जिला पंचायत चुनाव में भी बीजेपी ने बनाया दबदबा

जिला पंचायत चुनाव में भी बीजेपी ने बनाया दबदबा

पणजी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोवा के जिला पंचायत चुनावों में भी दबदबा कायम कर लिया है। भाजपा ने 49 में से कुल 32 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को मात्र 4 सीटे मिल पायी हैं। राज्य में 48 जिला पंचायत क्षेत्रों में 50 सीटें हैं लेकिन एक सीट पर उम्मीदवार की मौत हो जाने के कारण चुनाव नहीं हुआ था। जिला पंचायत के लिए 12 दिसंबर को मतदान हुआ था। सात सीटों पर निर्दलीय विजयी रहे हैं। स्थानीय बड़ी राजनीतिक पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के हिस्से में तीन सीटें आयी हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) को सिर्फ एक सीट मिल पायी है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने भी गोवा में दस्तक दे दी है। जिला पंचायत में उसका भी एक प्रतिनिधि पहुंच गया है। गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे प्रमोद सावंत 2019 में गोवा के नए मुख्यमंत्री बने थे। भाजपा ने उन्हें सीएम पद के लिए नामित किया। गोवा में सहयोगी पार्टियों एमजीपी और जीएफपी एवं निर्दलीय विधायकों से समर्थन पत्र मिलने के बाद भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। तत्कालीन सीएम मनोहर पर्रिकर का कैंसर से निधन हो गया था। इस प्रकार गोवा के जिला पंचायत चुनाव में भाजपा को जो सफलता मिली है, उसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा प्रमोद सावंत का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गोवा से पहले भाजपा ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और राजस्थान के निकाय चुनाव में भी शानदार सफलता हासिल कर चुकी है। भाजपा को यह सफलता तब मिल रही है, जब केंद्र सरकार के तीन कानूनों को लेकर किसानों में जबर्दस्त आक्रोश है।

गोवा के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते समय ही प्रमोद सावंत ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है। गोवा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सावंत ने अपनी मदद के लिए और सामंजस्य के लिए कि दो उपमुख्यमंत्री बनाए थे। सावंत ने अपने राजनीति में आने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को दिया था। मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद से ही भाजपा राज्य में सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों को मनाने की कोशिश कर रही थी। भाजपा के सूत्रों ने बताया था कि दोनों छोटे सहयोगी दलों के एक-एक विधायक को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के विधायक सुदिन धवलिकर को डिप्टी सीएम बनाया गया और सरकार बेहतर तालमेल के साथ चली। प्रमोद सावंत को भी मनोहर पर्रिकर की तरह उनकी सादगी के लिए जाना जाता है। वह संकेलिम विधानसभा से विधायक हैं। सावंत 24 अप्रैल 1973 को पैदा हुए थे। वे आयुर्वेद के डॉक्टर हैं। उनकी पत्नी सुलक्षणा सावंत भाजपा महिला मोर्चा की गोवा यूनिट की अध्यक्ष हैं।

राजस्थान और हैदराबाद के स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भाजपा ने गोवा के चुनावों में भी शानदार प्रदर्शन किया है। गोवा में जिला पंचायत चुनाव के नतीजे 14 दिसम्बर को घोषित किए जा रहे थे। मतगणना राज्य भर के 15 अधिसूचित केंद्रों पर सुबह 8 बजे से शुरू हुई, तभी पता चल गया कि नतीजे भगवा के पक्ष में जाएंगे। भाजपा ने उत्तरी गोवा जिला पंचायत की 25 में से 17 सीटें पहले से ही जीत ली थीं जबकि पार्टी ने दक्षिण गोवा की 23 में से 14 सीटें जीत ली । कांग्रेस ने उत्तरी गोवा में तब तक एक ही सीट जीती थी जबकि दक्षिणी गोवा में तीन सीटें हासिल कर ली थीं । महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने दोनों जिला परिषदों में तीन सीटें जीतीं । आम आदमी पार्टी और राकांपा ने भी एक-एक सीट जीती है। इन चुनावों में सात निर्दलीय उम्मीदवारों ने जबरदस्त जीत हासिल की है। गोवा जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने 43 उम्मीदवार उतारे थे जबकि कांग्रेस ने 48 सीटों पर 38 उम्मीदवार उतारे थे। आम आदमी पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने 17 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जबकि लगभग 80 उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा। कड़ी सुरक्षा के बीच गोवा में 48 जिला पंचायत चुनावों के लिए मतदान हुआ था। राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने बताया था कि राज्य में 56.82 प्रतिशत (7.92 लाख योग्य मतदाताओं में से 4.50 लाख लोग) का मतदान दर्ज किया गया था। गोवा जिला पंचायत चुनाव भारत में कोरोनोवायरस महामारी की शुरुआत के बाद से राज्य में होने वाला पहला प्रमुख चुनाव था। कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच मतदान आयोजित किया गया था और राज्य चुनाव आयोग ने संक्रमित लोगों को भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी थी।

