आईपीएफटी विधायक का इस्तीफा

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अगरतला। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दल इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव की कैबिनेट में पूर्व आदिवासी कल्याण मंत्री मेवर कुमार जमातिया ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।

मंत्री मेवर कुमार जमातिया ने अपने इस्तीफे के कारणों की जानकारी नहीं दी है।

भाजपा के त्रिपुरा में 56 महीनों के शासन में मंत्री मेवर कुमार जमातिया इस्तीफा देने वाले आईपीएफटी के तीसरे और गठबंधन के सातवें विधायक है।

गत जून में मुख्यमंत्री पद से देब के इस्तीफा देने के बाद मंत्री मेवर कुमार जमातिया एकमात्र मंत्री थे जिन्होंने अपना पद खो दिया था।

उन्हें वर्ष 2018 में खोवाई के 26-आशराम्बरी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा की सहयोगी आईपीएफटी के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। वह गत मार्च तक आईपीएफटी के महासचिव थे और उन्हें पार्टी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था लेकिन आंतरिक कलह के कारण उन्हें पद से हटाते हुए पार्टी से अलग कर दिया गया था। उसके बाद से वह टीआईपीआरए मोथा सुप्रीमो शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन के संपर्क में थे।

मंत्री मेवर कुमार जमातिया के इस्तीफे के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा में सरकार के 39 विधायक रह गए हैं। इनमें आईपीएफटी के पास पांच और भाजपा के पास 34 विधायक हैं।

पिछले महीने के बीच में धलाई जिले के राइमा घाटी निर्वाचन क्षेत्र से आईपीएफटी विधायक धनंजय ने इस्तीफा दे दिया जिसके बाद वह टीआईपीआरए मोथा में शामिल हो गए थे। एक वर्ष पूर्व सिमना निर्वाचन क्षेत्र के आईपीएफटी विधायक बृशकेतु देबबर्मा ने इस्तीफा देकर मोथा में शामिल हो गए।

राज्य में विपक्षी मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के पास 15, कांग्रेस के पास एक विधायक है और अब पांच सीटें खाली हैं।

वार्ता

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