नही रूकेंगे शिवभक्तोेेेेेें के कदम-हरिद्वार नही तो क्या यहां से भरेंगे जल

नही रूकेंगे शिवभक्तोेेेेेें के कदम-हरिद्वार नही तो क्या यहां से भरेंगे जल

मेरठ। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध शिवभक्तों के कदमों को नहीं रोक पाएंगे।हरिद्वार से गंगाजल लाने पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद अब शिव भक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बृजघाट, मुरादनगर और बिजनौर के बैराज से गंगाजल उठाकर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करते हुए भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करेंगे। पवित्र गंगाजल भरने के नए स्थलों के विकसित होने के बाद अगले दिनों में श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार के कारोबारियों के आर्थिक स्रोतों पर इसका गहरा असर पहुंचेगा।


बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए उत्तराखंड सरकार की ओर से श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद उत्पन्न हुए हालातों पर मंडलायुक्त और आईजी की अध्यक्षता में आयोजित की गई कई जनपदों के अधिकारियों की बैठक में गंभीरता के साथ मंथन किया गया। मंडल आयुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित की गई बैठक में तय किया गया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर शिव भक्तों के हरिद्वार पहुंचने पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद अब शिवभक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बृजघाट, मुरादनगर और बिजनौर के बैराज से गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करेंगे। बैठक में मौजूद मंडल के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकाों, पुलिस अधीक्षकों तथा विभिन्न विभागों चिकित्सा, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग, नगर निगम, मेरठ विकास प्राधिकरण, पंचायती राज, जल निगम, वन विभाग, एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए और कहा गया कि वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण की दर हालांकि लगभग शून्य है।

किंतु कांवड़ यात्रा 2021 के दौरान इससे बचाव संबंधित गाइडलाइन का पालन कराया जाए। कांवड़ मार्ग तथा मंदिरों के पास कोविड-19 हेल्प डेस्क स्थापित की जाए। जहां सैनिटाइजर और मास्क की उपलब्धता के अतिरिक्त थर्मल स्क्रीनिंग एवं कोविड-19 इत्यादि की व्यवस्था रखी जाए। जहां हेल्पडेस्क से निकलने वाले कूड़े का सुरक्षित निस्तारण हो। बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी जीवन रक्षक दवाओं और एंबुलेंस की समुचित उपलब्धता रहे। निकटवर्ती अस्पतालों में बेड आरक्षित कराए जाएं। ब्लड बैंक तैयार रहें। आकस्मिक सेवाओं को भी तैयार रखा जाए। इसके अलावा कांवड़ यात्रा मार्ग एवं जलाभिषेक होने वाले मंदिरों के पास पेयजल, शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले सभी पेट्रोल पंपों पर शौचालयों की व्यवस्था भी दुरुस्त रहें। ताकि आवश्यकता अनुसार उनका उपयोग किया जाए। जिला अधिकारियों से कहा गया है कि वह कांवड़ सेवा शिविरों के लिए कोविड-19 गाइडलाइंस जारी कर दें तथा उसका सख्ती से पालन करायें। बिना प्रशासनिक अनुमति प्राप्त किए कोई कांवड़ सेवा शिविर पा लगे। शिविर संचालकों के साथ जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर पर बैठक आयोजित की जाए। निजी चिकित्सा शिविर भी बिना अनुमति के नहीं चलाए जाएंगे। कांवड़ यात्रा के दौरान प्रतिबन्धित प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोका जाये। विशेषकर शिविरों पर इनका इस्तेमाल न हो। अन्यथा जुर्माने की कार्यवाही की जाये। शिविरों में डस्टबिन अनिवार्य रूप से रखे जायें। मार्ग पर साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था हो। सम्बन्धित स्थानीय निकाय द्वारा निरंतर विसंक्रमण की कार्यवाही करायी जाये।

कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत यातायात व डायवर्जन व्यवस्था हेतु कार्ययोजना बना लें। यह प्रयास करें कि न्यूनतम समय के लिये मुख्य मार्ग बंद हो तथा केवल एक साइड की रोड बंद कर दूसरी ओर से ट्रैफिक का संचालन कराया जाये।

लोक निर्माण विभाग,सिंचाई विभाग,नगर निगम को निर्देशित किया कि अपने क्षेत्रान्तर्गत कांवड़ मार्गों का तत्काल निरीक्षण कर लें और सड़कों को गड्ढामुक्त करायें। ऐसे स्थानों जहां जलभराव की समस्या है, को चिन्हित कराकर समस्या का समाधान करायें। विद्युत विभाग स्थलीय निरीक्षण कराकर यह सुनिश्चित करे कि बिजली के तार नीचे न झुके हों। इसी प्रकार ट्रांसफार्मर की बेरिकेटिंग हो तथा खम्बों में करंट आने से बचाव की व्यवस्था हो। कांवड शिविरों में विद्युत सुरक्षा के प्रबन्ध हों। कांवड यात्रा से जुडे सम्बन्धित ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर ली जाये। इसके अतिरिक्त सिविल डिफेंसध्अन्य वाॅलंटियर्स का सहयोग लेकर व्यवस्थित ढंग से कांवड़ यात्रा को संचालित कराया जाये।

सिंचाई विभाग द्वारा गंग नहर के किनारे और पुलों के आसपास मजबूत बैरिकेटिंग करायी जाएगी। नहाने के स्थलों, विशेषकर गहरे पानी पर चेतावनी बोर्ड लगवाये जाएंगे तथा इन क्षेत्रों पर गोताखोरों की व्यवस्था की जाएगी। गोताखारों के मोबाइल नम्बर भी सभी अधिकारियों के पास मौजूद रहेंगे। इसके अलावा घाटों के आसपास लगाई जाने वाली दुकानों पर खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा निरंतर फूड पाॅइजनिंग की दृष्टि से खाद्य पदार्थों की जांच करेंगे। इसके लिये जांच किट की व्यवस्था भी करायी जाएगी। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा सभी ढाबों व रेस्टोरेंट पर रेट लिस्ट लगवायी जाये। ओवरचार्ज किये जाने पर शिकायत करने हेतु कन्ट्रोल रूम के नम्बर भी अंकित किये जायें।

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