जीभ के ऑपरेशन के बजाय खतना- अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड

जीभ के ऑपरेशन के बजाय खतना- अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड

बरेली। तोतलेपन के इलाज के लिए जीभ का ऑपरेशन करने के बजाए 2 साल के हिंदू बच्चे की खतना करने के मामले में प्रशासन की ओर से की गई एक बड़ी कार्यवाही के अंतर्गत अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है और अस्पताल में भर्ती मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है। जांच रिपोर्ट 2 दिन में शासन को भेजने की बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से कहीं गई है।


महानगर के डॉक्टर एम खान अस्पताल में शुक्रवार को हिंदू दंपत्ति अपने 2 वर्षीय बेटे के तोतलेपन का इलाज कराने के लिए पहुंचा था। आरोप है कि स्टेडियम रोड स्थित अस्पताल के डॉक्टर ने तोतलेपन का इलाज कराने के लिए आए माता-पिता को जानकारी दिए बिना बच्चे के तालु के ऑपरेशन के बजाय उसकी खतना कर दी। बच्चे की हालत को देखकर माता-पिता के पैरों तले की जमीन खिसक गई और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया था। घटना की जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंचे हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने वहां पर जमकर बवाल काट दिया था। हंगामे की वजह से मची अफरातफरी की जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर हंगामा शांत कराया था।

शनिवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीएमओ को कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने के निर्देश दिए थे। राज्य के डिप्टी चीफ मिनिस्टर का आदेश मिलते ही स्वास्थ्य महकमे में मचे हड़कंप के बीच जांच के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। जांच करने वाली समिति ने डॉक्टर एम खान अस्पताल प्रबंधन के बयान दर्ज करने के बाद रविवार को पीड़ित बयान परिवार के बयान दर्ज किए थे। पीड़ित परिवार ने अपने बयान में अस्पताल प्रबंधन पर सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया और बताया कि अस्पताल के स्टाफ ने अंग्रेजी में लिखी फाइल पर हस्ताक्षर कराए थे जबकि वह अंग्रेजी नहीं जानते हैं।

खतना मामले की जांच करने के लिए गठित की गई कमेटी ने प्रथम दृष्टया अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार माना है। जिसके चलते अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड करते हुए अस्पताल में भर्ती मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है।

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