उद्धव ठाकरे का सामयिक जवाब
मुंबई। विजय दशमी के ओजस्वी पर्व पर मुंबई के दादर स्थित सावरकर ऑडिटोरियम में शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली हो रही थी। इसी रैली में 25 अक्टूबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा को उनकी 11 महीने पुरानी सरकार को गिराने की चुनौती दी। इसी बहाने शिवसेना प्रमुख ने उस भ्रम को भी दूर करने का प्रयास किया जो शिवसेना सांसद संजय राउत और भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुलाकात के बाद कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं में पैदा हुआ था। एनसीपी प्रमुख शरद पवार को इस संदर्भ में उद्धव ठाकरे के साथ बैठक भी करनी पड़ी थी। देवेंद्र फडणवीस ने संजय राउत के साथ मुलाकात को राजनीतिक कहकर कयासबाजी शुरू कर दी थी। इसीलिए उद्धव ठाकरे ने भाजपा से कहा कि केन्द्र सरकार को देश पर अधिक ध्यान देना चाहिए। आप बिहार में मुफ्त कोविड-19 टीके का वादा करते हैं, तो क्या फिर अन्य राज्यों के लोग बांग्लादेश या कजाखस्तान से हैं । ऐसी बातें कर रहे लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए्. आप केंद्र में बैठे हैं। आपकी जिम्मेदारी सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं हैं ।अभिनेत्री कंगना रनौत पर भी परोक्ष निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग रोजी-रोटी के लिए मुंबई आते हैं और शहर को पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) बोलकर उसे गाली देते हैं। ठाकरे ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने बेटे आदित्य ठाकरे पर लग रहे आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा, बिहार के बेटे को न्याय के लिए शोर मचा रहे लोग महाराष्ट्र के बेटे के चरित्र हनन में लगे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा जीएसटी प्रणाली पर पुनर्विचार करने का वक्त आ गया है और अगर जरूरी हुआ तो इसे बदला जाना चाहिए क्योंकि राज्यों को इससे फायदा नहीं मिल रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में अगर कहीं पीओके है तो ये प्रधानमंत्री की नाकामी है। वहीं उद्धव ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए उन्हें काली टोपी पहनने वाले व्यक्ति के रूप में पुकारा। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, वो मेरी सरकार को गिराना चाहते हैं, लेकिन मैं उन्हें सूचित कर दूं कि पहले अपनी सरकार को बचा कर दिखाएं। मैं बिहार के लोगों से अपील करूंगा कि अपनी आंखें खोलकर वोट करें। उन्होंने कहा कि मैं मराठा और ओबीसी समुदाय के लिए न्याय चाहता हूं। हमें महाराष्ट्र के लिए संयुक्त रहना है, कोई बंटे नहीं, बहकावे में न आए। उद्धव ठाकरे ने कहा, हमसे हिंदुत्व के बारे में पूछा जा रहा है कि हम मंदिर क्यों नहीं खोल रहे हैं? वो कहते हैं कि मेरा हिंदुत्व बालासाहेब ठाकरे से अलग है। आपका हिंदुत्व घंटी और बर्तन बजाने वाला है, हमारा हिंदुत्व ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हमारे हिंदुत्व पर सवाल उठा रहे हैं, वो बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के समय छुप रहे थे। उद्धव ठाकरे ने कहा, हमें (महाराष्ट्र को) अभी तक जीएसटी का 38,000 करोड़ रुपये का बकाया नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को लोगों को जाति और धर्म के आधार पर नहीं बांटना चाहिए।
उद्धव ठाकरे के पास ढेर सारे सवाल हैं और भाजपा के पास शायद उनके जवाब नहीं हैं।
कंगना रणौत ने महाराष्ट्र को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके ) कहा था। कांग्रेस या किसी अन्य गैर भाजपाई ने ऐसा कहा होता तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके अनुषांगिक संगठन मुंबई में गदर मचा देते। मुंबई में तो उसका घुस पाना लगभग असंभव हो जाता । कंगना रनौत को मुंबई न आने की धमकी उसी शिवसेना ने दी थी जिसने मुंबई में पाकिस्तान क्रिकेट टीम को न खेलने देने के लिए वानखेडे स्टेडियम की पिच ही खोदवा दी थी। पीओके पर पाकिस्तान ने जबरदस्ती कब्जा कर रखा है, तो क्या कंगना रणौत महाराष्ट्र में भी पाकिस्तान की सरकार मानती हैं।
उद्धव ठाकरे ने जीएसटी का महत्वपूर्ण सवाल उठाया है। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को जीएसटी के बकाए का भुगतान नहीं किया गया है, जो कि 38 हजार करोड़ रुपये है। इसके चलते राज्य को इस कोरोना काल में भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उद्धव ठाकरे ने कहा, इस सब से यह प्रतीत होता है कि जीएसटी प्रणाली फेल हो गई है। यदि यह काम नहीं कर रही है, तो प्रधानमंत्री को ईमानदारी से इसे स्वीकार करना चाहिए और पुरानी कर व्यवस्था में वापस आ जाना चाहिए। दूसरे राज्यों के सामने आने वाली समान समस्याओं का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस मुद्दे का हल निकालने के लिए प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी के बिहार में मुफ्त कोरोना वैक्सीन वितरित करने के वादे की भी कड़ी आलोचना की। ठाकरे ने कहा, एक तरफ आप हमें हमारे हिस्से का बकाया जीएसटी नहीं दे पा रहे हैं और दूसरी तरफ, आप लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का वादा कर रहे हैं। पैसा कहां से आएगा? और शेष भारत का क्या होगा? यह भेदभाव क्यों है? क्या देश का बाकी हिस्सा पाकिस्तान है?
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का नाम लिए बिना ठाकरे ने उन पर निशाना साधा और कहा कि वो क्या हमसे हिंदुत्व के बारे में पूछेंगे, जिनकी अपनी कोई साख नहीं है। ठाकरे ने चेतावनी दी, हमारा हिंदुत्व आपके हिंदुत्व से बहुत पुराना और अलग है। दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने इस बारे में तब बोला था जब लोग इसका नाम लेने से भी डरते थे। मैंने एक बार हमला बोला है, अगर जरूरत पड़ी तो फिर बोलेंगे।
भाजपा नेताओं पर कड़ी चोट करते हुए, ठाकरे ने उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की दशहरा रैली का भाषण ध्यान से सुनने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, हमारा हिंदुत्व देवताओं, मंदिरों या पूजा, घंटा और बर्तन बजाने तक ही सीमित नहीं है। हमारा हिंदुत्व हमारा राष्ट्रवाद है। आपने महाराष्ट्र में गौरक्षा कानून बनाया, लेकिन गोवा में क्यों नहीं? महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, शिवसेना ने मोहन भागवत को राष्ट्रपति बनाने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी के साथ हाथ मिलाया, जो आरएसएस से जुड़े किसी भी व्यक्ति के साथ कोई मेल-जोल नहीं रखना चाहते। हिंदुत्व के नाम पर 'इसकी टोपी, उसके सर' वाला गेम हमारे साथ मत खेलो।
उद्धव ठाकरे ने कहा, देश में अजीबोगरीब चीजें चल रही हैं जो एक चिंता का विषय है, खास कर कोरोना महामारी और आर्थिक संकट के दौर में। लेकिन भाजपा केवल लॉकडाउन में मंदिर पर राजनीति और सरकारों को गिराने में व्यस्त है। (केशव कान्त कटारा-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)