा में पहले ही संशोधन बिल के रूप में पारित हो चुका है। विशेष बात यह कि किसानों की पार्टी कही जाने वाले जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) ने भी इसका समर्थन किया। इस बिल के पारित हो जाने से अब उद्योग पति और व्यापारी किसानों से सीधे जमीन खरीद सकेंगे। इसके लिए उन्हें बस सरकार से मंजूरी लेनी होगी। किसानों ने इसका विरोध भी किया है। कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने 9 दिसम्बर को राज्य विधानसभा में गौहत्या विरोधी बिल पास कर दिया।

हालांकि, कांग्रेस ने इसका विरोध किया। कांग्रेस का आरोप है कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में बिल पर चर्चा नहीं की गई। कांग्रेस का विरोध जारी रहेगा पार्टी आज विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगी। विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक विरोधी कार्य के खिलाफ विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करेगी। बिना किसी चर्चा के गौहत्या विरोधी बिल को पास कर दिया गया। सिद्धारमैया ने आगे कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि विधानसभा में कोई नया विधेयक नहीं पेश किया जाएगा। गौहत्या विरोधी बिल एजेंडे में भी नहीं था लेकिन, अचानक, बिल को पेश किया गया और बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया यह लोकतंत्र की हत्या है। कर्नाटक गौहत्या रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 के नाम से पारित हुए विधेयक में राज्य में गायों की हत्या, तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी के साथ गायों की हत्या करने वालों पर कड़ी सजा का प्रावधान है।

पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण ने इस विधेयक को पेश किया, विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक सदन के बीच में आ गए। सिद्धारमैया ने कहा कि अब उन्होंने (प्रभु चव्हाण) गौहत्या विरोधी बिल को अचानक पेश किया है। हालांकि, स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कहा कि उन्होंने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में स्पष्ट रूप से कहा था कि महत्वपूर्ण बिल बुधवार और गुरुवार को पेश किए जाएंगे जवाब से आश्वस्त न होने पर, कांग्रेस विधायकों ने सदन के बीचों बीच बीजेपी सरकार के खिलाफ नारे लगाए। कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने राज्य विधानसभा में गौहत्या विरोधी बिल पास कर दिया है. कर्नाटक गौहत्या रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 के नाम से पारित हुए विधेयक में राज्य में गायों की हत्या, तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी के साथ गायों की हत्या करने वालों पर कड़ी सजा का प्रावधान है। सिद्धारमैया ने कहा है कि अब उन्होंने (प्रभु चव्हाण) गौहत्या विरोधी बिल को अचानक पेश किया है. बिल के विरोध में कांग्रेस और जेडीएस सत्र में भाग नहीं लेंगे क्योंकि, उन्होंने अंतिम दिन का बहिष्कार करने का फैसला किया था।

कांग्रेस ने आशंका व्यक्त की है कि विधेयक पारित होने पर सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण के लिए दुरुपयोग किया जा सकता है और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा सकता है. दूसरी ओर, बीजेपी कहती रही है कि विधेयक उन गायों की रक्षा के लिए है जो हिंदुओं के लिए पवित्र हैं।

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में हमारी सरकार अपना एक और वादा पूरा करने की राह पर है कर्नाटक विधानसभा में हंगामे के बीच गो हत्या रोधी विधेयक पारित हुआ बिल के विरोध में कांग्रेस के विधायक सदन की कार्यवाही छोड़कर चले गए। कर्नाटक के संसदीय कार्य मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा, हां, विधानसभा में विधेयक पारित हो गया। गाय और बछड़ों के अलावा विधेयक में भैंस एवं उनके बछड़ों के संरक्षण का भी प्रावधान है। आरोपी व्यक्ति के खिलाफ तेज कार्यवाही के लिए विशेष अदालत गठित करने का भी प्रावधान है। विधेयक में गौशाला स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है साथ ही पुलिस को जांच करने संबंधी शक्ति प्रदान की गई है। सदन में हंगामे के चलते विधेयक बिना बहस के ही पारित किया गया। विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक को पेश करने के संबंध में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा नहीं की गई सिद्धरमैया ने कहा, हमने इस बारे में चर्चा की थी कि नए विधेयक पेश नहीं किए जाएंगे। हम इस बात को लेकर सहमत हुए थे कि केवल अध्यादेश पारित किए जाएंगे। अब, उन्होंने (प्रभु चव्हाण) अचानक यह गो हत्या रोधी विधेयक पेश कर दिया। इसी प्रकार तमाम एतराज के बावजूद कर्नाटक सरकार विवादास्पद भूमि सुधार बिल पास करवाने में कामयाब रही।

विधानसभा मे पहले ही भूमि संशोधन बिल पास हो गया था चौंकाने वाली बात ये है कि किसानों की पार्टी जेडीएस ने भी इसका समर्थन किया अब उद्योगपति और व्यापारी किसानों से सीधे जमीन खरीद पाएंगे। कर्नाटक विधानसभा ने आखिरकार भूमि बिल पर मोहर लगाकर उद्योगपतियों और कारोबारियों को ये छूट दे दी कि वे किसानों से सीधे जमीन खरीद लें, बस उन्हें सरकारी मंजूरी लेनी होगी। सरकार कहती है, किसानों को जमीन की अच्छी कीमत मिलेगी। कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि ये बिल किसानों के हितों की रक्षा करने वाला है उन्हें जमीन का अच्छा दाम मिलेगा उनके हितों की हिफाजत के लिए ही सरकार की मंजूरी का प्रावधान रखा गया है। (हिफी)

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