एक तो ट्रेन 3 घंटे लेट- ऊपर से जज को नहीं मिला नाश्ता- अब देना..

एक तो ट्रेन 3 घंटे लेट- ऊपर से जज को नहीं मिला नाश्ता- अब देना..

प्रयागराज। वंदे भारत जैसी ट्रेन चलाकर खुद की पीठ थपथपा रहे रेलवे विभाग की वास्तविक हालत कैसी है? इसका नजारा पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा कर रहे जज को देखने को मिला है। रेलगाड़ी में काफी कोशिशों के बाद भी जब जज और उनकी पत्नी को नाश्ता नसीब नहीं हुआ तो वापस लौटे जज ने अब नाराज होकर उत्तर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर को आदेश देते हुए कहा है कि वह इस बाबत संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगे और अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपे।

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस गौतम चौधरी अपनी पत्नी के साथ इसी महीने की 8 जुलाई को पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी एसी डिब्बे में सवार होकर राजधानी दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा पर निकले थे। लचर व्यवस्था के चलते रास्ते में यह एक्सप्रेस रेलगाड़ी 3 घंटे से भी अधिक लेट हो गई थी। इस दौरान जज और उनकी पत्नी को नाश्ता नहीं दिया गया था। जज साहब ने पैंट्री कार मैनेजर को कॉल की तो वह रिसीव नहीं हुई। जज ने कई बार टीटीई से कहा कि वह किसी जीआरपी के सिपाही को भेज दें। लेकिन जीआरपी के सिपाही की भी जज साहब को दूर तक शक्ल नहीं दिखाई दी। जज ने पैंट्री कार मैनेजर राजीव त्रिपाठी को फोन किया, लेकिन रिसीव नहीं होने पर जस्टिस गौतम चौधरी को काफी असुविधाएं उठानी पड़ी।


प्रयागराज पहुंचे नाराज जज ने अब उत्तर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर को आदेश दिया है कि वह अव्यवस्था के जिम्मेदार रेलवे अफसरों, जीआरपी के अफसरों तथा पैंट्री कार संचालक से स्पष्टीकरण मांगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल आशीष कुमार श्रीवास्तव ने उत्तर मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वह बताएं कि इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई हुई है।

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