मुख्यमंत्री और रेलमंत्री में तनातनी

मुख्यमंत्री और रेलमंत्री में तनातनी

चंडीगढ़। पंजाब में किसान आंदोलन के चलते रेलवे ने फिर से मालगाड़ियों का संचालन सूबे में बंद कर दिया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर ट्रेनों की बहाली की मांग की। सीएम ने कहा कि सूबे में मालगाड़ियां न चलाने का फैसला संघर्ष कर रहे किसानों का गुस्सा और बढ़ा सकता है। मालगाड़ियों के न चलने से न सिर्फ पंजाब बल्कि जेएंडके, लेह और लद्दाख को भी जरूरी वस्तुओं और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। वहीं, सीएम के निर्देशों पर सीएस विनी महाजन ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से बातचीत की। उन्हें बताया कि सरकार ने 'रेल रोको आंदोलन' खत्म करने और ट्रेनों को बहाल करने के लिए किसानों से बातचीत को 3 मंत्रियों की समिति बनाई है। जहां तक मालगाड़ियों का संबंध है, कोई भी मुख्य लाइन नहीं रोकी गई और सिर्फ एक लाइन रोकी गई है, जो प्राईवेट थर्मल प्लांट तलवंडी साबो को जाती है। फिर क्यों ट्रेनें बंद की गईं। वहीं, देर रात रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सीएम के पत्र का जवाब देते कहा पंजाब सरकार रेल स्टाफ की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करे और आंदोलनकारियों को ट्रैक खाली करने को कहें, ताकि रेल सेवाओं की बहाली बिना किसी रुकावट के हो सके।

पंजाब सरकार की अपील के बाद 22 अक्टूबर से किसान कुछ शर्तों के साथ मालगाड़ियों को चलाने के लिए राजी हुए थे लेकिन 23 अक्टूबर को कुछ ट्रेनों को जबरन रोककर सामान की जांच के बाद ड्राइवरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर आशंका जताई थी, इसके बाद रेलवे ने कहा था कि जब तक पूरी क्लीयरेंस नहीं मिलती मालगाड़ियां नहीं चलाई जाएंगी। उधर, देश की 22 किसान जत्थेबंदियों ने दिल्ली में बैठक की और बताया कि मंगलवार को 261 जत्थेबंदिया बैठक कर रणनीति बनाएंगी।

बहरहाल मालगाड़ियों के न चलने से करीब 24 हजार करोड़ रुपए का होजरी और स्पोर्ट्स का सामान सूबे में अटक गया है। अगर मालगाड़ियां जल्द नहीं चलीं तो और संकट पैदा हो सकता है। अब जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति का मुद्दा केंद्र और राज्य सरकार की आपसी राजनीति में उलझकर रह गया है।

ध्यान रहे कि आगामी सीजन में 25 लाख टन यूरिया, 8 लाख टन डीएपी की जरूरत है। सूबे में लुधियाना समेत कई जिलों में होजरी के सामान का बड़ा कारोबार होता है। इस समय 14000 करोड़ का सामान अटका है, जो दूसरे राज्यों में जाना है। स्पोर्ट्स मालगाड़ियों के रुकने के कारण सूबे में 5700 करोड़ का स्पोर्ट्स का सामान फंसा है। सूबे में कैटल फीड इंडस्ट्री बड़े स्तर पर काम कर रही है। इसके लिए रॉ मटीरियल दूसरे राज्यों से आता है। करीब 20,000 करोड़ का कारोबार दूसरे राज्यों के साथ होता है। इसके साथ ही 7000 करोड़ का हैंड टूल्स व आटो पार्ट्स का काम ठप। सूबे में स्क्रैप व लोहे की बड़ी मात्रा में खपत होती है। (केशव कांत कटारा-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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