मंत्रविहिन बाल ब्रह्मचारियों को सिपाही ने ऐसे दिया शिक्षा का मंत्र

मंत्रविहिन बाल ब्रह्मचारियों को सिपाही ने ऐसे दिया शिक्षा का मंत्र

लखनऊ। माथे पर चंदन और गले में तुलसी की माला तथा सिर पर पगड़ी धारण कर भ्रमणशील होते हुए भिक्षाटन के लिए पहुंचे मंत्रविहिन बाल ब्रह्मचारियों को कांस्टेबल ने जब शिक्षा रूपी मंत्र का पाठ पढाया तो भिक्षाटन कर रहे बाल ब्रह्मचारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह दोबारा से ऐसी भूल नहीं करने की बात कहते हुए वहां से अपने घर लौट गए।

दरअसल बुधवार को राजधानी लखनऊ के थाना नाका क्षेत्र की चारबाग चौकी पर तैनात कांस्टेबल मनीष तिवारी सवेरे के समय सुरक्षा के मददेनजर गस्त करने के लिए निकले थे।

इस दौरान कांस्टेबल की नजर माथे पर चंदन, गले में तुलसी की माला और सिर पर पगड़ी धारण किये भ्रमणशील दो बाल ब्रह्मचारियों पर पड़ी। पूछताछ किए जाने पर वह धर्म से अज्ञान और पठन- पाठन से कोसों दूर एवं मंत्रविहीन बाल ब्रह्मचारी निकले।


बच्चों ने बताया कि वह भिक्षाटन के लिए यह बालब्रहमचारी का वेश धारण करते हुए सड़क पर निकले हैं। लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे दोनों बाल ब्रह्मचारियों को कांस्टेबल मनीष तिवारी ने काफी देर तक नसीहत देते हुए उन्हें अपने गांव लौटकर किसी अच्छे से विद्यालय में दाखिला लेकर शिक्षा ग्रहण करने की सीख दी।

कांस्टेबल ने शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात समाज उन्नयन के पद पर चलते हुए देश एवं समाज की सेवा करने का ऐसा शिक्षा रूपी मंत्र बाल ब्रह्मचारियों को प्रदान किया जिसे सुनकर दोनों बाल ब्रह्मचारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह शिक्षा के लिए स्कूल में दाखिला लेने का वादा करते हुए अपने घर लौट गए।

कांस्टेबल के इन सदप्रयासों को देख रहे अन्य लोग आश्चर्य चकित होकर कह रहे हैं कि वास्तव में आज के सभ्य समाज के बीच सलीके से बात करने वाले कांस्टेबल मनीष तिवारी जैसे सेवक की महकमें को जरूरत है।

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