ब्लॉक प्रमुखी के लिए ठाकुर SC बनी महिला का प्रमाण पत्र निरस्त-कुर्सी..

ब्लॉक प्रमुखी के लिए ठाकुर SC बनी महिला का प्रमाण पत्र निरस्त-कुर्सी..

बरेली। कुर्सी हासिल करने के लिए ब्लॉक प्रमुख ने अपनी जाति बदलने से भी गुरेज नहीं की। पराजित प्रत्याशी की ओर की गई शिकायत पर हुई जांच में ब्लॉक प्रमुख विजेता ठाकुर महिला का नट जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है। प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद अब महिला की ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर भी संकट मंडरा गया है।

दरअसल उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान विकासखंड रामपुर के प्रमुख पद पर विजेता रही ठाकुर महिला ने नट जाति के प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में अपने पति मित्रपाल की जाति के आधार पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर इलेक्शन लड़ने वाली बिलासपुर प्रमुख महिला के खिलाफ इलैक्शन लडकर दूसरे स्थान पर रही भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी नेहा आर्य द्वारा शिकायत की गई थी।

जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि बीजेपी कैंडिडेट की शिकायत सही है। सत्यापन समिति ने अपनी जांच में कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 8 जुलाई 2009 को उत्तर प्रदेश नगर निकाय के निर्वाचन जाति प्रमाण पत्र के संबंध में आदेश 2009 जारी किया गया है।

जिसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि किसी नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद या नगर निगम के निर्वाचन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातिया पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित किसी स्थान अथवा पद के लिए इलेक्शन लड़ने का इच्छुक व्यक्ति नाम निर्देशन या प्रमाण पत्रों के साथ संबंधित तहसीलदार या उप जिलाधिकारी द्वारा जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र इस आदेश के साथ संलग्न प्रारूप में नोटरी शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करेगा।

वह ऐसा व्यक्ति अथवा स्त्री है तो उसकी जाति वही होगी जिस जाति में उसने जन्म लिया है। विजेता ठाकुर पत्नी मित्र पाल सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट का सोमवार की वास्तविक जाति जन्म से कुचबंध्या है बल्कि नट नहीं है। इस आदेश पर 6-3- 2021 को जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाता है। ब्लॉक प्रमुख महिला का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद अब उसकी कुर्सी पर भी संकट मंडराने लगा है।

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