राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने 2 रुपये सालाना की लीज पर दी थी एएमयू को जमीन

राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने 2 रुपये सालाना की लीज पर दी थी एएमयू को जमीन

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ दिलचस्प पहलुओं में से एक ये भी है कि एक वक्त में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा रखने वाले एएमयू के लिए जमीन एक हिंदू राजा ने दी थी- वो भी बेहद नाममात्र के रेट पर. वो राजा थे - मुरसान नरेश राजा महेंद्र प्रताप सिंह. इस बात को वर्षों बीत गए, हममें से तमाम लोग इस बात को जानते भी नहीं होंगे कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह कौन थे और उन्होंने ऐसा क्यों किया? लेकिन जब भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नाम आएगा, उसके साथ राजा महेंद्र प्रताप सिंह की दानशीलता को भी याद करना जरूरी है।

अलीगढ़ में जीटी रोड पर तहसील के पास जिस जमीन पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का सिटी स्कूल है, वो जमीन राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने दान की थी. मुरसान नरेश राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने दो रुपए सालाना के हिसाब से 90 साल के लिए लीज पर दी थी. ढाई साल पहले ये लीज खत्म भी हो गई है. ये बेहद प्रतिष्ठित स्कूल है. इसमें अधिकतर शहर के छात्र पढ़ते हैं. स्कूल 3.8 एकड़ जमीन में बना हुआ है. इसका एक बड़ा हिस्सा तिकोना जमीन के रूप में खेल का मैदान है. राजा ने 1929 में इस जमीन को लीज पर दिया था. इस पूरी जमीन की कीमत फिलहाल 55 करोड़ से ज्यादा होगी।

राजा महेंद्र प्रताप का एएमयू का गहरा नाता रहा है. राजा ने मुहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कॉलेज में 12वीं की परीक्षा पास की थी. बीए करने के दौरान ही राजा महेंद्र प्रताप चले गए थे. इंतजामिया ने सात जनवरी 1977 में एमएओ कॉलेज के सालाना जलसे में राजा साहब को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया था. इसमें उन्हें सम्मानित भी किया. इसके बाद 29 अप्रैल 1979 में उनका निधन हो गया।

1 दिसंबर, 1886 में जन्मे राजा महेंद्र प्रताप को गोद लेने के वाले हाथरस के राजा घनश्याम सिंह ने उन्हें पढने के लिए 1895 में अलीगढ़ में गवर्मेंट हाईस्कूल भेजा था. उसी साल महेंद्र प्रताप का दाखिला एमएओ कॉलेज में करा दिया गया. राजा घनश्याम सिंह और सर सैयद के बीच अच्छी दोस्ती थी. सर सैयद के आग्रह पर ही महेंद्र प्रताप यहां पढ़ने आए. बताते हैं कि महेंद्र प्रताप अलग हॉस्टल में राजाशाही ठाठ से रहते थे. 10 नौकर भी उनके साथ यहां रहते थे।

राजा ने महेंद्र प्रताप सिंह ने 1909 में वृंदावन में प्रेम महाविद्यालय की स्थापना की थी, तब उन्होंने पांच गांव दान में भी दिए. गुरुकुल वृंदावन, डीएस कॉलेज, एसवी कॉलेज, कायस्थ पाठशाला और बीएचयू के लिए भी उन्होंने अपनी जमीन दी थी. 1932 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह को इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के अभियान में भी भाग लिया था और अफगानिस्तान-भारत में स्थिति के बारे में भी जागरूकता पैदा करने के लिए दुनिया में यात्राएं की थीं।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी शुरू करने जा रही है, जिसकी योजना फाइनल कर ली गई है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने 14 सितम्बर 2019 को राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम से एक विश्वविद्यालय बनाने का ऐलान किया था. उम्मीद है कि ये स्टेट यूनिवर्सिटी 2022 में बनकर तैयार हो जाएगी।


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