गोवा की तरह ही भाजपा को हैदराबाद निकाय चुनाव में भी शानदार सफलता मिली थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हैदराबाद निकाय चुनाव के परिणाम को ऐतिहासिक बताया और कहा कि जनता ने मोदी जी के नेतृत्व को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। हालांकि इन नतीजों में एआईएमआईएम ने सभी को चैंका दिया है। नतीजे आने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था हमारी पार्टी ने 44 सीटें जीती हैं और हमने अपने जीते हुए नेताओं से कह दिया है कि वे कल से काम शुरू कर दें। केंद्र में गृहराज्य मंत्री रेड्डी ने कहा था कि लोग असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हैं। साल 2023 के चुनावों में बीजेपी को न तो के चंद्रशेखर राव रोक पाएंगे और न ही ओवैसी... पार्टी तेलंगाना में अगली सरकार बनाएगी। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास और प्रशासन के मॉडल को मिला समर्थन दर्शाते हैं। हैदराबाद के लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि 2023 में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या होंगे। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि तेलंगाना के लोगों ने भ्रष्ट केसीआर सरकार को अलविदा कहने का फैसला किया है। हैदराबाद में स्थानीय चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए भूपेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव नतीजे बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं। ये बीजेपी का मनोबल बढ़ाने वाले हैं। इससे प्रदर्शित होता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व और सुशासन के उनके मॉडल की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता है। बीजेपी राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस की एकमात्र विकल्प और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है। पार्टी के प्रदर्शन से यह भी प्रदर्शित होता है कि जनता ने वंशवाद की राजनीति के खिलाफ और टीआरएस के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना जनादेश दिया है।भारतीय जनता पार्टी ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी को न सिर्फ चैंका दिया , बल्कि मेयर की गणित भी बिगाड़ दी है। 150 सीटों वाले इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। मेयर बनाने के लिए किन्हीं दो पार्टी को साथ आना ही होगा। इस बात की कयासबाजी तेज हो गई है कि चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी टीआरएस और तीसरे नंबर पर रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मेयर बनाने के लिए गठबंधन कर सकती है। हालांकि बीजेपी दोनों पर परोक्ष रूप से एक-दूसरे की मदद करने का आरोप लगाती रही है। इसलिए भाजपा ने हैदराबाद में दूसरे स्थान पर रहकर अपने को विकल्प तो साबित कर दिया लेकिन तेलंगाना में सरकार बनाने के लिए उसको टीआरएस और एआईएमआईएम से संयुक्त रूप से लडना होगा।

भाजपा ने राजस्थान में भी सत्तारूढ कांग्रेस को निकाय चुनाव के नतीजे में पछाड दिया है। जयपुर, अलवर, श्रीगंगानगर, धौलपुर, बांरा, करौली, दौसा, भरतपुर, जोधपुर, कोटा, सिरोही व सवाई माधोपुर जिलों की 43 नगर पालिका और 7 नगर परिषदों के 1775 वार्डों में पार्षद पद के लिए वोट डाले गए थे। इन चुनावों में 7249 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है। जिला परिषद के 636 सदस्यों में से कांग्रेस को 252 भाजपा को 353 आरएलपी को 10 सीटें मिलीं जबकि 18 निर्दलीयों ने जीत हासिल की है।

इसी प्रकार 4371 पंचायत समिति सदस्यों में से कांग्रेस को 1852, भाजपा को 1989, बसपा को 5, आर एलपी को 60 सीपीआई एम को 26 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 439 सीटों पर जीत हासिल हुई है। (हिफी)

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