हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर अगले आदेश तक लगाई रोक

हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर अगले आदेश तक लगाई रोक

नैनीताल । उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर अगले आदेश तक रोक जारी रहेगी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को अगली तिथि तक रोक बढ़ा दी है। इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य महकमे एवं आपदा प्रबंधन विभाग से कोरोना महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिये विभिन्न मुद्दों पर 18 अगस्त तक विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में कोरोना महामारी को लेकर दायर दस जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। आज अदालत में मुख्य सचिव एसएस संधु के अलावा स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, आपदा प्रबंधन सचिव एस मुरूगेशन अदालत में वर्चुअल उपस्थित हुए। मैराथन सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सचिदानंद डबराल की ओर से बताया गया कि अदालत ने विगत 28 जून को चारधाम यात्रा की शुरूआत पर रोक लगा दी थी। रोक आज खत्म हो रही है। जिसे अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है।

सरकार की ओर कहा गया कि मामले को उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी है लेकिन अभी तक कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया गया है। इसके बाद अदालत ने चारधाम यात्रा पर लगायी गयी रोक को अगली तिथि तक बढ़ा दी है। यहां बता दें कि उच्च न्यायालय ने 28 जून को चारधाम यात्रा की शुरूआत (ओपनिंग) पर रोक लगा दी थी।

यही नहीं अदालत के संज्ञान में लाया गया है कि सरकार की ओर से कोरोना से हुई मौतों के मामले में 'डेथ ऑडिट रिपोर्ट' और प्रदेश में डेल्टा वेरियंट के संदिग्ध 300 नमूनों को लेकर भी कोई जवाब नहीं दिया गया है। इसके बाद अदालत ने सरकार को 18 अगस्त से पहले 'डेथ ऑडिट रिपोर्ट' के साथ ही संदिग्ध डेल्टा मरीजों के संबंध में रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है।

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की ओर से बताया गया कि प्रदेश सरकार कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये एकदम तैयार है और केन्द्र सरकार के मानकों के हिसाब से प्रदेश में दुगुने बेड्स की व्यवस्था की गयी है। यही नहीं प्रदेश में आपातकालीन 108 के साथ ही चार सौ से अधिक एम्बुलेंस उपलब्ध हैं और आधुनिक उपकरणों से लेस 41 एम्बुलेंस का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। अभी केन्द्र सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिली है। अदालत ने अगली तिथि तक इन एम्बुलेंस को लेकर भी वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा है। ।

अदालत ने इसके अलावा टीकाकरण को लेकर स्थानीय स्तर पर अभियान चलाने, दिव्यांग, बुजुर्ग एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों के टीकाकरण के लिये सरकारी योजना के संबंध में भी शपथपत्र में उल्लेख करने को कहा है। याचिकाकर्ता रवीन्द्र जुगरान की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रशिक्षु चिकित्सकों के वेतन बढ़ाने के मामले में सरकार की ओर से कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। इसके बाद अदालत नेे सरकार को निर्देश दिया है कि इस बारे में भी आगामी 18 अगस्त तक अदालत को बतायें।

अदालत ने राज्य सरकार को कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में कूड़ा फेंकना और थूकना प्रतिषेध अधिनियम, 2016 का कड़ाई से पालन कराने के भी निर्देश जारी किये हैं।

वार्ता

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