इसरो ने पहले साउंडिंग रॉकेट के प्रक्षेपण की मनाई हीरक जयंती

इसरो ने पहले साउंडिंग रॉकेट के प्रक्षेपण की मनाई हीरक जयंती

चेन्नई। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन ने तिरुवनंतपुरम के थुंबा में पहले साउंडिंग रॉकेट के प्रक्षेपण की हीरक जयंती के अवसर पर 2452वें साउंडिंग रॉकेट ‘रोहिणी 200’ को प्रतीकात्मक रूप से प्रक्षेपित किया।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित एक भव्य समारोह में इसरो ने 21 नवंबर, 1963 को थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन से नाइके-अपाचे साउंडिंग रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ अंतरिक्ष में अपने पहले प्रयास की 60 वीं वर्षगांठ मनाई।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने भाग लिया और कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस सोमनाथ ने समारोह की अध्यक्षता की जबकि विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सभा को संबोधित किया।

शनिवार को आयोजित इस समारोह में उल्लेखनीय रुप गणमान्य व्यक्ति जिनमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर, विभिन्न इसरो केंद्रों (वीएसएससी, एलपीएससी, एसडीएससी, एचएसएफसी, आईपीआरसी और आईआईएसयू) के निदेशक, वीएसएससी के पूर्व निदेशक, शुरुआती वर्षों के दौरान सेवा करने वाले अनुभवी कर्मचारी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। जयंती समारोह के हिस्से के रूप में इसरो के अतीत, वर्तमान और भविष्य के कार्यक्रमों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी आयोजित की गई थी।

थुम्बा से ‘रोहिणी 200’ के 2452वें साउडिंग रॉकेट प्रक्षेपण ने इस कार्यक्रम में एक शानदार स्पर्श जोड़ा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रक्षेपण नियंत्रण केंद्र के पास अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की छह दशकों की उपलब्धियों का प्रतीक एक हीरक जयंती स्मारक का अनावरण किया।

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