फारुक अब्दुल्ला अब किसे बुलाएंगे?

फारुक अब्दुल्ला अब किसे बुलाएंगे?

जम्मू। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉक्टर फारुक अब्दुल्ला ने कई ऐसे बयान दिये जिनकी चुभन भूलते नहीं बनती। उन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर भारत को ठेना दिया था और कहा था कि पीओके क्या तुम्हारे बाप का है। इसी तरह आतंकवाद की नर्सरी तैयार करने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए डा। फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि 'क्या पाकिस्तान ने चूड़ियां पहन रखी हैं? अभी हाल में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में निष्प्रभावी की गयी धारा 35-ए और अनुच्छेद 370 को लेकर कहा था कि इंधा अल्ला चीन भारत पर दबाव डाले और भारत अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करे। कहने की जरूरत नहीं कि डा। फारुक अब्दुल्ला के इस प्रकार के बयानों से हर भारतीय को शर्म महसूस हुई, गुस्सा भी आया। अब 113 करोड़ की धांधली के मामले में फारुक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछतांछ कर रहा है तो वे मदद के लिए किसको बुलाएंगे?

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में पैसों की गड़बड़ी के मामले में ये पूछताछ हो रही है। इससे पहले भी ईडी फारूक अब्दुल्ला से इस मामले में सवाल-जवाब कर चुकी है। ये पूछताछ श्रीनगर में ही हो रही है। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में कथित 113 करोड़ रुपये की धांधली का मामला काफी पुराना है। पहले ये जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस कर रही थी, जिसके बाद अदालत ने इसे सीबीआई के हवाले सौंपा था। बाद में इस पूरे केस में ईडी की एंट्री हुई थी, क्योंकि मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ा गया था। इससे पहले भी ईडी ने पिछले साल इस मामले में फारूक अब्दुल्ला से सवाल किए थे। सीबीआई की जांच में ये बात सामने आई थी कि बीसीसीआई ने 2002 से 2012 के बीच जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) को राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए 113 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन इस फंड को पूरी तरह खर्च नहीं किया गया। आरोप है कि इसमें से 43।69 करोड़ रुपए से ज्यादा का गबन किया गया और इस पैसे को खिलाड़ियों पर भी खर्च नहीं किया गया। आपको बता दें कि सीबीआई ने अपनी जांच में फारूक अब्दुल्ला का नाम शामिल किया था, अब ईडी बैंक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर उनसे सवाल कर रही है। कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए चीन से मदद लेने वाले डॉक्टर फारुक अब्दुल्ला राज्य के कितने हितैषी हैं, इसी से पता चल रहा है।

सीबीआई के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला के जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते ही पैसों का गबन हुआ था। यह 113 करोड़ रुपए का घोटाला है। इसमें फारूक अब्दुल्ला के साथ क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू कश्मीर बैंक का एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर आरोपी हैं। इन लोगों पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात का आरोप है। यह भी गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला जब से हाउस अरेस्ट से रिहा हुए हैं, तभी से सुर्खियों में हैं। बीते दिनों उनकी अगुवाई में ही जम्मू-कश्मीर में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई थी, जिसमें अनुच्छेद 370 के मसले पर रणनीति बनाए गई थी। विपक्षी पार्टियों ने गुपकार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और गठबंधन बनाया है, जो अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग करेगा।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले के मामले में ईडी पूछताछ कर रही है। गत दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फारूक अब्दुल्ला से इस मामले में पूछताछ की। करोड़ों रुपए के क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले का ये मामला क्रिकेट एसोसिएशन को मिलने वाले फंड में अनियमितता से जुड़ा है।

सीबीआई के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए पैसों का गबन किया था। यह 113 करोड़ रुपए का घोटाला है। इसमें फारूक अब्दुल्ला के साथ क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू कश्मीर बैंक का एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर आरोपी हैं। इन लोगों पर आपराधिक साजिश और विश्वासघात का आरोप है। आरोप के मुताबिक, बीसीसीआई ने 2002 से 2012 के बीच जेकेसीए को राज्य में खेल का बढ़ावा देने के लिए 113 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन इस फंड को पूरी तरह खर्च नहीं किया गया। आरोप है कि इसमें से 43।69 करोड़ रुपए से ज्यादा का गबन किया गया और इस पैसे को खिलाड़ियों पर भी खर्च नहीं किया गया।

सीबीआई को 2015 में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा इस मामले की जांच की जिम्मदारी सौंपी गई थी। कोर्ट का कहना था कि फारूक अब्दुल्ला का राज्य में बहुत दबदबा है इसलिए राज्य पुलिस को इसकी जांच करने में परेशानी होगी। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। यह फैसला दो खिलाड़ी माजिद याकूब डार और निस्सार अहमद खान की याचिका पर दिया गया था। हालांकि इस दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कोर्ट में कहा था कि उनकी राजनीतिक छवि को खराब करने के लिए झूठे आरोप लगाए गए हैं। इस मामले की पहले तीन साल राज्य पुलिस ने जांच की थी। पुलिस इसमें कोई ठोस सबूत पेश करने में विफल रही थी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने धारा 35-ए को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की है। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद फारूक अब्दुल्ला ने बताया, मैंने जम्मू कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर बात करने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। हमने पीएम से गुजारिश की कि कोई ऐसा कदम न उठाया जाए जिससे वहां के हालात खराब हों, राज्य के हालात की जगह अपने हालात देखें। (अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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