''मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान'' के अन्तर्गत हुआ पहले लाभार्थी का इलाज

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लखनऊ। आज जनपद-प्रतापगढ़ के नगर पंचायत पट्टी के वार्ड नं0-10 की निवासी दुपाटी देवी ''मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान'' के अन्तर्गत इलाज पाने वाली पहली लाभार्थी बनी हैं। दुपाटी देवी को प्रतापगढ़ के जिला पुरूष चिकित्सालय में सफलता पूर्वक इलाज के उपरान्त डिस्चार्ज कर दिया गया है। गरीब एवं बेसहारा परिवारों को बीमारी की हालत में लाचारी से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी द्वारा 23 सितम्बर 2018 को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की गयी। प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के शुरू होते ही बड़ी संख्या में ऐसे गरीब परिवार सामने आये जिनका नाम एसईसीसी 2011 के सूची में नहीं जुड़ पाया था और वह योजना के लाभ से वंचित रह गये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के पहल पर राज्य सरकार ने ऐसे वंचित परिवारों को ध्यान में रखते हुए अपने खर्च पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान शुरू करने का निर्णय लिया।

''मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि जिन गरीब एवं पात्र परिवारों का नाम आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं हैं उनके नाम मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत जोड़े जायेंगे एवं उन्हें भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ दिया जायेगा। मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के क्रियान्वयन का उत्तरदायित्व स्वास्थ्य विभाग के अधीन स्थापित संस्था स्टेट एजेंसी फार कम्प्रेहेंसिव हेल्थ एण्ड इन्टीग्रेटेड सर्विसेज (साजीज) को सौंपा गया। साचीज की पहल पर बहुत ही कम समय में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सर्वे का कार्य कराते हुए लगभग 10 लाख परिवारों को चिन्हित करते हुए उन्हें योजनान्तर्गत आच्छादित करने का कार्य पूर्ण किया गया।

योजना के पात्र परिवारों से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पत्र के माध्यम से सीधा संवाद किया गया। जनपदों में मुख्यमंत्री द्वारा प्रेषित पत्रों का वितरण प्रारम्भ हो चुका है और अब योजना के लागू हो जाने से वंचित परिवार इलाज के लिए अस्पतालों में पहुँचने लगे हैं।

अगर आंकड़ों की बात करें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत अब तक लगभग 1 लाख 15 हजार 722 लाभार्थियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। लाभार्थी परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सीधे जानकारी दी जा रही है। योजनान्तर्गत प्रदेश में अब तक 1388 निजी एवं 432 सरकारी कुल 1820 चिकित्सालय योजना से जुड़ चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा योजना के कुशल संचालन, अनुश्रवण एवं निगरानी हेतु 24ग7 डेडिकेटेड काल सेन्टर (टोल फ्री हेल्प लाइन नं0-1800-1800-4444) की स्थापना की गयी, जिसके माध्यम से लाभार्थियों का नियमित फीडबैक प्राप्त किया जा रहा है एवं संदिग्ध मामलों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।

योजनान्तर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 में सम्मिलित परिवारों को 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। सूचीबद्ध सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में इलाज संभव है, सूचीबद्ध अस्पतालों की जानकारी www.sachis.in वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। योजनान्तर्गत कुल 1350 पैकेजेज सम्मिलित हैं, जिनमें कैंसर, हृदय रोग जैसी बीमारियों का भी इलाज संभव है। लाभार्थी mera.pmjay.gov.in वेबसाइट पर अपनी पात्रता की जांच कर सकता है तथा नजदीकी जन सेवा केन्द्रों पर मात्र 30 रुपये का भुगतान कर गोल्डेन कार्ड प्रिन्ट करा सकता है। पात्र परिवारों को योजना का लाभ लेने के लिए अपने साथ आधार कार्ड इत्यादि के साथ राशन कार्ड अथवा प्रधानमंत्री द्वारा प्रेषित पत्र साथ ले जाना आवश्यक है। चिन्हित परिवारों के सदस्यों की संख्या तथा आय सीमा का कोई बन्धन नहीं है। बालिकाओं, महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता है। पुरानी बीमारियों का इलाज भी संभव है।

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